कोरोना की मार झेल रहे इलेक्ट्रानिक बाजार की त्योहारों पर नजर Gorakhpur News

कारोनो के चलते करीब छह माह से मंदी की मार झेल रहेे इलेक्ट्रानिक बाजार को त्योहारों से बहुत उम्मीदें हैं। व्यापारियों का मानना है कि पिछले कुछ महीनों से लोगों ने खरीदारी नहीं की है और दशहरा धनतेरस व दीपापली के मौके पर लोग जरूर कुछ न कुछ खरीदेंगे।

By Pradeep SrivastavaEdited By: Publish:Sat, 26 Sep 2020 12:55 PM (IST) Updated:Sat, 26 Sep 2020 12:55 PM (IST)
कोरोना की मार झेल रहे इलेक्ट्रानिक बाजार की त्योहारों पर नजर Gorakhpur News
कोरोना की मार झेल रहे इलेक्‍ट्रानिक बाजार को आने वाले त्‍योहारों से काफी उम्‍मीदें हैं। - प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर

गोरखपुर, जेएनएन। यूं तो त्योहारी सीजन कारोबार के लिहाज से अच्छा माना जाता है, लेकिन दशहरा से लेकर दीपावली तक सबसे ज्यादा बिक्री इलेक्ट्रानिक सामान की होती है। इलेक्ट्रानिक प्रोडक्ट बनाने वाली छोटी कंपनियों से लेकर मल्टीनेशलन कंपनियों तक पूरे साल इन त्योहारों का इंतजार करती हैं। माना जाता है कि जितनी बिक्री दस महीने में होती है उससे कहीं ज्यादा सिर्फ दो महीने में होती है। ग्राहकों को आकर्षित करने के लिए कंपनियां तरह-तरह के आफर की पेशकश भी करती हैं। कारोनो के चलते करीब छह माह से मंदी की मार झेल रहेे इलेक्ट्रानिक बाजार को त्योहारों से बहुत उम्मीदें हैं। व्यापारियों का मानना है कि पिछले कुछ महीनों से लोगों ने खरीदारी नहीं की है और दशहरा, धनतेरस व दीपापली के मौके पर लोग जरूर कुछ न कुछ खरीदेंगे।

लॉकडाउन से बुरी तरह प्रभावित हुआ कारोबार 

काेरोना की मार से इलेक्ट्रानिक बाजार भी अछूता नहीं है। अप्रैल से लेकर जून तक कूलर, एसी, फ्रिज और पंखे की सबसे ज्यादा मांग रहती है। अनुमान के मुताबिक गोरखपुर एवं आसपास के कस्बों प्रतिदिन 30 से 32 करोड़ का कारोबार है, लेकिन लॉकडाउन की वजह से कारोबार बुरी तरह प्रभावित हुआ। जब दुकानें खुली तो बिक्री घटकर महज 30 से 35 फीसद तक रह गई। सितंबर अाते-आते बिक्री में और भी गिरावट देखी गई। अब कारोबारियों की नजर आने वाले तीन मुख्य त्योहारों एवं लगन पर टिकी हुई है। वे अभी से तैयारी में जुट गए हैं। हालांकि उनके सामने चुनौतियां भी कई हैं।

एक हजार करोड़ का है कारोबार

दशहरा एवं धनतेरस पर सबसे ज्यादा बिक्री मोबाइल, एलइडी टीवी, फ्रिज, वाशिंग मशीन, होम अपालाइंस, माइक्रोवेब ओवन आदि की होती है। इनमें सिर्फ एलईडी टीवी की हिस्सेदारी करीब चालीस फीसद होती है। बड़ी कंपनियां सबसे ज्यादा प्रचार-प्रसार भी एलइडी टीवी का ही करती हैं। बाजार के जानकारों के मुताबिक त्योहारों में गोरखपुर में करीब एक हजार करोड़ का कारोबार होता है। आसपास के जिलों से भी लोग यहां खरीदारी करने आते हैं। भीड़ से बचने के लिए लोग हफ्तों पहले बुकिंग करा लेते हैं।

इस बार कम दिखेंगे मेड इन चाइन सामान

चीन से विवाद का सबसे ज्यादा असर इलेक्ट्रानिक बाजार पर ही देखने काे मिलेगा। अधिकांश सामान या उसके पार्ट्स चीन से ही आयात होता है, लेकिन इधर कुछ महीनों से हालात बदले हैं। कई नामी कंपनियां अपने देश में ही एलईडी टीवी समेत कई उत्पाद बना रही हैं। चीइनीज उत्पादों की कीमत बढ़ने का फायदा भी स्वेदशी कंपनियाें को होगा। थोक काराेबारी भी अपने देश में निर्मित सामान को प्राथमिकता दे रहे हैं। करीब पांच सौ करोड़ रुपये के सामान का आर्डर दिया जा चुका है, जिसकी डिलेवरी अक्टूबर के पहले सप्ताह से शुरू हो जाएगी।

ई-कामर्स कंपनियां नहीं बनेगी रोड़ा

बीते कुछ सालाें से ई-कामर्स कंपनियाें ने बाजार को बहुत हद तक प्रभावित किया है। खासकर दशहरा और दीपावली के वक्त कंपिनयां इलेक्ट्रानिक सामान पर 15 से 30 फीसद तक छूट देती हैं। इसके अलावा विभिन्न बैंकों क्रेडिट व डेविट कार्ड से भुगतान करने पर 10 फीसद अतिरिक्त छूट दी जाती है। इस कारण बड़ी संख्या में लोग स्थानीय बाजार को छोड़कर ऑनलाइन सामान खरीदते हैं, लेकिन शायद इस बार ऐसा न हो। कारोबारियों की संस्था कंफेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स ने ई-कामर्स कंपनियां की ओर से दी जाने वाली छूट पर सवाल उठाते हुए सरकार से फेस्टिवल सेल पर अंकुश लगाने की मांग की है। यह माना जा रहा है कि मौजूदा स्थिति को देखते हुए सरकार ज्यादा छूट देने पर रोक लगा सकती है।

एक नजर आकड़ों पर

इलेक्ट्रानिक की थोक व फुटकर दुकानें 1150

30 से 32 करोड़ रुपये लॉकडाउन से पहले एक दिन का औसत कारोबार

अब 10 करोड़ रुपये का प्रतिदिन का आैसत कारोबार

यहां से आते हैं इलेक्ट्रानिक सामान

दिल्ली, नोएडा, मुंबई, पुणे, बैंगलुरू, हरियाणा, कोलकाता, अहमदाबाद।

गोरखपुर के प्रमुख बाजार

गोलघर, सिनेमा रोड, बैंक राेड, मेडिकल कॉलेज रोड, मोहद्दीपुर, मियां बाजार, कोतवाली रोड, रेती रोड, रुस्तमपुर।

व्‍यापारियों की चुनौती

दुकान के बाहर डिस्पले नहीं लगा सकेंगे

एलईडी टीवी समेत कई प्रोडक्ट का दाम बढ़ना

दुकान तक ग्राहकों को लाना

लोगों के पास नकदी की कमी

क्रेडिट पर माल न मिलना

क्या चाहते हैं कारोबारी

त्योहार पर दुकान के बाद डिस्पले लगाने की छूट मिले

बकाए के भुगतान के लिए और वक्त मिले

कंपनियां एवं बड़े काराेबारी छोटे दुकानदारों को क्रेडिट पर माल दें

त्योहारी सीजन में सातों दिन दुकान खोलने की अनुमति मिले

जीएसटी के नाम पर व्यापारियों का उत्पीड़न न किया जाए

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