बीमा कंपनी ने छोड़ा मैदान, अधर में तीन लाख किसान Gorakhpur News

कृषि का बीमा करने से बीमा कंपनी द्वारा पीछे हट जाने से गोरखपुर के तीन लाख किसान अधर में हैं।

By Pradeep SrivastavaEdited By: Publish:Mon, 20 Jul 2020 01:39 PM (IST) Updated:Mon, 20 Jul 2020 01:39 PM (IST)
बीमा कंपनी ने छोड़ा मैदान, अधर में तीन लाख किसान Gorakhpur News
बीमा कंपनी ने छोड़ा मैदान, अधर में तीन लाख किसान Gorakhpur News

गोरखपुर, जितेन्द्र पाण्डेय  खरीफ के लिए जुलाई में ही फसलों का बीमा होता है, लेकिन गोरखपुर जिले में ऐन वक्त बीमा कंपनी ने काम करने से इन्कार कर दिया है। हालांकि इसकी वजह नहीं पता चल सकी है। जुलाई बीतने में सिर्फ 10 दिन शेष हैं। फिलहाल किसी दूसरी कंपनी से करार भी नहीं हो सका है। इससे जिले के तीन लाख किसान असमंजस में हैं कि उनका क्या होगा।

गोरखपुर में ढाई से तीन लाख हैं केसीसी धारक किसान

गोरखपुर में फसल बीमा के क्षेत्र में यूनिवर्सल सोम्पो जनरल इंश्योरेंस कंपनी पिछले दो वर्षों से काम कर रही थी। बीते 31 मार्च को उसकी समय सीमा पूरी हो गई। इसके बाद कृषि विभाग के अधिकारियों को मौखिक तौर पर आश्वस्त किया गया कि यहां एग्रीकल्चर इंश्योरेंस कंपनी फसल बीमा का काम करेगी। बीमा की अंतिम तिथि 31 जुलाई है। इसे ध्यान में रखकर ही जिले के सभी कृषि अधिकारी किसानों को फसल बीमा के लिए जोर दे रहे थे।

बीमा कंपनी जल्द फाइनल नहीं हुई तो होगा बड़ा नुकसान

विभाग ने यह भी कहा था कि केसीसी (किसान क्रेडिट कार्ड) के लिए किसान यदि फसल बीमा नहीं लेना चाहते हैं, तो वह संबंधित बैंक में 24 जुलाई तक आवेदन दे दें, ताकि बीमे की राशि उनके खाते से न काटी जाए। जिले में करीब ढाई से तीन लाख केसीसी धारक हैं। इधर एग्रीकल्चर इंश्योरेंस कंपनी ने यहां काम करने से इन्कार कर दिया है। विभाग को इसकी जानकारी हुई, तो स्थानीय अधिकारियों ने आनन-फानन लखनऊ निदेशालय को पत्र भेजकर यहां के लिए घोषित कंपनी के बारे में जानकारी करनी चाही। पता चला कि अभी दूसरी कंपनी के लिए टेंडर नहीं हो सका है। जल्द ही टेंडर हो जाएगा।

कैसे होगी बाढ़ से नुकसान की भरपाई

जिले में 15 हजार हेक्टेयर से अधिक खेत बाढ़ से प्रभावित हैं। सब्जी, धान सहित अन्य फसलों के डूबने से किसान ङ्क्षचतित हैं। समय पर बीमा न होने से किसानों के नुकसान का मुआवजा भी अधर में होगा। बिना बीमा के किसान क्षतिपूर्ति का दावा कहां करेंगे।

बीमा कंपनी के इन्कार को लेकर अभी स्पष्ट रूप से कुछ कहा नहीं जा सकता है। निदेशालय को पत्र लिखा गया था। दूसरी कंपनी का नाम जल्द ही फाइनल हो जाएगा। उसके बाद फसलों का बीमा भी शीघ्र हो जाएगा। - डॉ संजय सिंह, उप निदेशक कृषि। 

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