Coronavirus in gorakhpur: कोरोना हो या न हो, लक्षण हैं तो दवाएं जरूर लें और यात्रा पर लगाएं रोक Gorakhpur News

जिला स्वास्थ्य शिक्षा एवं सूचना अधिकारी केएन बरनवाल ने बताया कि पत्र में यह भी कहा गया है कि उन व्यक्तियों की आरटीपीसीआर जांच पुन न की जाए जो एंटीजन या आरटीपीसीआर जांच में कोविड पाजिटिव हो चुके हैं।उन्‍हें दवा जरूर दें।

By Satish Chand ShuklaEdited By: Publish:Thu, 03 Jun 2021 08:30 AM (IST) Updated:Thu, 03 Jun 2021 06:41 PM (IST)
Coronavirus in gorakhpur: कोरोना हो या न हो, लक्षण हैं तो दवाएं जरूर लें और यात्रा पर लगाएं रोक Gorakhpur News
कोरोना वायरस के संक्रमण का प्रतीकात्‍मक फाइल फोटो, जेएनएन।

गोरखपुर, जेएनएन। एंटीजन की रिपोर्ट निगेटिव आने पर भी यदि लक्षण हैं तो उसे कोरोना की दवा दी जाए, साथ ही रीयल टाइम पालीमरेज चेन रियेक्शन (आरटीपीसीआर) जांच रिपोर्ट आने तक ऐसे मरीजों को होम आइसोलेशन में ही रखा जाए। उन्हें दूसरे जिले या राज्य में जाने पर रोक लगाई जाए।

यह निर्देश अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य अमित मोहन प्रसाद ने प्रदेश के सभी मुख्य चिकित्साधिकारियों को दिया है।  जिला स्वास्थ्य शिक्षा एवं सूचना अधिकारी केएन बरनवाल ने बताया कि पत्र में यह भी कहा गया है कि उन व्यक्तियों की आरटीपीसीआर जांच पुन न की जाए जो एंटीजन या आरटीपीसीआर जांच में कोविड पाजिटिव हो चुके हैं। जो मरीज होम आइसोलेशन के बाद स्वस्थ हो चुके हैं उनकी दोबारा कोविड जांच कराने की आवश्यकता नहीं है। लक्षण युक्त व्यक्तियों को दूसरे जिलों व राज्यों में भ्रमण से रोकना है। दूरस्थ क्षेत्रों में एंटीजन जांच के लिए बूथ बनाने के भी निर्देश मिले हैं। जांच के विवरण में टीकाकरण की स्थिति को दर्ज किया जाना है और प्रत्येक एंटीजन जांच का विवरण पोर्टल पर भी अपडेट करने का दिशा-निर्देश मिला है। अगर कोई व्यक्ति बुखार, खांसी, सिरदर्द, गले में खराश, सांस फूलने, स्वाद एवं गंध जाने, कमजोरी और डायरिया जैसे लक्षणों से ग्रसित है तो उसे कोविड-19 के रोगी जैसा ही समझना है। जब तक की आरटीपीसीआर जांच रिपोर्ट निगेटिव न आ जाए। 

गोरखपुर अब आंशिक कर्फ्यू से मुक्‍त होने की स्थिति में

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के ट्रेस, टेस्ट और ट्रीट के फार्मूले से जिले में कोरोना संक्रमण पर काफी हद तक काबू पाया जा चुका है। संक्रमितों की संख्या घटकर दहाई में पहुंच गई है। स्वस्थ होने वालों की संख्या कई गुना अधिक है। प्रतिदिन 50 से 80 के बीच संक्रमित मिल रहे हैं और स्वस्थ होने वालों की संख्या 300 से ज्यादा है। अगर इसी तरह मरीजों की संख्या कम होती गई और ठीक होने वाले मरीजों की संख्या बढ़ती गई तो जिला चार से पांच दिनों में आंशिक कर्फ्यू से मुक्ति पा लेगा। मई माह के तीसरे सप्ताह से कोरोना संक्रमण के नए मामलों में कमी आने तथा पहले से भर्ती मरीजों के स्वस्थ होने से अस्पतालों में बेड की किल्लत पूरी तरह समाप्त हो गई है। कोविड के करीब 30 अस्पताल ऐसे हैं जहां कोई भी संक्रमित भर्ती नहीं है या भर्ती होने वालों की संख्या एक-दो है। कोविड अस्पतालों में लगभग 82 फीसद बेड खाली हो चुके हैं। बेड उपलब्धता को लेकर सरकारी पोर्टल पर अपलोड आंकड़ों के मुताबिक सभी कोविड अस्पतालों में उपलब्ध 2142 बेडों के सापेक्ष मंगलवार दोपहर तक 1777 बेड खाली थे।

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