रोहिंग्या के संदेह में एटीएस की गोरखपुर व संतकबीर नगर में छापेमारी, चार गिरफ्तार

एंटी टेररिज्म स्‍क्‍वाड (एटीएस) ने संर्दिध रोहिंग्‍या मुसलमानों की तलाश में गोरखपुर व संतकबीर नगर में छापेमारी की। टीम ने संतकबीर नगर से चार संदिग्‍धों को गिरफ्तार भी किया। टीम ने गोरखपुर में भी कई लोगों से पूछताछ की।

By Pradeep SrivastavaEdited By: Publish:Thu, 07 Jan 2021 07:50 AM (IST) Updated:Thu, 07 Jan 2021 12:55 PM (IST)
रोहिंग्या के संदेह में एटीएस की गोरखपुर व संतकबीर नगर में छापेमारी, चार गिरफ्तार
रोहिंग्‍या की तलाश में एटीएस ने गोरखपुर व संतकबीर नगर में छापेमारी की। - प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर

गोरखपुर, जेएनएन। एटीएस (एंटी टेररिज्म स्‍क्‍वाड) ने तीन संदिग्‍ध लोगों की तलाश में गोरखपुर के भटहट में छापेमारी की। चार जगहों पर गई टीम ने एक माह तक किराए पर रहे तीन युवकों के बारे में छानबीन की। मकान मालिक से पूछताछ कर उनके बारे में जानकारी ली। जिसमें पता चला कि बिना पहचान पत्र लिए ही उन्‍होंने किराए पर करमा दे दे दिया था। भटहट कस्‍बे में स्थित जेजे कटरा में दर्जी की दुकान चलाने वाले युवक से भी पूछताछ की गई। किराए पर कमरा लेकर रहने वाले युवक कुछ दिन बाद गायब हो गए थे। जिनकी तलाश चल रही है। टीम ने संतकबीर नगर में भी छापेमारी की है।

गोरखपुर के पिपराइच थाना क्षेत्र के आमवां गांव निवासी एक की दुकान (जेजे टेलर्स व रेडीमेड सेंटर) भटहट कस्बे के जावेद कटरा में है। वर्तमान में उनका पूरा परिवार भटहट-बांसस्थान मार्ग पर स्टेट बैंक के पास मकान बनवाकर रहता है। तीन माह पहले अमवां गांव में स्थित मकान को उन्होंने बाहरी युवकों को किराए पर दिया था जो छह माह रहे। बाद में सभी युवक चिलबिलवा में किराए के मकान में रहने लगे। बताया जा रहा है कि किराए पर रहने वाले दो युवकों के साथ एक महिला भी थी। जिनके रोहिंग्या होने का संदेह है। उनकी तलाश में एटीएस चिलबिलवां गांव में भी गई लेकिन कोई मिला नहीं। इसके अलावा दो अन्‍य जगहों पर भी टीम गई। स्‍थानीय पुलिस इस मामले में बोलने से बच रही है।|

संतकबीर नगर से चार गिरफ्तार

एटीएस की टीम ने खलीलाबाद कोतवाली के मोहद्दीनपुर गांव से खलीलाबाद ब्लाक में तैनात तकनीकी सहायक अब्दुल मन्नान और मोतीनगर मोहल्ले से उसके तीन सहयोगियों को गिरफ्तार किया है। मन्नान पर आरोप है कि वह फर्जी पासपोर्ट बनवाता था। तीन अन्य के बारे में बताया जा रहा है कि वे रोहिंग्या मुसलमान हैं। इस बारे में स्थानीय पुलिस कुछ भी बताने से इनकार कर रही है।

बताया जाता है कि फर्जी पासपोर्ट के मामले में लखनऊ में मुकदमा दर्ज हुआ है। जिसकी जांच एटीएस कर रही है। जांच में तकनीकी सहायक के बैंक खाते से करीब डेढ़ करोड़ की लेनदेन हुई है। मंगलवार की देर रात आरोपित को एटीएस की टीम आरोपित के खलीलाबाद स्थित घर पर पहुंची और उसे लेकर लखनऊ चली गई। वहां हुई पूछताछ में उसने तीन अन्य सहयोगियों के बारे में बताया। जिस पर पुलिस ने तीनों को अपनी हिरासत में ले लिया है। हालांकि पुलिस कुछ भी बताने से अभी इनकार कर रही है। आरोपित तकनीकी सहायक फर्जी तरीके से पासपोर्ट बनवाता था और लोगों को विदेश भेजने और बुलवाने का काम करता था। ब्लाक कर्मी मन्नान की गिरफ्तारी के बाद तरह-तरह की चर्चा कर रहे हैं। हिरासत में लिए गए तीनों पर आरोप है कि वे तकनीकी सहायक के रुपये से विदेश से पैसा मंगवाने और भेजने का काम करते थे।

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