संवरू व मंगरू की तलाश में खाक छान रही देवरिया पुलिस Gorakhpur News

1987 से फरार संवरू व न्यायालय से फरार मंगरू की तलाश में पुलिस खाक छान रही है। हालांकि पुलिस अधिकारी जल्द ही उन्हें गिरफ्तार कर लेने का दावा कर रहे हैं। लार थाना क्षेत्र में 1987 में एक हत्या हुई जिसमें संवरू को आरोपित बनाया गया।

By Rahul SrivastavaEdited By: Publish:Tue, 02 Mar 2021 10:10 AM (IST) Updated:Tue, 02 Mar 2021 10:10 AM (IST)
संवरू व मंगरू की तलाश में खाक छान रही देवरिया पुलिस Gorakhpur News
दो बदमाशों की तलाश में खाक छान रही पुलिस। प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर

गोरखपुर, जेएनएन : ऐसे तो देवरिया जिले में पुलिस हाल के दिनों में हुए अधिकांश घटनाओं का पर्दाफाश कर चुकी है, लेकिन दो ऐसे बदमाश हैं, जिनकी गिरफ्तारी पुलिस के लिए सिरदर्द बन गई है। 1987 से फरार संवरू व न्यायालय से फरार मंगरू की तलाश में पुलिस खाक छान रही है। हालांकि पुलिस अधिकारी जल्द ही उन्हें गिरफ्तार कर लेने का दावा कर रहे हैं।

हत्‍या में आरोपित बनाया गया था संवरू

बताते चलें कि लार थाना क्षेत्र में 1987 में एक हत्या हुई, जिसमें संवरू को आरोपित बनाया गया। उसी समय से संवरू पुलिस के हाथ से दूर है। उस पर 25 हजार रुपये का इनाम भी घोषित हो चुका है। इसके बाद भी उसकी गिरफ्तारी नहीं हो पा रही है। वह कैसा है? इसकी भी जानकारी पुलिस के पास नहीं है। भाटपाररानी क्षेत्र के छोटका गांव निवासी जयराम उर्फ मंगरू गोंड जेल में बंद था। नौ अक्टूबर, 2018 को आर्म्‍स एक्ट के एक मामले में उसे कचहरी पेशी पर लाया गया था। हवालात प्रभारी संतराम वर्मा उसे लेकर कोर्ट नंबर 11 में गए थे। कोर्ट से वापस आते समय उसने कचहरी परिसर में पुलिसकर्मी को धक्का देकर गिरा दिया और चहारदीवारी कूदकर फरार हो गया। जयराम पर 25 हजार रुपये का इनाम भी घोषित है, लेकिन अभी तक उसकी गिरफ्तारी नहीं हो पाई है। अपर पुलिस अधीक्षक डा.रामयश सिंह ने कहा कि दोनों बदमाशों की गिरफ्तारी में टीमें लगी हैं, जल्द ही उन्हें गिरफ्तार कर लिया जाएगा।

विदेश भेजने के नाम पर ठगी करने वाला जालसाज गिरफ्तार

विदेश भेजने के नाम पर ठगी करने वाले एक जालसाज को साइबर क्राइम सेल की टीम ने गिरफ्तार किया है। जालसाजी के 57 हजार रुपये, फर्जी वीजा समेत अन्य सामान भी बरामद हुए। फरार चल रहे एक आरोपित की गिरफ्तारी में भी पुलिस जुटी हुई है। बरहज के लहछुवा निवासी धर्मेंद्र पासवान पुत्र सरदार व उनके तीन दोस्तों ने रवि चौरसिया नाम के व्‍यक्ति को विदेश भेजन के लिए तीन लाख 57 हजार रुपये दिए, लेकिन उसने फर्जी वीजा दे दिया। बरहज थाने में मुकदमा दर्ज होने के बाद मामले की जांच साइबर क्राइम सेल को सौंप दी गई। प्रभारी निरीक्षक साइबर क्राइम सेल अनिल पांडेय टीम के साथ बरहज में जमे थे।

मुखबिर की सूचना पर की कार्रवाई

इस बीच मुखबिर ने सूचना दी कि जालसाज तहसील गेट पर मौजूद है। इस पर हरकत में आई पुलिस टीम ने जालसाज रवि चौरसिया निवासी बतरौली थाना बनकटा को गिरफ्तार कर लिया। उसने बताया कि अपने एक सहयोगी आशीष के साथ मिलकर उसने पश्चिम बंगाल में कार्यालय खोल रखा था और विदेश भेजने के नाम पर बेरोजगारों से ठगी करते थे। पर्दाफाश करने वाली टीम में अपराध निरीक्षक बरहज लालजी यादव, साइबर क्राइम सेल के दीवान शिवमंगल, सिपाही प्रद्युम्न जायसवाल, राजेश तिवारी, पूर्णिमा चौधरी शामिल रहीं। अपर पुलिस अधीक्षक डा.रामयश ने कहा कि फरार चल रहे साथी के बारे में भी पता लगाया जा रहा है।

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