चारपाई के पास मगरमच्छ देख शख्स की निकल पड़ी चीख, अधिकारियों व ग्रामीणों की मदद से बची जान

मामला संतकबीरनगर जिले के तुर्कवलिया गांव का है। यहां रात में बाग की रखवाली कर रहा व्यक्ति अचानक भोर में चारपाई के पास मगरमच्छ देख चीखने- चिल्लाने लगा। मौके पर पहुंचे ग्रामीण व पुलिस की मदद से मगरमच्छ को पकड़कर नदी में छोड़ा गया।

By Pragati ChandEdited By: Publish:Tue, 17 May 2022 06:26 PM (IST) Updated:Tue, 17 May 2022 06:26 PM (IST)
चारपाई के पास मगरमच्छ देख शख्स की निकल पड़ी चीख, अधिकारियों व ग्रामीणों की मदद से बची जान
बाग की रखवाली कर रहे व्यक्ति के चारपाई के पास बैठे मगरमच्छ को लोगों ने पकड़ा।

गोरखपुर, जागरण टीम। संतकबीरनगर जिले के तुर्कवलिया गांव के पास देर रात बाग की रखवाली कर रहे एक व्यक्ति के चारपाई के पास मगरमच्छ बैठा हुआ मिला। यह देखकर व्यक्ति काफी भयभीत हो गया। वह जान- बचाने के लिए चीखने- चिल्लाने लगा। शोर सुनकर गांव के तमाम लोग मौके पर पहुंचे। वहीं सूचना मिलने पर पुलिस कर्मियों के अलावा एसडीएम व तहसीलदार भी गांव में पहुंचे। ग्रामीणों के सहयोग से मगरमच्छ को पकड़कर सरयू नदी में छोड़ा गया। इसके बाद लोगों को राहत मिली।

ये है मामला: धनघटा थाना के तुर्कवलिया गांव निवासी वीरेंद्र यादव के आम के बगीचे की रखवाली उनके ही गांव के गिरिजेश निषाद करते हैं। हर दिन की भांति वह सोमवार की रात आम के बगीचे की रखवाली करने के लिए बाग में सोए थे। रात के करीब दो बजे जब वह उठे तो उनकी चारपाई के पास एक मगरमच्छ बैठा हुआ दिखा। यह देखकर वह काफी भयभीत हो गए और जान बचाने के लिए चीखने- चिल्लाने लगे।

गिरिजेश की आवाज सुनकर गांव के लोग दौड़ते हुए उनके पास पहुंचे। मगरमच्छ को देखकर सभी लोग भयभीत हो गए। ग्रामीणों ने इसकी सूचना तुरंत पुलिस को दी। इस पर पुलिस कर्मियों के अलावा एसडीएम रवींद्र कुमार व तहसीलदार रत्नेश तिवारी भी मौके पर पहुंचे। ग्रामीणों के सहयोग से मगरमच्छ को डनलप में रस्सी से बांध दिया। इसके बाद उसे सरयू नदी में छोड़ा गया।

गांव के हरिकेश, हरिराम, सजन लाल, भरत, राज, सुरेश आदि लोगों ने कहा कि मगरमच्छ के सरयू नदी से बाहर निकलकर आ जाने के कारण गांव के लोग काफी भयभीत थे। इससे जान को लेकर खतरा बना हुआ था। ऐसे में गांव वाले पूरी रात सो नहीं पाए। उधर, थानाध्यक्ष विनय कुमार पाठक ने बताया कि ग्रामीणों की सूचना पर मौके पर पहुंच गए थे, गांव वालों के सहयोग से मगरमच्छ को पकड़कर सरयू नदी में छोड़ दिया गया है।

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