मनरेगा से मजदूरी के लिए दो साल से लगा रहे ब्लाक का चक्कर

प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के तहत प्रत्येक लाभार्थी को पहली किस्त 70 हजार रुपये दूसरी किस्त 40 हजार रुपये व तीसरी किस्त के रूप में 10 हजार रुपये यानी तीन किस्तों में एक लाख 20 हजार रुपये उनके बैंक खाते में भेजे जाते हैं। नियमानुसार तीनों किस्त से आवास पूर्ण रूप से बनकर तैयार हो जाने पर तुरंत लाभार्थी के खाते में मनरेगा से 90 दिन की मजदूरी अलग से दी जाती है।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 14 Oct 2021 09:15 PM (IST) Updated:Thu, 14 Oct 2021 09:15 PM (IST)
मनरेगा से मजदूरी के लिए दो साल से लगा रहे ब्लाक का चक्कर
मनरेगा से मजदूरी के लिए दो साल से लगा रहे ब्लाक का चक्कर

संतकबीर नगर: केंद्र सरकार के दिशा-निर्देशों का जिले में सही से पालन नहीं हो रहा है। प्रधानमंत्री आवास बनवाने के लिए तीन किस्तों में राशि व शौचालय का लाभ तो दे दिया जा रहा है, लेकिन मनरेगा से मिलने वाली 90 दिन की मजदूरी नहीं दी जा रही है। हैंसर बाजार ब्लाक के ग्राम पंचायत बारीडीहा के एक अनुसूचित जाति के लाभार्थी पिछले दो साल से मजदूरी के लिए ब्लाक का चक्कर लगा रहे हैं। पीएम आवास के इस लाभार्थी की समस्या का समाधान करने में पंचायत सचिव व बीडीओ कोई रुचि नहीं दिखा रहे हैं।

प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के तहत प्रत्येक लाभार्थी को पहली किस्त 70 हजार रुपये, दूसरी किस्त 40 हजार रुपये व तीसरी किस्त के रूप में 10 हजार रुपये यानी तीन किस्तों में एक लाख 20 हजार रुपये उनके बैंक खाते में भेजे जाते हैं। नियमानुसार तीनों किस्त से आवास पूर्ण रूप से बनकर तैयार हो जाने पर तुरंत लाभार्थी के खाते में मनरेगा से 90 दिन की मजदूरी अलग से दी जाती है। इसके अलावा स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण)के तहत शौचालय बनवाने के लिए 12 हजार रुपये अलग से दिए जाते हैं। केंद्र सरकार के दिशा-निर्देशों का जिले में सही से पालन नहीं होता है। हैंसर बाजार ब्लाक के ग्राम पंचायत बारीडीहा निवासी अनुसूचित जाति के लाभार्थी रामानंद पुत्र गणेश ने दो साल पूर्व बैंक खाते में आई तीन किस्त की राशि 1.20 लाख से अपना प्रधानमंत्री आवास पूर्ण रूप से बनवा दिया। उन्हें शौचालय का लाभ दे दिया गया लेकिन मनरेगा से 90 दिन की मजदूरी आज तक नहीं मिली। वह मनरेगा से मजदूरी की राशि पाने के लिए दो साल से ब्लाक मुख्यालय का चक्कर लगा रहे हैं। न तो पंचायत सचिव उनकी समस्या का समाधान कर रहे हैं और न ही यहां के बीडीओ। इससे वह निराश हैं।

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दो साल से प्रधानमंत्री आवास के इस लाभार्थी को मनरेगा से 90 दिन की मजदूरी क्यों नहीं मिली, वह इसके बारे में बीडीओ से कारण जानेंगे। इसके बाद लाभार्थी को मनरेगा से मजदूरी का भुगतान किया जाएगा। वहीं दोषी के खिलाफ सख्त कार्रवाई भी की जाएगी।

सुरेंद्र नाथ श्रीवास्तव, सीडीओ

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