Coronavirus : गोरखपुर में कोरोना से मौत के बाद BRD मेडिकल कॉलेज में हाई अलर्ट Gorakhpur News

बस्ती के युवक की बाबा राघव दास मेडिकल में सोमवार को मौत हो गई थी। कोरोना संक्रमण की जांच रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद मेडिकल कॉलेज में हड़कंप मच गया है।

By Pradeep SrivastavaEdited By: Publish:Wed, 01 Apr 2020 11:30 AM (IST) Updated:Thu, 02 Apr 2020 08:09 AM (IST)
Coronavirus : गोरखपुर में कोरोना से मौत के बाद BRD मेडिकल कॉलेज में हाई अलर्ट Gorakhpur News
Coronavirus : गोरखपुर में कोरोना से मौत के बाद BRD मेडिकल कॉलेज में हाई अलर्ट Gorakhpur News

गोरखपुर, जेएनएन। बस्ती के युवक की बाबा राघव दास मेडिकल में सोमवार को मौत हो गई थी। कोरोना संक्रमण की जांच रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद मेडिकल कॉलेज में हड़कंप मच गया है। आनन-फानन में छह डॉक्टर व पैरामेडिकल स्टाफ सहित आठ को आइसोलेट करा दिया गया। पूरी सावधानी बरती जा रही है। मरीज के साथ वार्ड व आइसीयू में कितने मरीज भर्ती थे, उनकी पहचान कराई जा रही है। वार्ड व आइसीयू को सैनिटाइजर से असंक्रमित कर दिया गया है। नए आ रहे मरीजों को देखने में पूरी सावधानी बरतने के निर्देश जारी कर दिए गए हैं। बाबा राघव दास मेडिकल कॉलेज में हाई अलर्ट घोषित कर दिया गया है।

बस्‍ती के युवक को कराया गया था भर्ती

बस्ती का युवक रविवार को मेडिकल कॉलेज में सांस फूलने की शिकायत लेकर भर्ती हुआ था। पहले मेडिसिन वार्ड में भर्ती किया गया। बाद में तबीयत बिगडऩे पर उसे ट्रामा सेंटर के आइसीयू में लाया गया। वहां सोमवार को उसकी मौत हो गई। डॉक्टरों ने संदेह के आधार पर कोरोना संक्रमण की जांच के लिए उसकी लार का नमूना लेकर लैब में भेज दिया। यहां जांच रिपोर्ट संदिग्ध आई थी। इसलिए उसे पुन: जांच कराने के लिए किंग जार्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (केजीएमयू) भेजा गया था। वहां हु़ई जांच में रिपोर्ट पॉजिटिव आ जाने से मेडिकल कॉलेज में हड़कंप मचा हुआ है। मरीज की देखरेख में दो डॉक्टर, दो स्टाफ नर्स व दो वार्ड ब्वाय लगे थे। उन्हें तत्काल आइसोलेट करा दिया गया है। बिना व्यक्तिगत सुरक्षा किट के मरीज की लार का नमूना लेने वाले दो लैब टेक्नीशियनों को भी हास्टल में आइसोलेट करा दिया गया है।

प्राचार्य ने की पुष्टि

प्राचार्य डॉ. गणेश कुमार ने कहा कि रिपोर्ट पॉजिटिव आ गई है। पूरी सावधानी बरती जा रही है। प्रत्येक डॉक्टर व पैरामेडिकल स्टॉफ को प्रोटोकाल के अनुसार सुरक्षा किट उपलब्ध कराई जा रही है। पूरे वार्ड, आइसीयू व जिस रास्ते से मरीज गुजरा था, अगल-बगल की दीवालों को असंक्रमित कर दिया गया है।

ट्रामा सेंटर में स्वास्थ्य कर्मियों की सुरक्षा के इंतजाम नहीं

सबसे ज्यादा मरीजों को सेवा देने वाले बाबा राघवदास मेडिकल कॉलेज के ट्रामा सेंटर में स्वास्थ्य कर्मियों की सुरक्षा के इंतजाम नहीं हैं। न उन्हें व्यक्तिगत सुरक्षा किट उपलब्ध कराई गई है और न ही कोरोना के संदिग्ध मरीजों की देखभाल की ट्रेनिंग ही दी गई है। जबकि कोई भी गंभीर मरीज सबसे पहले यहीं पहुंचता है।

ट्रामा सेंटर के गेट पर मरीज को बीमारी के अनुसार इमरजेंसी पर्ची काटकर संबंधित विभाग में भेजा जाता है। मेडिसिन इमरजेंसी में इंफ्रारेड थर्मामीटर नहीं है, इससे मरीजों की थर्मल स्कैनिंग नहीं हो पाती है। बगैर व्यक्तिगत सुरक्षा किट के डॉक्टर व स्वास्थ्य कर्मी मरीजों का इलाज कर रहे हैं। संदेह होने पर किसी मरीज को थर्मल स्कैनिंग के लिए कोरोना वार्ड में भेजा जाता है, लेकिन इसके पूर्व इलाज शुरू हो जाता है। कोई भी जांच रिपोर्ट इलाज शुरू होने के आठ से 10 घंटे बाद आती है। इस दौरान कोई भी डॉक्टर व स्वास्थ्य कर्मी संक्रमित हो सकता है।

इस संबंध में प्रमुख चिकित्सा अधीक्षक डॉ. गिरीश चंद्र श्रीवास्तव ने कहा कि कोरोना वार्ड में पर्याप्त मात्रा में व्यक्तिगत सुरक्षा किट भेज दी गई है। ट्रामा सेंटर के लिए भी व्यवस्था की जा रही है।

स्वास्थ्य कर्मियों को दी गई ट्रेनिंग

मेडिकल कॉलेज में प्राचार्य डॉ. गणेश कुमार के निर्देश पर कोरोना वार्ड में तैनात स्वास्थ्य कर्मियों को कोरोना के मरीज को संभालने की ट्रेनिंग दी गई। विशेषज्ञों ने उन्हें बताया कि यदि कोई मरीज आता है तो स्वयं को कैसे सुरक्षित करते हुए उसकी देखभाल करें। 

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