पति ने ही की थी ब्यूटी पार्लर संचालिका की हत्या
मामूली विवाद में पति ने ही की थी सूर्य विहार कालोनी में ब्यूटी पार्लर चलाने वाली रेनू सिंह की हत्या। जांच में पुलिस ने किया खुलासा।
गोरखपुर (जेएनएन)। सूर्य विहार कालोनी में ब्यूटी पार्लर चलाने वाली जीआरपी इंस्पेक्टर की बहन रेनू सिंह की हत्या उनके पति ने ही की थी। चौबीस घंटे के अंदर इस घटना का पर्दाफाश करते हुए पुलिस ने पति को गिरफ्तार कर लिया है। उसकी निशानदेही पर घटना में प्रयुक्त सिलबट्टा कालोनी के बाहर एक नाले से बरामद किया गया है। एसएसपी ने शलभ माथुर ने बताया कि सोमवार की शाम से ही चल रहे विवाद में आधी रात में पति ने उनकी हत्या कर दी थी। पुलिस को गुमराह करने के लिए कमरे में सामान बिखेर कर उसने लूट की कहानी गढ़ी थी।
हत्या कर खुद दी पुलिस को सूचना
तिवारीपुर क्षेत्र के सूर्य विहार कालोनी सुनील सिंह की पत्नी रेनू सिंह (40) की सोमवार की रात में हत्या कर दी गई थी। मंगलवार को तड़के सुनील सिंह ने इसकी सूचना पुलिस को दी। बाद में मौके पर पहुंची पुलिस को उन्होंने बताया कि भोर में 3.30 बजे वह टहलने निकल गए थे। एक घंटे बाद 4.30 बजे घर लौटे तो प्रथम तल पर कमरे में बेड पर पत्नी की लाश मिली। उनके शरीर पर मौजूद गहने गायब थे तथा आलमारी खुली हुई थी। इसी आधार पति ने लूट के लिए हत्या करने की आशंका जताई थी। एसएसपी ने बताया कि गहराई से छानबीन शुरू होने पर रेनू सिंह का पति सुनील सिंह संदेह के दायरे में आता गया। उनके द्वारा बताए जा रहे घटनाक्रम और घटनास्थल के हालत एक-दूसरे से मेल नहीं खा रहे थे। इसी आधार पर सुनील सिंह को हिरासत में लिया गया।
कबूल किया गुनाह
पूछताछ में उसने अपना जुर्म कबूल कर लिया और बताया कि सोमवार को शाम को पत्नी की तबीयत खराब हो गई थी। उनको डाक्टर के यहां ले जाने के लिए वह अपनी बहन के घर से कार मंगाना चाह रहा था, लेकिन पत्नी इसके लिए तैयार नहीं थी। इसी बात पर उनके बीच विवाद शुरू हो गया। शाम को शुरू हुआ विवाद देर रात तक चलता रहा। इस बीच रेनू सिंह ने अपने इंस्पेक्टर भाई का जिक्र करते हुए उन्हें अंजाम भुगतने की धमकी दे डाली। इसी बात से चिढ़कर उसने सिलबट्टे से उनके सिर पर ताबड़तोड़ प्रहार कर मौत के घाट उतार दिया।
रात में 12.30 बजे के आसपास कर दी थी हत्या
दो माह पहले रेनू सिंह का एपेंडिक्स का आपरेशन हुआ था। तब से वह बेड रेस्ट पर थीं। सोमवार की शाम को उनके बीच विवाद शुरू हो गया। इसी बीच रात में 12 बजे के आसपास रेनू सिंह ने उल्टी भी की थी। उनके उल्टी करने की आवाज भूमि तल पर रहने वाले किरायेदारों ने भी सुनी थी। उल्टी करने के बाद विवाद और बढ़ गया। 12.30 बजे के आसपास पत्नी ने इंस्पेक्टर भाई की धमकी दी तो उसने आपा खो दिया।
तीन घंटे तक तैयार करता रहा क्राइम सीन
पत्नी की मौत के बाद सुनील सिंह पहले तो घबरा गया लेकिन बाद में उसने लूट के लिए हत्या की कहानी तैयार की। कहानी के अनुसार पत्नी के कान से झुमके नोच लिए और आलमारी खोल कर सामान फैला दिया। ताकि लूट की कहानी सुनाई जा सके। इसके बाद पत्नी के शव को उठाकर बेड पर रखा और फर्श की सफाई की। घटना में प्रयुक्त सिलबट्टा 3.15 बजे के आसपास झोले में रखकर घर से निकला और कालोनी के बाहर नाले में फेंक आया। वहां से लौटकर उसने बगल में रहने वाले पत्नी के भाई के परिवार को उनकी हत्या की सूचना दी।
सूख चूके खून और अकड़े शव से हुआ पति पर संदेह
घटना की सूचना मिलने पर एसएसपी व अन्य अधिकारी मौके पर पहुंच गए। उनकी पूछताछ में सुनील ने टहलने जाने और लौटकर आने पर पत्नी की हत्या होने की गढ़ी हुई कहानी सुनाई। एसएसपी के मुताबिक उसी समय उसकी कहानी में कई झोल नजर आ रहे थे। सूखकर पपड़ी बन चुके खून की वजह से भी सुनील की कहानी पर शक हुआ। मृतका का शरीर भी अकड़ गया था। ऐसा मौत के कम से काम पांच घंटे बाद ही होता है।
सीसीटीवी फुटेज ने खोला राज
हत्या के बाद पहुंची पुलिस को सुनील ने बताया था कि जब वह टहलकर लौट रहा था तो तीन संदिग्ध लोग घर के मोड़ पर उसे मिले थे। उसने उन्हीं लोगों के हत्या करने की आशंका जताई थी। इसी आधार पर पुलिस ने कालोनी में किसी घर के बाहर लगे सीसी टीवी कैमरा खोजना शुरू किया। सुनील सिंह के घर से थोड़ी दूरी पर एक घर के बाहर लगा सीसी टीवी कैमरा मिल गया। उसकी फुटेज में भोर में 3.27 बजे सुनील हाथ में झोला लटकाए हुए जाते दिखाई दिया। इसी आधार पर हिरासत में लिए जाने पर वह टूट गया।
पर्दाफाश में इन्होंने निभाई अहम भूमिका
एसपी सिटी विनय कुमार सिंह, एसपी क्राइम, सीओ क्राइम प्रवीण सिंह, सीओ बांसगांव वीपी सिंह, सीओ कोतवाली, इंस्पेक्टर तिवारीपुर रामभवन यादव, सहजनवा थानेदार सत्य प्रकाश सिंह, स्वाट टीम के उप निरीक्षक धीरेन्द्र राय, तिवारीपुर के दरोगा मनोज दूबे, अविनाश यादव, क्राइम ब्रांच के सिपाही विपेन्द्र मल्ल, राज मंगल सिंह, शशिकात राय, राशिद अख्तर खा, सनातन सिंह, मोहसिन खान, शिवानंद उपाध्याय, कुतुबुद्दीन, राकेश यादव, विजय प्रकाश आदि।