Good News: गोरखपुर-बढ़नी-गोंडा रूट पर भी चलेंगी इलेक्ट्रिक इंजन वाली ट्रेनें, अगले साल से होगी शुरुआत

पीसीईई पीसीईई एके शुक्ला ने स्पेशल ट्रेन को शोहरतगढ़ से परसा के बीच 100 की रफ्तार से चलवाकर ट्रायल किया। वहीं दिसंबर तक परसा से गोंडा तक विद्युतीकरण पूरा हो जाएगा। इसका निर्माण कार्य तेजी के साथ चल रहा है।

By Pragati ChandEdited By: Publish:Tue, 13 Sep 2022 05:25 PM (IST) Updated:Tue, 13 Sep 2022 05:25 PM (IST)
Good News: गोरखपुर-बढ़नी-गोंडा रूट पर भी चलेंगी इलेक्ट्रिक इंजन वाली ट्रेनें, अगले साल से होगी शुरुआत
अगले वर्ष गोरखपुर-बढ़नी-गोंडा रूट पर भी चलने लगेंगी इलेक्ट्रिक इंजन वाली ट्रेनें। (प्रतीकात्मक तस्वीर)

गोरखपुर, जागरण संवाददाता। पूर्वोत्तर रेलवे के प्रमुख मुख्य विद्युत इंजीनियर (पीसीईई) एके शुक्ला ने आनंदनगर-गोंडा रूट पर शोहतरगढ़-परसा खंड के विद्युतीकरण का गहन निरीक्षण किया। इस दौरान 100 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से स्पेशल ट्रेन चलवाकर स्पीड ट्रायल भी किया। दिसंबर तक परसा से सुभागपुर (गोंडा) तक रेलमार्ग का भी विद्युतीकरण पूरा हो जाएगा। अगले वर्ष गोरखपुर से आनंदनगर-बढ़नी-गोंडा-लखनऊ रूट पर भी इलेक्ट्रिक इंजन वाली ट्रेनें चलने लगेंगी। गोरखपुर से आनंदनगर के रास्ते शोहरतगढ़ तक का विद्युतीकरण पहले ही पूरा हो चुका है।

पीसीईई ने इन कार्यों का किया निरीक्षण

मुख्य जनसंपर्क अधिकारी पंकज कुमार सिंह के अनुसार पीसीईई ने 25000 वोल्ट एसी नई विद्युतकर्षण लाइन (36.410 किलोमीटर) का संरक्षा की दृष्टि से निर्धारित मानकों के अनुसार किए गए कार्यों का निरीक्षण किया। उन्होंने परसा और बढ़नी स्टेशन पर स्थापित उपकरणों का निरीक्षण कर संरक्षा को मजबूत बनाने के लिए आवश्यक दिशा-निर्देश जारी किया। इस अवसर पर पूर्वोत्तर रेलवे के प्रमुख परियोजना निदेशक सुधांशु कृष्ण दुबे सहित सभी संबंधित इंजीनियर व अधिकारी उपस्थित थे। परसा से आगे सुभागपुर तक विद्युतीकरण का कार्य भी तेजी के साथ चल रहा है।

दिसंबर तक कार्य पूरा करने का लक्ष्य

दिसंबर तक कार्य पूरा करने का लक्ष्य निर्धारित है। इसके साथ ही पूर्वोत्तर रेलवे के 90 प्रतिशत रेलमार्गों का विद्युतीकरण हो जाएगा। वैसे भी बोर्ड ने 2023 तक पूर्वोत्तर रेलवे सहित भारतीय रेलवे के सभी मार्गों पर विद्युतीकरण का लक्ष्य निर्धारित किया है।

विद्युतीकरण के फायदे

विद्युत इंजनों के चलने से डीजल की बचत के साथ ट्रेनों की रफ्तार बढ़ेगी। पर्यावरण कासंरक्षण भी होगा। सभी स्टेशनों को 24 घंटे पावर सप्लाई मिलेगी। सिग्नल व अन्य जरूरी कार्यों के लिए बंद हो जाएगा विद्युत जनरेटर का उपयोग।
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