भटनी-औंडिहार रेलमार्ग पर जुलाई से दौड़ने लगेंगी इलेक्ट्रिक ट्रेनें Gorakhpur News

भटनी-औंड़िहार सहित तीन रेलमार्गों पर इलेक्ट्रिक इंजन का ट्रायल पूरा हो चुका है। विद्युतीकरण से पर्यावरया संरक्षण को बल मिलेगा। ध्वनि प्रदूषण से मुक्ति मिलेगी।

By Satish ShuklaEdited By: Publish:Sat, 20 Jun 2020 08:00 PM (IST) Updated:Sat, 20 Jun 2020 08:00 PM (IST)
भटनी-औंडिहार रेलमार्ग पर जुलाई से दौड़ने लगेंगी इलेक्ट्रिक ट्रेनें Gorakhpur News
भटनी-औंडिहार रेलमार्ग पर जुलाई से दौड़ने लगेंगी इलेक्ट्रिक ट्रेनें Gorakhpur News

गोरखपुर, जेएनएन। पूर्वोत्तर रेलवे के गोरखपुर-वाराणसी रेलमार्ग पर भी ट्रेनों की रफ्तार बढ़ जाएगी। गाड़ियों का समय- पालन दुरुस्त तो होगा ही पर्यावरण भी संरक्षित होगा। वाराणसी मंडल के भटनी-औंड़िहार रेलमार्ग पर विद्युतीकरण के बाद रेलवे प्रशासन ने इलेक्ट्रिक इंजन का ट्रायल भी पूरा कर लिया है। अब रेल संरक्षा आयुक्त के निरीक्षण का इंतजार है। उनकी हरी झंडी के बाद जुलाई से इलेक्ट्रिक इंजनों से ट्रेनें चलने लगेंगी।

रेल संरक्षा आयुक्त् की हरी झंडी के बाद शुरू हो जाएगा इलेक्ट्रिक इंजनों से ट्रेनों का संचलन

125 किमी लंबे रेलमार्ग पर भटनी- किड़िहरापुर के बीच 18 को तथा औंड़िहार-इंदारा के बीच 19 जून को इलेक्ट्रिक इंजन का ट्रायल सफलता पूर्वक संपन्न हुआ। रेल संरक्षा आयुक्त के निरीक्षण की भी तैयारी जोरशोर से चल रही है। अब यह रेलमार्ग भी गोरखपुर-छपरा व छपरा-वाराणसी मुख्य विद्युतीकृत मार्ग से जुड़ जाएगा।

यह है विद्यतीकरण की वर्षवार आंकड़ा

दरअसल, भारतीय रेलवे में विद्युतीकरण तेजी से हो रहा है। पूर्वोत्तर रेलवे में ही पिछले वर्ष 540 रूट किमी रेलवे ट्रैक का विद्युतीकरण हुआ। वर्ष 2016- 17 में 159.20 रूट किमी, वर्ष 2017- 18 में 167.14 रूट किमी तथा वर्ष 2018- 19 मेे 431.23 रूट किलोमीटर रेल खंड का विद्युतीकरण हुआ।

गोंडा-सुभागपुर व कासगंज-बरेली रेलमार्ग का ट्रायल भी पूरा

लखनऊ मंडल के गोंडा-सुभागपुर 11 किमी तथा इज्जतनगर मंडल के कासगंज-बरेली 108 किमी विद्युतीकृत रेलमार्ग का भी ट्रायल पूरा हो गया है। इन रेलामर्गों पर भी जल्द ही रेल संरक्षा आयुक्त का निरीक्षण होगा। इन दोनों रेलमार्गों पर इलेक्ट्रिक इंजन से ट्रेनें चलने के साथ ही पूर्वोत्तर रेलवे का कुल 1976 रूट किमी रेलपथ विद्युतीकृत हो जाएगा।

तीन रेलमार्गों पर इलेक्ट्रिक इंजन का ट्रायल पूरा

पूर्वोत्‍तर रेलवे के सीपीआरओ पंकज कुमार सिंह के अनुसार भटनी-औंड़िहार सहित तीन रेलमार्गों पर इलेक्ट्रिक इंजन का ट्रायल पूरा हो चुका है। विद्युतीकरण से पर्यावरया संरक्षण को बल मिलेगा। ध्वनि प्रदूषण से मुक्ति मिलेगी। डीजल पर निर्भरता समाप्त होगी। रेलवे की आत्मनिर्भरता बढ़ेगी।

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