Cyber Crime: ऑनलाइन मांगे 10 रुपये और ठग लिए 7.63 लाख, बिजली बिल अपडेट करने के नाम पर की जालसाजी

मामला गोरखपुर जिले का है। यहां साइबर जालसाज ने डॉक्टर के नंबर पर फोन करके लिंक डाउनलोड कराया और बिजली बिल अपडेट न होने के नाम पर झांसे में लिया और ठगी कर ली। पहले 10 रुपये मंगाए फिर बड़ी रकम ठग लिया।

By Pragati ChandEdited By: Publish:Thu, 14 Jul 2022 04:35 PM (IST) Updated:Thu, 14 Jul 2022 04:35 PM (IST)
Cyber Crime: ऑनलाइन मांगे 10 रुपये और ठग लिए 7.63 लाख, बिजली बिल अपडेट करने के नाम पर की जालसाजी
ऑनलाइन मांगे 10 रुपये और ठग लिए 7.63 लाख। (प्रतीकात्मक तस्वीर)

गोरखपुर, जागरण संवाददाता। गोरखपुर जिले में साइबर जालसाजों ने बिजली बिल अपडेट कराने के नाम पर शाहपुर थाना क्षेत्र के एक चिकित्सक को झांसे में लिया और उनसे 7.63 लाख रुपये की ठगी है। चिकित्सक को भरोसे में लेने के लिए जालसाज ने उनसे उत्तर प्रदेश पावर कार्पोरेशन को 10 रुपये भेजने को कहा और बाद में उनके खाते से बड़े पैमाने पर ठगी कर ली।

ये है मामला: शाहपुर थाना क्षेत्र बशारतपुर के चिकित्सक डा.विजय चंद्र मुखर्जी ने थाने में तहरीर देकर बताया कि बीते 12 मई को उनके मोबाइल पर एक एसएमएस आया कि बिजली विभाग रात साढ़े 10 बजे उनका कनेक्शन काट देगा। उनका पिछले माह का बिल बकाया है। वह तुरंत 9883683010 पर संपर्क करें।

डॉक्टर को ऐसे झांसे में लिया जालसाज: चिकित्सक ने बताया कि उन्होंने यूपीपीसीएल (उत्तर प्रदेश पावर कार्पोरेशन लिमिटेड) के टोल फ्री नंबर पर संपर्क किया। वहां से उन्हें बताया गया कि उनका कोई बिल बकाया नहीं है। थोड़ी देर बाद उनके मोबाइल पर 9883683010 पर एक नंबर से फोन आया और उसने बताया कि वह यूपीपीसीएल का अधिकारी बोल रहा है। आप यूपीपीसीएल को 10 रुपये का भुगतान करें, आपका बिल अपडेट हो जाएगा।

अप्लीकेशन स्टाल करते ही कटने लगे पैसे: बिल अपडेट करने के नाम पर उसने मोबाइल पर दो अप्लीकेशन स्टाल करवाया। अप्लीकेशन स्टाल करते ही उनके खाते से रुपये कटने लगे। थोड़ी देर में उनके खाते से 7.63 लाख रुपये कट गए। प्रभारी निरीक्षक शाहपुर रणधीर मिश्रा ने बताया कि मामले की जांच साइबर सेल की टीम कर रही थी। साइबर सेल की टीम के जांच के बाद मामले में मुकदमा दर्ज किया है। उन्होंने कहा कि लोगों को इस तरह की काल से बचने की जरूरत है। कोई भी व्यक्ति विद्युत विभाग के नाम से यदि संदेश भेज रहा है तो संबंधित नंबर पर काल न करें। संबंधित विभाग में जाकर उसकी सत्यता की जांच करें।

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