गुरुद्वारा में लगा दरबार, कीर्तन से गुरु महिमा का बखान
बोले सो निहाल से गूंजता रहा गुरु दरबार छका लंगर
संतकबीर नगर: हिद की चादर श्रीगुरु तेग बहादुर का त्रिदिवसीय शहीदी पर्व पर दूसरे दिन मंगलवार को खलीलाबाद गुरुद्वारा में कवि दरबार व कीर्तन हुआ। पाठ का श्रवण कर संगत ने गुरु के प्रति त्याग, समर्पण का भाव रखते हुए श्रद्धा सुमन अर्पित कर नमन किया।
अमृतसर दरबार साहिब के भाई जगजीत सिंह ने जो तौ प्रेम खेलन का चाव, सिर पर तली गली मोरी आंव सुनाकर निहाल किया। फिर हजूरी रागी जत्था ने गुरु की महिमा पर प्रकाश डाला। कवि दरबार में कहा कि सिख धर्म के नवें गुरु तेगबहादुर सिंह ने समाज हित में सर्वस्व न्यौछावर कर पूरे विश्व को भाईचारे का संदेश दिया। धर्म के लिए साका जिन कीया। सीस दिया पर सिररर न दिया। धन्य-धन्य हिद की चादर, गुरु तेगबहादुर सिमरिये घर नौ निध आवै धाय सब भाई होत सहाय.. आदि से संगत निहाल होती रही। हरमहेंद्र पाल सिंह रोमी ने गुरु कीर्तन से महिमा का गान किया। अंत में गुरु का लंगर हुआ। जहां हर वर्ग के लोगों ने प्रसाद ग्रहण किया। अध्यक्ष सरदार अजीत सिंह, ज्ञानी जोगिदर सिंह व बलवंत कौर ने कहा कि मानवता की रक्षा व औरों का हित हो जिसमें ऐसा करने की सीख गुरु ने दिया।
इस मौके पर प्रीतपाल सिंह, जसवीर सिंह, परमजीत सिंह, सतविदर पाल सिंह, सरदार हरभजन सिंह, शैंकी सिंह, राजपाल सिंह, आंशु सिंह, भूपेंद्रपाल सिंह, मनजीत सिंह, रवींद्र पाल टोनी, दलजीत सिंह, हरविदर सिंह, रवनीत सिंह, जसविदर सिंह, परविदर सिंह, मंजीत सिंह, परजीत कौर, मनजीत कौर, सरनजीत कौर, जोगिद, नीलम, गुरुविदर कौर, गुरुप्रीत कौर, राजिदर कौर आदि मौजूद रहे। गूंजते रहे शबद-कीर्तन
गुरुद्वारा में शबद-कीर्तन व पाठ गुंजायमान रहा। कथाकारों ने कहा कि 10 गुरु धराधाम पर धर्म रक्षा के लिए अवतरित हुए। महान गुरु का पवित्र बलिदान आज भी लोगों के रक्त में हिलोरे लेकर प्रेरित करता है। नगर कीर्तन आज
शहीदी पर्व के अंतिम दिन बुधवार को अखंड पाठ की समाप्ति के पश्चात कथा व्याख्या, कवि दरबार उसके बाद अरदास व गुरु के अटूट लंगर आदि कार्यक्रम होंगे। लंगर के पश्चात शाम तीन बजे से शुगर मिल चौराहा से शोभा यात्रा निकलेगी। ख्याति प्राप्त निशाने खालसा व तलवार बाजी के साथ रागी व गत्का पार्टी का कार्यक्रम होगा।