फ्लैश बैक : देवरिया में तीन सीट पर बसपा व एक सीट पर सपा उम्मीदवार की जब्त हुई थी जमानत

जनप्रतिनिधित्व कानून 1951 की धारा 158 में उम्मीदवारों की तरफ से जमा की गई राशि के लौटाने के तरीकों के बारे में बताया गया है। किसी निर्वाचन क्षेत्र में डाले गए कुल विधिमान्य मतों का 1/6 से कम वोट मिलते हैं तो उसकी जमानत जब्त मान ली जाती है

By Navneet Prakash TripathiEdited By: Publish:Wed, 26 Jan 2022 09:05 AM (IST) Updated:Wed, 26 Jan 2022 09:05 AM (IST)
फ्लैश बैक : देवरिया में तीन सीट पर बसपा व एक सीट पर सपा उम्मीदवार की जब्त हुई थी जमानत
देवरिया में तीन सीट पर बसपा व एक सीट पर सपा उम्मीदवार की जब्त हुई थी जमानत। प्रतीकात्‍मक फोटो

गोरखपुर, पवन कुमार मिश्र। वर्ष 2017 का विधानसभा चुनाव देवरिया जिले में कई मायने में अलग था। जनपद की सात सीटों में भाजपा ने छह तो सपा एक सीट पर जीत हासिल करने में सफल हुई थी। सपा-कांग्रेस गठबंधन के बाद भी बरहज सीट पर सपा उम्मीदवार की जमानत जब्त हो गई। सबसे खराब हालत बसपा की रही। जीत का स्वाद चखना तो दूर रुद्रपुर, देवरिया व पथरदेवा सीट पर बसपा उम्मीदवार जमानत तक नहीं बचा सके।

रुद्रपुर में 12 उम्‍मीदवार थे मैदान में

336 विधानसभा रुद्रपुर में कुल 12 उम्मीदवार चुनाव मैदान में थे, जिसमें एक महिला समेत 10 लोगों की जमानत जब्त हो गई। भाजपा उम्मीदवार जयप्रकाश निषाद ने 48.06 फीसद वोट पाकर जीत हासिल की। जबकि कांग्रेस उम्मीदवार अखिलेश प्रताप सिंह ने 31.50 फीसद वोट मिले। बसपा उम्मीदवार चंद्रिका निषाद की जमानत जब्त हो गई। उन्हें 14.27 फीसद वोट से संतोष करना पड़ा।

देवरिया विधानसीभा से 15 ने ठोकी थी ताल

337 देवरिया विधानसभा सीट पर 15 में दो महिला समेत 13 लोगों की जमानत जब्त हो गई। भाजपा के जन्मेजय सिंह ने 48.41 फीसद वोट पाकर जीत हासिल की। सपा उम्मीदवार जेपी जायसवाल ने 22.98 फीसद वोट पाकर जमानत बचा ली। बसपा के अभयनाथ त्रिपाठी की जमानत जब्त हो गई। उन्हें मात्र 16.07 फीसद वोट मिला था। 338 पथरदेवा विधानसभा सीट पर कुल 14 में भाजपा व सपा दो उम्मीदवार को छोड़कर शेष 12 की जमानत जब्त हो गई। भाजपा के सूर्यप्रताप शाही 52.49 फीसद वोट पाकर विजयी हुए। सपा के शाकिर अली को 29.88 व बसपा के नीरज वर्मा को 11.98 फीसद वोट मिले थे।

रामपुर कारखाना विधानसभा से थे 13 उम्‍मीदवार

339 रामपुर कारखाना विधानसभा सीट पर कुल 13 उम्मीदवारों में 10 लोगों की जमानत जब्त हो गई। भाजपा के कमलेश शुक्ला 33.04 फीसद मत पाकर विजयी हुए थे। जबकि सपा की गजाला लारी को 27.79 व निर्दल उम्मीदवार गिरजेश उर्फ गुड्डू शाही को 21.97 फीसद वोट पाकर जमानत बचा ली। 340 भाटपाररानी सीट पर कुल 14 में 11 उम्मीदवारों की जमानत जब्त हो गई थी। सपा के आशुतोष उपाध्याय 34.48 फीसद वोट पाकर विधायक चुने गए। भाजपा के जयनाथ कुशवाहा उर्फ गुड्डन ने 28.29 फीसद व बसपा के सभाकुंवर ने 24.61 फीसद वोट पाकर जमानत बचा ली।

सलेमपुर सुरक्षित से भाजपा उम्‍मीदवार को मिली थी विजय

341 सलेमपुर सुरक्षित सीट पर भाजपा के काली प्रसाद 47.47 फीसद मत पाकर विजयी हुए। सपा की विजयलक्ष्मी को 31.48 फीसद वोट मिला। जबकि बसपा के रणविजय ने 17.54 फीसद वोट पाकर जमानत बचा ली। 342 बरहज विधानसभा सीट पर भाजपा के सुरेश तिवारी 37.06 फीसद वोट पाकर विधायक चुने गए। बसपा के मुरली मनोहर जायसवाल ने 30.06 फीसद वोट पाकर जमानत बचा ली। सपा के पुर्णेंदु उर्फ पीडी तिवारी को 16.59 फीसद वोट मिले। उनकी जमानत जब्त हो गई।

छठे भाग से कम वोट मिलने पर होता है जमानत जब्त

जनप्रतिनिधित्व कानून 1951 की धारा 158 में उम्मीदवारों की तरफ से जमा की गई राशि के लौटाने के तरीकों के बारे में बताया गया है। यदि किसी प्रत्याशी को किसी निर्वाचन क्षेत्र में डाले गए कुल विधिमान्य मतों की संख्या के छठे भाग (16.66 फीसद) या 1/6 से कम वोट मिलते हैं तो उसकी जमानत जब्त मान ली जाती है, अर्थात इस उम्मीदवार की तरफ से चुनाव आयोग के पास जो राशि जमा की गई थी। वह उसको वापस नहीं मिलेगी यानी जमा राशि आयोग की हो जाती है। इसे प्रत्याशी की जमानत जब्त होना कहा जाता है।

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