यहां बाढ़ का पानी उतरते ही बढ़ गई लोगों की परेशानी

बाढ़ का पानी जैसे-जैसे उतर रहा है वैसे-वैसे अपने साथ कई परेशानियां छोड़ता जा रहा है। ग्रामीण इलाकों में संक्रामक रोगों का खतरा बढ़ गया है।

By Pradeep SrivastavaEdited By: Publish:Fri, 14 Sep 2018 12:33 PM (IST) Updated:Fri, 14 Sep 2018 02:00 PM (IST)
यहां बाढ़ का पानी उतरते ही बढ़ गई लोगों की परेशानी
यहां बाढ़ का पानी उतरते ही बढ़ गई लोगों की परेशानी

गोरखपुर, (जेएनएन)। बाढ़ से तबाह होना ब्लॉक के कोलखास गांव के ग्रामीणों की नियति में शुमार हो गया है। लगभग एक माह से उफनाती घाघरा नदी के बाढ़ का पानी उतरने के बाद तबाही भी उभर कर सामने आ रही है। गांव के चारों ओर गंदगी फैल गई है, जिससे संक्रामक बीमारियों के फैलने का खतरा मंडराने लगा है।

जलस्तर घटने से बाढ़ से राहत तो मिल रही है, लेकिन गांव के चारों ओर मृत जानवरों व कूड़ों की सड़ांध से जीना मुश्किल हो गया है। गांव के चारों ओर पानी भरे होने से लोग गांव के करीब ही खुले में शौच जाते रहे हैं। गांव से अब संक्रामक रोगों के मरीज निकल रहे हैं। फिर भी प्रशासन अभी तक सक्रिय नहीं हुआ। अगर समय रहते समस्या पर काबू नहीं पाया गया तो स्थिति खराब हो सकती है। गांव में न तो क्लोरीन की गोली बांटी गई और न नालों में ब्लीचिंग पाउडर का छिड़काव किया गया है।

इतना ही नहीं पशुओं का टीकाकरण भी नहीं किया गया है। गांव में अभी तक स्वास्थ्य विभाग की टीम भी नहीं पहुंची है। ग्रामीण स्वास्थ्य संबंधी सुविधाओं के लिए तरस रहे हैं। गांव के फतींगन, सुजीत, फूलमती, राजेश, राधेश्याम, पवन, विजयबहादुर आदि ने कहा कि बाढ़ का पानी कम होने से गांव में लोग बीमार हो रहे हैं, लेकिन अभी तक स्वास्थ्य संबंधी कोई सुविधा नहीं मिली हैं। किसी कि तबीयत खराब होने पर उसे बड़हलगंज या देवरिया के बरहज कस्बे में ले जाना पड़ रहा है।

इन लोगों ने गांव में साफ-सफाई, दवाओं के छिड़काव व स्वास्थ्य टीम भेजने की मांग की है। इस संबंध में उपजिलाधिकारी अरुण कुमार सिंह ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग व पशु चिकित्सा विभाग की टीम को अलर्ट कर रहा हूं। वे लोग गांव-गांव कैंप कर इलाज कर रहे हैं।

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