कैबिनेट मंत्री के शहर में आठ दिन से गायब है बिजली, पीने का पानी तक नहीं मिल रहा Kushinagar News

यकीन करना मुश्किल है लेकिन सच है कि कैबिनेट मंत्री के शहर कुशीनगर में पिछले एक सप्‍ताह से बिजली नहीं है।

By Pradeep SrivastavaEdited By: Publish:Mon, 15 Jul 2019 03:13 PM (IST) Updated:Tue, 16 Jul 2019 09:46 AM (IST)
कैबिनेट मंत्री के शहर में आठ दिन से गायब है बिजली, पीने का पानी तक नहीं मिल रहा Kushinagar News
कैबिनेट मंत्री के शहर में आठ दिन से गायब है बिजली, पीने का पानी तक नहीं मिल रहा Kushinagar News

कुशीनगर, जेएनएन। यकीन करना मुश्किल है लेकिन सच है कि कैबिनेट मंत्री के शहर कुशीनगर में पिछले एक सप्‍ताह से बिजली नहीं है। बिजली नहीं है तो पेयजल की आपूर्ति करने वाली एजेंसियों के भी हाथ बंध गए हैं, परिणाम यह है कि शहर के लोगों को पीने का पानी तक नहीं मिल रहा है।

पिछले रविवार से लड़खड़ाई विद्युत आपूर्ति व्यवस्था ठप हुई तो आठ दिन बाद भी सोमवार तक पटरी पर नहीं लौटी। नगरवासियों का रोना यह है कि यहां के विधायक स्‍वामी प्रसाद मौर्य सरकार में कद्दावर मंत्री हैं और हमें बिजली, पानी के लिए तरसना पड़ रहा है। विद्युत आपूर्ति ठप होने से नगर की जलापूर्ति व्यवस्था भी दम तोड़ती दिख रही है। ऐसे में लोग मूलभूत सुविधाओं को लेकर त्राहि-त्राहि कर रहे हैं।

घर अंधेरे में डूबे है तो बारिश का पानी घरों तक पहुंच रहा है। पीने काे पानी की समुचित व्यवस्था नहीं है। लगातार हुई बारिश के बाद जब तल्ख धूप हुई तो लोग उमस भरी गर्मी से चीख उठे। घर में लगा पंखा, कूलर व एसी, बिजली गुल रहने के कारण राहत न दे सके। दूसरी ओर विभाग का रोना यह है कि 10 एमवीए का विद्युत ट्रांसफार्मर जल गया था, जिसे बदलने में समय लगता है। बाहर से दो दिन पूर्व ट्रांसफार्मर आया है। उसे लगाने का कार्य लगभग पूरा हो गया है, शीघ्र ही आपूर्ति बहाल की जाएगी। ट्रांसफार्मर जलने से ही समस्या खड़ी हुई है।

उपभोक्ता बाेले- कभी नहीं झेली इतनी सांसत

नगरवासी बृजेश गुप्त कहते हैं कि कभी इतने दिनों तक बिजली गुल नहीं रही और न ही इतनी दुश्वारी ही झेलनी पड़ी थी। एक तो बिजली गुल ऊपर से मूसलाधार बारिश ने हमें पूरी तरह से सांसत में डाल दिया। विभाग या जनप्रतिनिधियों को कोई फर्क नहीं पड़ने वाला। उनके पास जनरेटर आदि संसाधन हैं। अमन बंका कहते हैं कि बिजली गुल से होने से जलापूर्ति व्यवस्था भी ध्वस्त हो गई। मतलब बिजली, पानी के लिए एक साथ तरसना पड़ रहा है। विभाग को इस समस्या को लेकर तुरंत ही वैकल्पिक व्यवस्था करनी चाहिए थी, लेकिन नहीं किया गया। अख्तर अली कहते हैं कि बिजली, पानी के ठप होने की मार से हम लोग आठ दिनों से सजा ही काट रहे हैं। किसी को हमारी समस्या से कोई लेनादेना नहीं है।

अधिकारी, जनप्रतिनिधि किसी को भी चिंता नहीं

शमशेर अहमद कहते हैं कि इतने लंबे समय तक विद्युत आपूर्ति ठप होने से जीवन की पूरी गाड़ी ही बेपटरी हो गई है। व्यवसाय पर असर पड़ा है तो घर का सुकून भी छिन गया है। विभाग या नेता जी को कोई चिंता नहीं। अमित मद्धेशिया कहते हैं कि बिजली, पानी आदमी की मूलभूत आवश्यकताएं हैं, यदि वह इसी से महरूम हो जाए तो फिर उसके दर्द का अंदाजा लगाया जा सकता है।

सवाल यह है कि हमारे इस दर्द से किसी को क्या फर्क पड़ने वाला है, चाहे जनप्रतिनिधि हों या विभाग के जिम्मेदार। मनीष शुक्ल कहते हैं कि विभाग व जनप्रतिनिधियों को हमारे इस दर्द का एहसास होता तो आठ दिन तक हम बिजली, पानी के लिए तरसते नहीं रहते। विशाल विक्रम सिंह कहते हैं कि पहले से ही बिजली, पानी का दंश झेल रहे हम लोगों की दुश्वारी बारिश के बाद हुई धूप से और बढ़ गई है। उमस भरी गर्मी बेचैन कर रही है।

शीघ्र बहाल होगी विद्युत आपूर्ति: अधिशासी अभियंता

प्रभारी अधिशासी अभियंता चंद्रबली ने कहा कि ट्रांसफार्मर लग गया है। शीघ्र ही नगर सहित अन्य क्षेत्रों की ठप विद्युत आपूर्ति व्यवस्था बहाल होगी। लोगों की परेशानियों का पूरा ध्यान है।

chat bot
आपका साथी