मतदान प्रतिशत बढ़ाने शुरू हुआ प्रयास, बाद में करें मजदूरी, पहले वोट है जरूरी का दिया नारा

50 प्रतिशत से कम मतदान वाले बूथों को चिह्नित कर वहां मतदान न होने के कारण तलाशे गए। प्रशासन को चार प्रमुख कारण मिले हैं जिसकेे कारण लोग मतदान करने में कोताही बरतते हैं। रोजगार के सिलसिले में दूसरे प्रदेश में चले जाना एक प्रमुख कारण है।

By Navneet Prakash TripathiEdited By: Publish:Sat, 22 Jan 2022 09:05 AM (IST) Updated:Sat, 22 Jan 2022 10:11 AM (IST)
मतदान प्रतिशत बढ़ाने शुरू हुआ प्रयास, बाद में करें मजदूरी, पहले वोट है जरूरी का दिया नारा
गोरखपुर जिला प्रशासन मतदान प्रतिशत बढ़ाने की कर रहा कोशिश। प्रतीकात्‍मक फोटो

गोरखपुर, जागरण संवाददाता। गोरखपुर जिले में विधानसभा चुनाव 2022 की तैयारियां जोरों पर चल रही हैं। प्रशासन की ओर से निष्पक्ष मतदान के साथ ही मतदान प्रतिशत बढ़ाने के प्रयास भी किए जा रहे हैं। कोरोना के समय घर-घर जाकर काम करने वाली निगरानी समितियों को इस कार्य की जिम्मेदारी दी गई है। समितियों के सदस्य अपने क्षेत्र के हर घर में जाएंगे और वहां महिला व पुरुषों को बताएंगे कि मतदान के दिन मजदूरी के लिए बाद में जाएं, पहले अपना वोट दे दें। इस तरह से हर बूथ पर 50 से 100 वोट बढ़ाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।

चिह्नित किए जाएंगे 50 प्रतिशत से कम मतदान वाले बूथ

जिले में इस बार 10 प्रतिशत मतदान बढ़ाने का लक्ष्य रखा गया है। 50 प्रतिशत से कम मतदान वाले बूथों को चिह्नित कर वहां मतदान न होने के कारण तलाशे गए। प्रशासन को चार प्रमुख कारण मिले हैं, जिसकेे कारण लोग मतदान करने में कोताही बरतते हैं। रोजगार के सिलसिले में दूसरे प्रदेश में चले जाना एक प्रमुख कारण है। आमतौर पर पंचायत चुनावों में लोग वोट देने के लिए घर आ जाते हैं लेकिन विधानसभा एवं लोकसभा चुनाव में आने वाले न के बराबर होते हैं।

छोटा बच्‍चा होने पर घर से नहीं निकलती हैं महिलाएं

महिलाओं के घर से न निकलने के पीछे बड़ा कारण छोटे बच्चों का घर में होना माना जाता है। पुरुषों के बाहर होने के कारण बच्चों की देखरेख का जिम्मा महिलाओं पर होता है इसलिए महिलाएं घर पर रहना बेहतर समझती हैं। जो पुरुष घर पर होते भी हैं दैनिक मजदूरी की तलाश में वे बाजार की ओर जाना पसंद करते हैं, बूथ तक जाने में उनकी कोई रुचि नहीं होती। इन कारणों को देखते हुए ही जिला प्रशासन ने मतदान प्रतिशत बढ़ाने की सोची है।

दूसरे प्रदेशों में रहे लोगों पर होगा विशेष फोकस

जो लोग दूसरे प्रदेशों में हैं, उनपर तो बहुत फोकस नहीं होगा लेकिन जो घर पर रहकर भी वोट देने नहीं जाते, उन लोगों को बूथों तक लाने की कवायद होगी। कोरोना को लेकर जागरूक करने एवं टीकाकरण के लिए लोगों के घर-घर जाने वाली निगरानी समितियों को मतदान प्रतिशत बढ़ाने के काम में भी लगाया जा रहा है। 1500 से अधिक निगरानी समितियों में शामिल कार्यकर्ता हर घर पर दस्तक देंगे और लोगों को मतदान के फायदे बताते हुए वोट देने की अपील करेंगे। पुरुषों को बताया जाएगा कि वे वोट देने के बाद भी मजदूरी के लिए जा सकते हैं। निगरानी समितियों के अलावा रोजगार सेवक, आशा कार्यकर्ता एवं युवक मंगल दलों को भी इस काम में लगाया जा रहा है। जिलाधिकारी की ओर से सभी ब्लाकों को पत्र जारी किया गया है।

निगरानी समितियां घर-घर जाकर करेंगी जागरूक

जिलाधिकारी विजय किरन आनंद ने कहा कि मतदान सभी का अधिकार है और सभी लोगों को वोट जरूर देना चाहिए। आमतौर पर देखा जाता है कि छोटे-छोटे कारणों से लोग वोट देने नहीं जाते। निगरानी समितियों सहित गांव स्तर पर काम करने वाले सभी कर्मियों को घर-घर जाकर लोगों को जागरूक करने के लिए लगाया गया है।

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