सूख गई कठिनइया, नदी की तलहटी में फटी दरारें
संतकबीर नगर : जिले की प्रमुख नदियों कुआनो, राप्ती और घाघरा की तरह ही कभी पानी की लहरों के कारण पहचान
संतकबीर नगर : जिले की प्रमुख नदियों कुआनो, राप्ती और घाघरा की तरह ही कभी पानी की लहरों के कारण पहचान रखने वाली कठिनइया नदी अब पूरी तरह सूख चुकी है। गर्मी का आरंभ होते ही नदी के तलहटी में दरारें पड़ जाने से पशु पक्षियों को पानी का संकट झेलना पड़ रहा है। क्षेत्रीय निवासियों ने सरकारी स्तर से नदी के संरक्षण की आवश्यकता व्यक्त की है।
जिले में बहने वाली कठिनइया नदी के जल स्तर में एक दशक पहले से गिरावट का सिलसिला आरंभ हुआ। वर्तमान में दशा यह है कि धारा पूरी तरह समाप्त हो जाने के कुछ स्थानों पर महज गड्ढे की तरह पानी जमा है। जमा पानी के गडढ़ो को घेरकर लोग मछली पकड़ने का कार्य करते दिख रहे हैं। पूर्व में उक्त नदी से ¨सचाई के लिए किसानों का सुविधा मिलती थी साथ ही बरसात के समय में जलभराव से मछलियों और अन्य जलीय जीवों को आश्रय भी मिलता था।
नदी को बचाए सरकार
बृंद ¨सह ने कहा कि कठिनइया नदी पशु पक्षियों के लिए प्रमुख जलश्रोत का कार्य करती थी अब इसके सूख जाने से पशुधन संपदा को क्षति हो रही है। अलीमुल कदर ने कहा कि नदी के सूखने का असर आसपास के जल स्तर पर भी पड़ा है। एक समय जहां नदी से ही ¨सचाई का कार्य हो जाता था अब बो¨रग कराने की मजबूरी सामने आ रही है। सागर गुप्ता ने कहा कि नदी के सूख जाने से लोगों द्वारा अतिक्रमण कर नदी की जमीन पर कब्जे भी किए जा रहे हैं। हाजी जबीउल्लाह ने कहा कि कठिनइया नदी जिले की प्रमुख नदी रही है इसे बचाने के लिए सरकार को बड़ी नदियों से जोड़ने का कार्य करना चाहिए।