कपिलवस्तु में हर रोज गूंजेंगे महात्मा बुद्ध के विचार

पड़ोसी सिद्धार्थनगर जिले के कपिलवस्तु में अब हर दिन तथागत के विचार गूंजेंगे। इसकी तैयारी हो रही है ।

By Edited By: Publish:Mon, 17 Dec 2018 08:00 AM (IST) Updated:Mon, 17 Dec 2018 10:45 AM (IST)
कपिलवस्तु में हर रोज गूंजेंगे महात्मा बुद्ध के विचार
कपिलवस्तु में हर रोज गूंजेंगे महात्मा बुद्ध के विचार
गोरखपुर, जेएनएन। पड़ोसी सिद्धार्थनगर जिले के कपिलवस्तु में अब हर दिन तथागत के विचार गूंजेंगे। इसके लिए डाक्यूमेंट्री फिल्म बन गई है। पैन इन टेलीकॉम को लाइट एंड साउंड शो संचालित करने का जिम्मा दिया गया है। पर्यटन विभाग ने इसके प्रसारण के लिए भारतीय पुरातत्व विभाग से अनुमति मांगी है। अनुमति मिलने के बाद बुद्ध अनुयायी हर दिन स्तूप दर्शन के साथ भगवान बुद्ध के जीवन से जुड़ी जानकारी देख व सुन सकेंगे।
अभी तक लखनऊ, आगरा, बनारस आदि प्रसिद्ध एवं ऐतिहासिक स्थलों की गाथा प्रतिदिन लाइट एंड साउंड शो के जरिये दिखाई जाती है। कपिलवस्तु उत्तर प्रदेश के सिद्धार्थ नगर जिले में, नेपाल की तराई क्षेत्र में स्थित है। प्राचीन समय में शाक्य वंश की राजधानी के रूप में प्रसिद्ध सिद्धार्थनगर से 20 किलोमीटर और गोरखपुर से 97 किलोमीटर दूर स्थित है। कपिलवस्तु महात्मा बुद्ध के पिता शुद्धोधन के राज्य की राजधानी थी। यहां भगवान बुद्ध ने अपना बचपन सिद्धार्थ के रूप में बिताया था। 29 वर्ष की आयु में घर छोड़कर 12 वर्ष बोधगया से ज्ञान प्राप्त करके लौटे।
वर्तमान में, पिपरहवा और गनवरिया जैसे खूबसूरत गांव कपिलवस्तु का सौंदर्य बढ़ाते हैं। यहां एक प्राचीन स्तूप है। कहा जाता है कि यहां भगवान बुद्ध के अवशेष सुरक्षित हैं। जब युवराज सिद्धार्थ लोगों के कष्ट को देखकर तमाम सुख और विलासता त्यागकर दु:ख के निवारण और मोक्ष के लिए ज्ञान प्राप्ति के लिये निकल पड़े थे। यहां प्राप्त अस्थि अवशेषों को नेशनल म्यूजियम और इंडियन म्यूजियम में देखा जा सकता है। बुद्ध पूर्णिमा पर महाबोधि सोसाइटी इन अस्थि अवशेषों की विशेष पूजा आयोजित करती है। विश्व के अन्य देशों के पर्यटक भी कपिलवस्तु और अस्थि अवशेषों के दर्शनों के लिए आते हैं।
मुख्य स्तूप के बारे में यह भी जानें
यह कपिलवस्तु की सबसे महत्वपूर्ण पुरातात्विक स्थान है जो 1973-76 के मध्य पुरातत्व उत्खनन के दौरान मिला था। यहां कुछ मुहरें और अन्य पुरातात्विक साक्ष्य भी मिले हैं। धन की कमी से काम की रफ्तार धीमी स्वदेश दर्शन योजना के तहत कपिलवस्तु में पर्यटकीय विकास के लिए में 35 करोड़ धन की मंजूरी हुई। नौ माह पूर्व सरकार ने पहली किस्त के रूप में 2.98 करोड़ धन अवमुक्त भी कर दिया। कार्यदायी संस्था ने इस बीच हवाई पट्टी, गेस्ट हाऊस का काम तेजी से कराया। इसी बीच पैसा समाप्त हो गया। दूसरा किस्त न आने से निर्माण कार्य की रफ्तार धीमी हो गई।
कब से शुरु होगा लाइट एंड साउंड शो
पर्यटन विभाग के जिम्मेदारों की माने तो लाइट एंड साउंड शो शुरु होने में अभी समय लगेगा। जिस स्थान पर इसे संचालित करना है वहां काम चल रहा है। और धन की दरकार है। अगर काम का रफ्तार यही रहा तो लाइट एंड साउंड शो चालू होने में साल भर से अधिक समय लग सकता है। क्षेत्रीय पर्यटन अधिकारी अर¨वद राय ने कहा कि भारत सरकार की स्वदेश दर्शन योजना के तहत कपिलवस्तु में लाइट एंड साउंड शो के माध्यम से भगवान बुद्ध के जीवन से जुड़े इतिहास को दिखाया जाएगा। पैन इन टेलीकॉम कंपनी को संचालित करने की जिम्मेदारी मिली है। हालांकि धन अभाव के नाते निर्माण कार्य की रफ्तार धीमी है। इससे प्रतीत होता है कि शो प्रसारण में लंबा समय लग सकता है।
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