ऐसे तो डूब जाएगा पावर काॅर्पोरेशन, यहां 98 फीसद है लाइन लास Gorakhpur News

गोरखपुर शहर क्षेत्र का कांशीराम फीडर हो या गोरखपुर ग्रामीण द्वितीय खंड का बेलघाट दोनों क्षेत्रों में बिजली निगम के पास केवल करीब दो फीसद बिजली का ही हिसाब है।

By Pradeep SrivastavaEdited By: Publish:Tue, 11 Feb 2020 10:01 PM (IST) Updated:Wed, 12 Feb 2020 07:11 PM (IST)
ऐसे तो डूब जाएगा पावर काॅर्पोरेशन, यहां 98 फीसद है लाइन लास Gorakhpur News
ऐसे तो डूब जाएगा पावर काॅर्पोरेशन, यहां 98 फीसद है लाइन लास Gorakhpur News

गोरखपुर, जेएनएन। गोरखपुर शहर क्षेत्र का कांशीराम फीडर हो या गोरखपुर ग्रामीण द्वितीय खंड का बेलघाट, दोनों क्षेत्रों में बिजली निगम के पास केवल करीब दो फीसद बिजली का ही हिसाब है। शेष बिजली कहां गई, इसका कोई रिकॉर्ड नहीं। बिजली निगम ने जोन में औसत से अधिक लाइन लॉस वाले 54 फीडरों का चयन किया है। लाइन लॉस रोकने के लिए वहां क्लीन अप अभियान चलाया जा रहा है।

यह है स्थिति

नगरीय विद्युत वितरण खंड प्रथम के अंतर्गत आने वाले काशीराम फीडर के अंतर्गत ऐसे 501 उपभोक्ता हैं, जिनता बिल बनता है। यहां 10 हजार से ऊपर बकाया वाले 414 उपभोक्ता हैं। पर, इस क्षेत्र का लाइन लॉस 97.80 फीसद है। यानी केवल 2.20 फीसद की जानकारी ही विभाग के पास है। इसी प्रकार गोरखपुर ग्रामीण द्वितीय के सिकरीगंज वितरण खंड के अंतर्गत बेलघाट फीडर में लाइन लॉस 97.90 है, यहां केवल 2.10 फीसद बिजली की जानकारी ही निगम को है। गोरखपुर जोन के चार जिलों में शहर एवं कस्बाई क्षेत्र के 20 फीडरों में 30 फीसद से अधिक लाइन लॉस है, जबकि ग्रामीण क्षेत्र के 34 फीडरों में लाइन लॉस 50 फीसद से अधिक है। क्लीन अप अभियान के तहत शहरी क्षेत्र में लाइन लॉस 15 जबकि ग्रामीण क्षेत्र में 25 फीसद लाने का लक्ष्य है।

क्या है लाइन लॉस

लाइन लॉस को एग्रीगेट टेक्निकल एंड कॉमर्शियल (एटीएंडसी) के नाम से जाना जाता है। यदि बिजली निगम को 100 यूनिट बिजली मिली और अंतिम उपभोग के रूप में 90 यूनिट का रिकॉर्ड मिला तो शेष 10 यूनिट को लाइन लॉस मान लिया जाता है। यह माना जाता है कि जितना बिल बिजली निगम को मिलना चाहिए, उतना नहीं मिल रहा। इसके जर्जर उपकरण, बिजली चोरी जैसे कई कारण होते हैं।

जोन में 54 ऐसे फीडर हैं, जहां लाइन लॉस औसत से अधिक है। उन्हें चिह्नित किया गया है। क्लीन अप अभियान के जरिए इसे पूरी तरह दुरुस्त कर लिया जाएगा। - ई. देवेंद्र सिंह, मुख्य अभियंता

बक्शीपुर में रिचार्ज नहीं हो रहे प्रीपेड मीटर

केस एक : द्वारिकापुरी राजेंद्रनगर निवासी अक्षय कुमार पहले बक्शीपुर उपकेंद्र पर गए, लेकिन प्रीपेड मीटर रिचार्ज नहीं हुआ। टाउनहाल उपकेंद्र से भी निराशा हाथ लगी। अभी तक मीटर रिचार्ज नहीं हो पाया है।

केस दो : ऊंचवा निवासी सफीर अहमद ने बक्शीपुर में मीटर रिचार्ज कराने की कोशिश की लेकिन, उन्हें निराश होना पड़ा। टाउनहाल पर गए तो वहां स्टाफ नहीं था। अधिशासी अभियंता ने मोहद्दीपुर भेजकर रिचार्ज करवाया।

नगरीय विद्युत वितरण खंड में प्रीपेड मीटर रिचार्ज कराने जाने वाले उपभोक्ताओं को निराश होना पड़ रहा है। पिछले कई दिनों से मीटर रिचार्ज के लिए कोड जनरेट करने वाली मशीन खराब पड़ी है। यहां से कर्मचारी उपभोक्ताओं को दूसरे उपकेंद्रों पर जाकर रिचार्ज कराने की सलाह दे रहे हैं। शहर में करीब आठ हजार विद्युत उपभोक्ताओं के यहां प्रीपेड मीटर लगाए गए हैं। उनके रिचार्ज के लिए चारो नगरीय विद्युत वितरण खंडों पर व्यवस्था है, लेकिन बक्शीपुर में इसके लिए लगाई गई मशीन खराब होने से रिचार्ज नहीं हो पा रहा है। वहां से निराश होकर उपभोक्ता नजदीक के उपकेंद्र टाउनहाल पहुंच रहे हैं, लेकिन वहां भी अधिकतर को राहत नहीं मिल रही। मजबूरन विद्युत वितरण खंड तृतीय मोहद्दीपुर जाकर रिचार्ज कराना पड़ रहा है। उपभोक्ता मोबाइल में सहज लिबर्टी एप डाउनलोड कर रिचार्ज करा सकते हैं, लेकिन ऑनलाइन रिचार्ज में भी उनका अनुभव ठीक नहीं है।

क्या कहते हैं अधिकारी

नगरीय विद्युत वितरण खंड द्वितीय बक्शीपुर के अधिशासी अभियंता वाईएन राम ने बताया कि उनके यहां मशीन खराब है, उसे बदलने के लिए लिखा गया है। उपभोक्ता ऑनलाइन रिचार्ज भी करा सकते हैं। वितरण खंड प्रथम के अधिशासी अभियंता नवनीत कुमार ने बताया कि उनके यहां एक काउंटर प्रभावित था, कुछ उपभोक्ताओं को मोहद्दीपुर जाने की सलाह दी गई थी। रिचार्ज पूरी तरह बंद नहीं है।

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