माफिया रामू द्विवेदी की जमानत याचिका खारिज, तबीयत बिगड़ी तो अस्‍पताल में कराया गया भर्ती

माफिया व बसपा के पूर्व एमएलसी संजीव द्विवेदी रामू की रंगदारी मांगने के मामले में दाखिल जमानत याचिका प्रभारी मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत ने खारिज कर दी है। उधर दोपहर बाद देवरिया जेल में रामू की हालत बिगड़ने पर उसे जिला अस्‍पताल में भर्ती कराया गया है।

By Rahul SrivastavaEdited By: Publish:Fri, 18 Jun 2021 09:45 AM (IST) Updated:Fri, 18 Jun 2021 09:45 AM (IST)
माफिया रामू द्विवेदी की जमानत याचिका खारिज, तबीयत बिगड़ी तो अस्‍पताल में कराया गया भर्ती
जिला अस्पताल में इलाज के लिए जाता माफिया पूर्व एमएलसी संजीव द्विवेद्वी उर्फ रामू। जागरण

गोरखपुर, जेएनएन : माफिया व बसपा के पूर्व एमएलसी संजीव द्विवेदी रामू की रंगदारी मांगने के मामले में दाखिल जमानत याचिका प्रभारी मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत ने खारिज कर दी है। उधर दोपहर बाद देवरिया जेल में रामू की हालत बिगड़ने पर उसे जिला अस्‍पताल में भर्ती कराया गया है।

जमानत याचिका की गई दाखिल

देवरिया शहर के व्यापारी निकुंज अग्रवाल से रंगदारी मांगने के मामले में माफिया संजीव द्विवेदी की जमानत के लिए प्रभारी मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट आदित्य जायसवाल की अदालत में अधिवक्ता राजेश यादव के जरिये जमानत याचिका दाखिल की गई। बचाव पक्ष के सभी दलीलों को नकारते हुए अदालत ने अभियोजन की दलीलों को सुनकर जमानत देने का पर्याप्त आधार नहीं पाया। बचाव पक्ष के वकीलों ने तर्क दिया कि रामू के मामले में दाखिल प्रपत्र में अपराध संख्या में गड़बड़ी की गई है, अभियुक्त को लाभ मिलना चाहिए।

लिपिकीय त्रुटि के लिए गंभीर मामले में आरोपित को नहीं दी जा सकती जमानत

अभियोजन पक्ष की दलील थी कि वर्ष 2012 में थाना कोतवाली में कंप्यूटर प्रणाली न होने के कारण प्रथम सूचना रिपोर्ट मैनुअल दर्ज होता था, त्रुटिवश अपराध संख्या 2228 दर्ज हो गया। जबकि मामले की विवेचना उसी दिन विवेचक ने प्रारंभ कर दी और विवेचना के पहले पर्चे में ही अपराध संख्या 2230 लिखा है। अदालत ने पाया कि छोटी सी लिपिकीय त्रुटि के लिए गंभीर मामले में आरोपित को जमानत नहीं दी जा सकती है। उसके बाद जमानत अर्जी खारिज कर दी गई।

माफिया की बिगड़ी हालत, जिला अस्पताल में भर्ती

रंगदारी मांगने के मामले में जिला जेल के बैरक संख्या सात में बंद माफिया संजीव द्विवेदी उर्फ रामू की हालत बिगड़ गई। इसके बाद उसे जेल चिकित्सक ने जांच किया और जिला अस्पताल रेफर कर दिया। जिला अस्पताल के इमरजेंसी में तैनात चिकित्सक व अन्य चिकित्सक ने भी माफिया की जांच की। जांच में पाया कि शुगर ज्यादा बढ़ गया है। इसके अलावा सीने में दर्द, पैर में झनझनाहट, सांस लेने में दिक्कत हो रही है। इसके बाद चिकित्सकों ने अस्पताल में भर्ती कर लिया।

28 मई को ही तैयार हो गई थी रामू को गिरफ्तार करने की पटकथा

विवेचना में लापरवाही व वादी की दोहरी भूमिका ने रामू की मुसीबतें बढ़ा दी है। 2012 में थाना कोतवाली में वादी निकुंज अग्रवाल ने प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज कराई और पूर्व एमएलसी समेत 12 लोगों पर रंगदारी मांगने का आरोप लगाया। दर्ज मुकदमे की विवेचना की रफ्तार इतनी धीमी रही कि 30 दिसंबर 2014 को वादी निकुंज अग्रवाल ने प्रभारी निरीक्षक कोतवाली को शपथ पत्र देते हुए यह मांग की थी कि वह कोई कानूनी कार्रवाई नहीं करना चाहता है, इसलिए मुकदमा समाप्त कर दिया जाए। वादी के शपथ पत्र को आधार मानते हुए विवेचक तत्कालीन उप निरीक्षक दयाशंकर दुबे ने एक सितंबर 2015 को फाइनल रिपोर्ट लगा दिया। मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत में फाइनल रिपोर्ट प्राप्त होने के बाद वादी को नोटिस जारी होती रही, लेकिन वादी उपस्थित नहीं हआ। पुन: निकुंज अग्रवाल ने 28 मई 2021 को प्रभारी निरीक्षक कोतवाली को दोबारा विवेचना के लिए पत्र सौंपा।

तीन जून को विवेचना करने का पुलिस अधीक्षक ने दिया आदेश

पुलिस अधीक्षक ने तीन जून 2021 को अग्रेतर विवेचना करने का आदेश दे दिया। दूसरे ही दिन चार जून 2021 को प्रभारी निरीक्षक ने मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत को यह अवगत कराते हुए की मामले में नए तथ्य व ठोस साक्ष्यों से संज्ञेय व गंभीर अपराध होना पाया जा रहा है। ऐसे में पूर्व की केस डायरी के अवलोकन की अनुमति दिया जाना आवश्यक है। रामू व उसके सहयोगियों के विरुद्ध के खिलाफ आरोप पत्र कोतवाल राजू सिंह ने तैयार कर लिया है। इस मामले में न्यायालय में चार्जशीट दाखिल करने की पुलिस की तैयारी है।

chat bot
आपका साथी