Gorakhpur RTO Office की सभी सेवाएं स्थगित, 15 मई तक नहीं बनेंगे ड्राइविंग लाइसेंस

गोरखपुर के आरटीओ दफ्तर में 3 से 15 मई तक ड्राइविंग लाइसेंस से संबंधित कोई भी कार्य नहीं होंगे। शासन के दिशा-निर्देश पर परिवहन विभाग ने लाइसेंस से संबंधित सभी सेवाओं को निर्धारित तिथि तक स्थगित कर दिया है।

By Pradeep SrivastavaEdited By: Publish:Thu, 29 Apr 2021 12:30 PM (IST) Updated:Thu, 29 Apr 2021 12:30 PM (IST)
Gorakhpur RTO Office की सभी सेवाएं स्थगित, 15 मई तक नहीं बनेंगे ड्राइविंग लाइसेंस
गोरखपुर के आरटीओ दफ्तर की सभी सेवाएं स्‍थगित कर दी गई हैं। - फाइल फोटो

गोरखपुर, जेएनएन। परिवहन विभाग (आरटीओ दफ्तर) में 3 से 15 मई तक ड्राइविंग लाइसेंस (लर्निंग, परमानेंट और नवीनीकरण) से संबंधित कोई भी कार्य नहीं होंगे। शासन के दिशा-निर्देश पर परिवहन विभाग ने लाइसेंस से संबंधित सभी सेवाओं को निर्धारित तिथि तक स्थगित कर दिया है। 3 से 15 मई के बीच वाले टेस्ट एक जून के बाद होंगे। अभ्यर्थियों के मोबाइल पर मैसेज पहुंच जाएग। 23 अप्रैल से एक मई तक ड्राइविंग लाइसेंस से संबंधित सभी सेवाओं पर पहले से ही रोक लगी हुई है।

30 जून तक मान्य होंगे वैधता समाप्त होने वाले सभी तरह के ड्राइविंग लाइसेंस

सहायक संभागीय परिवहन अधिकारी (प्रशासन) श्याम लाल के अनुसार जिन अभ्यर्थियों को 15 मई तक लाइसेंस संबंधित किसी भी कार्य के लिए डेट मिला है। उनके मोबाइल पर फिर से मैसेज जाएगा। अब नए डेट पर ही संबंधित कार्य होंगे। ड्राइविंग लाइसेंस की वैधता तिथि भी 30 जून तक बढ़ा दी गई है। यानी, फरवरी, मार्च और अप्रैल में किसी भी महीने में वैधता तिथि समाप्त होने वाले ड्राइविंग लाइसेंस 30 जून तक मान्य होंगे। दरअसल, कोरोना संक्रमण पर पूरी तरह अंकुश लगाने के लिए सतर्कता बढ़ाई जा रही है। आरटीओ दफ्तर में भी रोजाना लाइसेंस बनवाने वाले सैकड़ों अभ्यर्थी जुट रहे थे। संक्रमण फैलने की आशंका बढ़ गई थी।

व्हाट्सएप ग्रुप पर पढ़ाई, नोडल अधिकारी करेंगे मानीटरिंग

कोरोना संक्रमण के मद्देनजर बच्चों की पढ़ाई निर्बाध रूप से जारी रखने के लिए माध्यमिक विद्यालयों में व्हाट्सएप ग्रुप पर पढ़ाई होगी। इसको लेकर यूपी बोर्ड ने गाइड लाइन जारी कर दी है। आनलाइन शिक्षण व्यवस्था को सुचारू रूप से संचालित करने की जिम्मेदारी जेडी व डीआइओएस को सौंपी गई है। जबकि इसकी मानीटरिंग नोडल अधिकारी करेंगे। इनकी नियुक्ति डीआइओएस द्वारा प्रत्येक दस स्कूलों पर एक की जाएगी।

गाइडलाइन के अनुसार शिक्षक यदि चाहे तो वह अपनी सुविधानुसार जूम, स्काइप व अन्य माध्यमों से भी छात्र-छात्राओं का ग्रुप बनाकर उन्हें आडियो-वीडियो, पीडीएफ आदि के माध्यम से शिक्षण सामग्री उपलब्ध कराएंगे। बीच-बीच में अलग-अलग छात्र-छात्राओं का मूल्यांकन करेंगे।

इसके अलावा शिक्षक उप्र माध्यमिक शिक्षा विभाग के यू-ट्यूब चैनल पर विषय विशेषज्ञों द्वारा तैयार कर अपलोड वीडियो के लिंक भी उपलब्ध कराएंगे। जिससे जो छात्र-छात्राएं दूरदर्शन पर किसी कारणवश वीडियो देखने से वंचित रह गए हैं वह अपनी सुविधानुसार इसे देख व उन्हें अपलोड कर सकते हैं।

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