Weather News: यह कैसा जेठ, लू चली न जमीन जली- यूपी के इस जिले में 45 वर्षों का सबसे ठंडा महीना
इस बार जेठ में ऐसा कुछ भी नहीं हुआ जिसके लिए वह जाना जाता है। न तो लू चली और न जमीन जली। धूप पर बादलों का वर्चस्व तो पूरे महीने बना रहा। इस बात की गवाही बारिश और तापमान के आंकड़े भी दे रहे हैं।
गोरखपुर, डा. राकेश राय। जेठ महीना अतिशय गर्मी का पर्याय है। अपनी इसी पहचान के चलते यह महीना मौसम पर साहित्य गढऩे वालों का प्रिय विषय रहा है। पर जेठ की इस पहचान पर मौसम के बदलाव से संकट खड़ा होने लगा है। इस बार जेठ में ऐसा कुछ भी नहीं हुआ, जिसके लिए वह जाना जाता है। न तो लू चली और न जमीन जली। धूप पर बादलों का वर्चस्व तो पूरे महीने बना रहा। इस बात की गवाही बारिश और तापमान के आंकड़े भी दे रहे हैं। मौसम विशेषज्ञ इसकी वजह ग्लोबल वार्मिंग बता रहे हैं।
422.6 मिमी बारिश, 28 में 20 दिन रहे बारिश के नाम
इस बार में जेठ (27 मई से 24 जून) में बारिश के आंकड़ों की बात करें तो वह 422.6 मिलीमीटर बारिश रिकार्ड की गई, जो बीते 12 वर्षों में सर्वाधिक है। इससे पहले 2008 में 474 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई थी। वर्षा वाले दिनों की संख्या 20 रही। ऐसा भी 12 वर्ष बाद देखने को मिला। धूप के दर्शन तो जेठ के 28 दिन में महज चार दिन ही हुए। लगातार बारिश की परिस्थितियों ने जेठ में अधिकतम तापमान के न्यूनतम होने का भी नया कीर्तिमान रच दिया। महीने का औसत अधिकतम तापमान 32.2 मिलीमीटर रहा, जो सामान्य औसत तापमान से 4.1 डिग्री सेल्सियस कम है। जेठ में अधिकतम तापमान का औसत मानक 36.3 डिग्री सेल्सियस निर्धारित है। अधिकतम तापमान का यह औसत आंकड़ा बीते 45 वर्ष में सबसे कम है। अधिकतम तापमान के न्यूनतम होने का भी नया रिकार्ड जेठ में बना है। बीती 28 मई को अधिकतम तापमान गिरकर 24 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया। अधिकतम तापमान का यह आंकड़ा भी 45 वर्षों में न्यूनतम है।
इस वजह से बढ़ती है बारिश की संभावना
ग्लोबल वार्मिंग को जेठ की बदलती पहचान की वजह मानते हुए मौसम विशेषज्ञ कैलाश पांडेय बताते हैं कि जब औसत तापमान में दो डिग्री सेल्सियस की बढ़ातरी होती है तो बारिश की संभावना 10 फीसद बढ़ जाती है। वातावरण में प्रदूषण बढऩा और ग्रीन हाउस गैसों (मिथेन, कार्बन डाई आक्साइड आदि) का आवश्यकता से अधिक उत्सर्जन होना ग्लोबल वार्मिंग की वजह है। इसपर यदि नियंत्रण नहीं किया गया तो आने वाले समय में बारिश को लेकर कई नए रिकार्ड बनते नजर आएंगे।