भारत दर्शन यात्रा ट्रेनों में बनेंगे आइसोलेशन वार्ड, आठ बेड का होगा वार्ड
Covid-19 Omicron Variant कोविड का नया वैरिएंट सामने आने के बाद रेलवे प्रशासन के साथ आइआरसीटीसी ने सतर्कता बढ़ा दी है। संक्रमण से पुख्ता बचाव के लिए आइआरसीटीसी ने गोरखपुर सहित एनईआर के विभिन्न स्टेशनों से चलने वाली भारत दर्शन यात्रा ट्रेनों में आइसोलेशन वार्ड बनाने का निर्णय लिया है।
गोरखपुर, जागरण संवाददाता। कोविड का नया वैरिएंट सामने आने के बाद रेलवे प्रशासन के साथ इंडियन रेलवे कैटरिंग एंड टूरिज्म कारपोरेशन (आइआरसीटीसी) ने सतर्कता बढ़ा दी है। संक्रमण से पुख्ता बचाव के लिए आइआरसीटीसी ने गोरखपुर सहित पूर्वोत्तर रेलवे के विभिन्न स्टेशनों से चलने वाली भारत दर्शन यात्रा ट्रेनों में आइसोलेशन वार्ड बनाने का निर्णय लिया है। ताकि, रास्ते में अचानक किसी की तबीयत खराब होने पर उसे वार्ड में शिफ्ट किया जा सके।
स्लीपर कोच में बनेगा वार्ड
वार्ड स्लीपर कोच के ही एक केबिन को बनाया जाएगा। जिसमें आठ बर्थ निर्धारित रहेंगी। इस वार्ड में प्राथमिक दवाइयां व सुरक्षा उपकरण उपलब्ध रहेंगे। इस वार्ड में शिफ्ट यात्रियों को दूसरे केबिन में बैठने या सोने की इजाजत नहीं होगी। वार्ड की नियमित बेहतर साफ-सफाई होती रहेगी। ट्रेन के साथ चलने वाले सुपरवाइजर वार्ड में शिफ्ट मरीज का उपचार अगले स्टेशन पर करना सुनिश्चित करेंगे।
12 से 15 दिन तक होता है टूर पैकेज
जानकारों के अनुसार भारत दर्शन यात्रा ट्रेनों का टूर पैकेज 12 से 15 दिनों का होता है। जिसमें पांच से सात सौ लोग एक साथ विभिन्न शहरों का भ्रमण करते हैं। संक्रमण की आशंका बढ़ जाती है। ऐसे में सभी यात्रियों की सुरक्षा को देखते हुए इस नई व्यवस्था की योजना बनाई गई है। आइआरसीटीसी ने यात्रा के दौरान कोरोना रोधी टीका के दोनों प्रमाण पत्र को भी अनिवार्य कर दिया है। यानी, दोनों टीका लगवाने वाले लोगों को भी यात्रा की अनुमति मिलेगी।
कोरोना की दूसरी लहर खत्म होने के बाद शुरू हुई है भारत दर्शन यात्रा ट्रेनें
दरअसल, कोरोना की दूसरी लहर के बाद स्थिति सामान्य होते ही गोरखपुर सहित विभिन्न स्टेशनों से बड़ी संख्या में भारत दर्शन यात्रा ट्रेनें चलने लगी हैं। 23 दिसंबर को ही एक ट्रेन गोरखपुर वापस आई है। चार जनवरी को गोरखपुर से सात ज्योतिर्लिंग दर्शन यात्रा ट्रेन रवाना होगी। इस ट्रेन के सभी टिकट बुक हो गए हैं। जल्द ही ही दूसरी ट्रेन संचालित करने की मांग भी उठने लगी है।