गोरखपुर में औद्योगिक गलियारे के लिए 12 सौ एकड़ जमीन का प्रस्‍ताव Gorakhpur News

गोरखपुर में औद्योगिक गलियारे के लिए 12 सौ एकड़ जमीन का प्रस्‍ताव डीएम ने भेजा है।

By Pradeep SrivastavaEdited By: Publish:Tue, 02 Jun 2020 12:24 PM (IST) Updated:Wed, 03 Jun 2020 09:24 AM (IST)
गोरखपुर में औद्योगिक गलियारे के लिए 12 सौ एकड़ जमीन का प्रस्‍ताव Gorakhpur News
गोरखपुर में औद्योगिक गलियारे के लिए 12 सौ एकड़ जमीन का प्रस्‍ताव Gorakhpur News

गोरखपुर, जेएनएन। पूर्वांचल लिंक एक्सप्रेस वे के किनारे औद्योगिक गलियारा बनाने का काम जल्द शुरू हो सकेगा। प्रथम चरण में 12 सौ एकड़ जमीन के लिए प्रस्ताव तैयार कर लिया गया है। जल्द ही जिलाधिकारी के माध्यम से उत्तर प्रदेश एक्सप्रेस वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यूपीडा) को भेज दिया जाएगा।

पूर्वांचल लिंक एक्सप्रेस वे के निर्माण का काम शुरू

पूर्वांचल लिंक एक्सप्रेस वे के निर्माण का काम शुरू हो गया है। इसके दोनों ओर औद्योगिक गलियारा विकसित करने का प्रस्ताव है। पहले चरण में सहजनवां तहसील के तालनवर एवं भगवानपुर तथा सदर तहसील के बाघागाड़ा में जमीन तलाशी गई है। सर्वे में इन्हीं तीन गांवों में करीब 1200 एकड़ जमीन उपलब्ध हो जाने की बात सामने आई है। इस संबंध में तैयार प्रस्ताव पर यूपीडा की अनुशंसा के बाद कैबिनेट मंजूरी देगी और नोटिफिकेशन हो जाएगा। साथ ही गीडा (गोरखपुर औद्योगिक विकास प्राधिकरण) जमीन की खरीद शुरू कर देगा। यहां औद्योगिक इकाइयों की स्थापना से बड़े पैमाने पर लोगों को रोजगार मिल सकेगा और क्षेत्र का विकास भी होगा।

औद्योगिक गलियारे के लिए जमीन अधिग्रहण करने के लिए प्रस्ताव तैयार हो गया है, जल्द ही इसे जिलाधिकारी के माध्यम से यूपीडा के सीईओ को भेज दिया जाएगा। इसके बाद शासन से नोटिफिकेशन जारी होगा। - संजीव रंजन, सीईओ गीडा।

शुरू हुईं टेक्सटाइल से जुड़ी दो औद्योगिक इकाइयां

अनलॉक प्रथम शुरू होते ही जिले में टेक्सटाइल से जुड़ी दो प्रमुख औद्योगिक इकाइयों में उत्पादन शुरू हो गया है। यहां तीन शिफ्ट में उत्पादन शुरू हुआ है। हालांकि, कर्मचारियों की कमी बनी हुई है।

दो महीने से अधिक समय बाद सोमवार को प्रॉसेसिंग इकाई वीएन डायर्स में उत्पादन शुरू हुआ। करीब 50 फीसद कर्मचारी उपस्थित हुए। कंपनी के प्रबंध निदेशक विष्णु प्रसाद अजितसरिया ने बताया कि इकाई को तीनों शिफ्टों में चलाया जा रहा है। इसके साथ ही गीडा में स्थित बथवाल उद्योग को भी शुरू कर दिया गया है। प्रॉसेसिंग इकाइयों के शुरू हो जाने से पावरलूम में बनने वाले कपड़े की प्रॉसेसिंग हो सकेगी। अब धागा बनाने की इकाई से लेकर प्रॉसेसिंग इकाई तक में उत्पादन शुरू हो गया है। कपड़ा बाजार खुल जाने से औद्योगिक इकाइयों के बाजार की समस्या भी हल हो गई है। एक राज्य से दूसरे राज्य में आवागमन बिना रोक-टोक हो सकेगा, जिससे इनका उत्पाद बाहर भी जा सकेगा।

60 फीसद से अधिक इकाइयों में उत्पादन शुरू

जिले में अब 60 फीसद से अधिक इकाइयों में उत्पादन शुरू हो चुका है। जिन इकाइयों का संचालन नहीं हो रहा है, उनसे भी अधिकारी बात कर रहे हैं। गीडा में करीब 236 इकाइयां संचालित हो रही हैं।

बनी हुई है कच्‍चा माल व श्रमिकों की समस्या

औद्योगिक इकाइयों के लिए कच्‍चा माल व श्रमिकों की समस्या बनी हुई है। राज्य के बाहर से अभी क'चा माल नहीं आ पा रहा है। बाहर से श्रमिक भी नहीं आ पा रहे हैं। नई गाइड लाइन में 50 फीसद श्रमिकों को रखने की बाध्यता में छूट देने का कोई जिक्र न होने से भी उद्यमी असमंजस में हैं। कार्यालयों में शत-फीसद कर्मचारियों के आने की बात कही गई है लेकिन औद्योगिक इकाइयों को लेकर कोई निर्देश नहीं है। चैंबर ऑफ इंडस्ट्रीज के उपाध्यक्ष आरएन सिंह ने बताया कि श्रमिक व क'चा माल से जुड़ी परेशानी को भी हल किया जाना चाहिए।

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