गोरखपुर हादसे में बीआरडी प्राचार्य की पत्नी डॉ. पूर्णिमा भी निलंबित

आयुष विभाग की जांच में प्रथम दृष्टया आरोप सही पाने के बाद आयुष मंत्री धर्म सिंह सैनी ने बीआरडी अस्पताल की डॉ.पूर्णिमा शुक्ला को निलंबित कर दिया है।

By Nawal MishraEdited By: Publish:Fri, 18 Aug 2017 10:08 PM (IST) Updated:Sat, 19 Aug 2017 12:09 PM (IST)
गोरखपुर हादसे में बीआरडी प्राचार्य की पत्नी डॉ. पूर्णिमा भी निलंबित
गोरखपुर हादसे में बीआरडी प्राचार्य की पत्नी डॉ. पूर्णिमा भी निलंबित

लखनऊ (जेएनएन)। गोरखपुर के बाबा राघवदास मेडिकल कॉलेज के निलंबित प्राचार्य डॉ. राजीव मिश्र की पत्नी डॉ. पूर्णिमा शुक्ला मेडिकल कॉलेज परिसर स्थित आवास से 22 किलोमीटर दूर गोला तहसील के राजकीय होम्योपैथिक चिकित्सालय में अपनी कुर्सी तक तो शायद ही कभी जाती हों लेकिन, मेडिकल कॉलेज की सारी कुर्सियों को अपने इशारों पर नचाती थीं। आयुष विभाग की उच्चस्तरीय जांच में प्रथम दृष्टया यह आरोप सही पाए जाने के बाद आयुष मंत्री धर्म सिंह सैनी ने शुक्रवार को डॉ.शुक्ला को निलंबित कर दिया है।

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गोरखपुर के बीआरडी मेडिकल कॉलेज में बच्चों की मौत के बाद कमीशन के लिए ऑक्सीजन का भुगतान रोके जाने की बात सामने आई थी। राज्य सरकार के प्रवक्ता सिद्धार्थनाथ सिंह ने भी इसकी पुष्टि की थी। कमीशन की मांग के लिए प्राचार्य की पत्नी डॉ.शुक्ला को जिम्मेदार माना जा रहा था। इससे पहले भी डॉ.शुक्ला के खिलाफ गोला स्थित राजकीय होम्योपैथिक चिकित्सालय में वरिष्ठ चिकित्साधिकारी के तौर पर अपनी ड्यूटी से गायब रहने की शिकायतें आती रही हैं। बीते मार्च में ऐसी ही एक शिकायत पर उनका चार दिन का वेतन काट कर सेवा को बाधित भी किया गया था लेकिन, इसी के बाद डॉ.शुक्ला ने मेडिकल कॉलेज परिसर स्थित होम्योपैथी के क्लीनिकल ट्रायल सेंटर में संबद्धता हासिल कर ली।

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लखनऊ से गोरखपुर तक अधिकारी खामोश

संबद्धता मिलने के साथ ही उन्होंने गोला के चिकित्सालय में जाना पूरी तरह बंद कर दिया था। हालांकि उनका वेतन तब से अब तक लगातार गोला के इसी अस्पताल से बनता चला आ रहा था। आयुष विभाग के अधिकारी बताते हैं कि सिफारिश, पहुंच और प्रभाव की बदौलत सब जानते हुए भी लखनऊ से गोरखपुर तक के अधिकारी खामोश थे, जबकि बीआरडी मेडिकल कॉलेज में ऑक्सीजन की खरीद से लेकर परिसर में लगने वाले मूंगफली के ठेलों तक में उनका दखल था। बच्चों की मौत के बाद शासन की निगाहें जब मेडिकल कॉलेज पर टेढ़ी हुईं तो यह सारी गड़बडिय़ां भी उभर कर सामने आ गईं। आयुष विभाग के विशेष सचिव यतींद्र मोहन व संयुक्त सचिव ऋषिकेश दुबे और होम्योपैथी निदेशक डॉ.वीके विमल ने गुरुवार को गोरखपुर में जांच करके शुक्रवार सुबह शासन को रिपोर्ट सौंप दी, जिस पर शाम तक निलंबन का आदेश भी जारी कर दिया गया। 

पहली नजर में आरोप सही

आयुष राज्यमंत्री धर्म सिंह सैनी ने कहा कि डॉ.पूर्णिमा शुक्ला के खिलाफ मिलींं शिकायतों की जांच के लिए तीन सदस्यीय समिति बनाई गई थी। समिति ने पहली नजर में सभी आरोप सही पाए हैं। समिति की रिपोर्ट पर डॉ.शुक्ला को निलंबित कर दिया गया है। साथ ही उनके खिलाफ विभागीय जांच के भी निर्देश दिए गए हैं। निलंबन अवधि में डॉ.शुक्ला होम्योपैथिक निदेशालय से संबद्ध रहेंगी।

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