Lockdown in Gorakhpur: कोरोना से हुई हर मौत की होगी ऑडिट, जांच कमेटी गठित Gorakhpur News

मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. गणेश कुमार कमेटी के चेयरमैन हैं जबकि कमेटी में मेडिकल कॉलेज के फोरेंसिक मेडिसिन विभाग के अध्यक्ष डॉ. संजीत सोनी को संयोजक सदस्य बनाया गया है।

By Satish ShuklaEdited By: Publish:Thu, 23 Apr 2020 09:00 PM (IST) Updated:Thu, 23 Apr 2020 09:00 PM (IST)
Lockdown in Gorakhpur: कोरोना से हुई हर मौत की होगी ऑडिट, जांच कमेटी गठित Gorakhpur News
Lockdown in Gorakhpur: कोरोना से हुई हर मौत की होगी ऑडिट, जांच कमेटी गठित Gorakhpur News

गोरखपुर, जेएनएन। गोरखपुर-बस्ती मंडल के सभी जिलों में कोरोना से हुई हर मौत की ऑडिट होगी। इसके लिए शासन के निर्देश पर बाबा राघव दास मेडिकल कॉलेज में कमेटी का गठन कर दिया गया है। हर सोमवार को कमेटी अपनी रिपोर्ट शासन को भेजेगी। मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. गणेश कुमार कमेटी के चेयरमैन हैं जबकि कमेटी में मेडिकल कॉलेज के फोरेंसिक मेडिसिन विभाग के अध्यक्ष डॉ. संजीत सोनी को संयोजक सदस्य बनाया गया है।

मुख्यालय छोडऩे पर लिपिक निलंबित

लॉकडाउन के दौरान बिना सूचना के मुख्यालय छोडऩा तथा कार्यों में उदासीनता बरतना महराजगंज डिपो के बुकिंग लिपिक को भारी पड़ गया है। परिवहन निगम के क्षेत्रीय प्रबंधक डीवी सिंह ने दायित्वों का निर्वहन नहीं करने के आरोप में लिपिक कीर्ति निवास गौतम को निलंबित कर दिया है। साथ ही अनुशासनिक कार्रवाई के लिए विभागीय जांच शुरू करा दी है। 

मनमानी के कारण कार्य प्रभावित

क्षेत्रीय प्रबंधक के अनुसार बुकिंग लिपिक बिना अनुमति के मनमाने ढंग से मुख्यालय छोड़ रहे थे। बुलाने पर भी डिपो नहीं आते थे। ऐसे में कार्य प्रभावित होने लगा था। इस विषम परिस्थिति में रोडवेजकर्मी अपने दायित्वों का निष्ठापूर्वक निर्वहन करें। बिना कोई सूचना के मुख्यालय या कार्यस्थल न छोड़ें। किसी भी तरह की लापरवाही पर कार्रवाई तय है।

उद्यमियों को शासन के नियमों का पालन करना ही पड़ेगा

गोरखपुर के जिलाधिकारी के. विजयेंद्र पाण्डियन ने कहा है कि गीडा में उद्यमियों को अपने उद्योगों को चलाने के लिए शासन व जिला प्रशासन द्वारा दिए गए निर्देशों का अनुपालन करना होगा। औद्योगिक इकाइयां न्यूनतम आवश्यक श्रमिकों द्वारा ही चलाई जाएंगी। किसी भी दशा में श्रमिकों की संख्या 50 फीसद से अधिक नहीं होगी।

श्रमिकों को रहने की व्‍यवस्‍था भी उद्यमियों के हवाले

उद्यमी अपने औद्योगिक इकाई में ही श्रमिकों के रहने की व्यवस्था करेंगे। अगर श्रमिक इकाई से बाहर रहते हैं तो उद्यमी निर्धारित वाहन से फिजिकल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए ही उन्हें ले आएंगे। 

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