रेल लाइनों के किनारे लहलहाएगी फसल

By Edited By: Publish:Thu, 24 Jul 2014 01:14 AM (IST) Updated:Thu, 24 Jul 2014 01:14 AM (IST)
रेल लाइनों के किनारे लहलहाएगी फसल

गोरखपुर : अब रेल लाइनों के किनारे गड्ढे, गंदगी और अवैध कब्जे नहीं बल्कि हरियाली दिखाई देगी। खाली भूमि पर फसल लहलहाएगी। सरसो और सूरजमुखी के फूल यात्रियों को लुभाएंगे तो गेहूं की बालियां अपनी मिट्टी का एहसास कराएंगी। किनारे लगे अमलतास और गुलमोहर पर्यावरण को संतुलित करेंगे। इसके लिए रेल मंत्रालय ने अपनी हरी झंडी दे दी है। अब जल्द ही रेल कर्मचारी 'ग्रो मोर फूड योजना' के तहत रेलवे की खाली पड़ी भूमि में खेती करेंगे। साथ ही पौधे भी लगाएंगे।

रेल लाइनों के किनारे खाली बेकार पड़ी जमीनों पर मंत्रालय की नजर पड़ी है। जमीनों को उपयोगी बनाने और संरक्षित व सुरक्षित करने के लिए नई ग्रो मोर फूड योजना तैयार कर ली है। इस योजना के तहत स्थानीय रेल कर्मचारियों को खाली भूमि आवंटित की जाएगी। कर्मचारी अपनी सुविधा के अनुसार खेती करेंगे और पौधे भी लगाएंगे। विभागीय सूत्रों के अनुसार छोटे-बड़े रेलवे स्टेशन या समपार फाटकों पर कार्य करने वाले कर्मचारियों को आसपास की भूमि दी जाएगी। ताकि वे उसमें अपनी सुविधानुसार खेती कर सकें। रेलकर्मी के हाथों में जमीन सुरक्षित तो रहेगी ही अवैध कब्जा भी नहीं हो पाएगा। ऐसे में दुर्घटनाओं की संभावना समाप्त होगी। रेलकर्मियों को पर्याप्त अनाज मिल सकेगा। यानी, आम के आम गुठलियों के दाम। इसके लिए रेल मंत्रालय ने सभी जोनल कार्यालयों को निर्देशित कर दिया। उसका कहना है कि रेल प्रशासन हर हाल में अपनी जमीनों को संरक्षित कर उसे उपयोगी बनाएं। ग्रामीण क्षेत्र की भूमि पर खेती कराएं और पौध लगवाएं। महानगर और कस्बा स्थित स्टेशनों के पास वाली जमीनों के किनारे दीवार चलाएं। इस संबंध में मुख्य जनसंपर्क अधिकारी आलोक कुमार सिंह ने कहा कि यह रेलवे की महत्वाकांक्षी और दूरगामी योजना है। आने वाले दिनों में यह योजना मील का पत्थर साबित होगी।

कब्जा हटाने में छूट जाते हैं पसीने

रेल लाइनों के किनारे बसे लोग खाली भूमि पर कब्जा जमाने से पीछे नहीं हटते। लेकिन, जब रेलवे को अपनी जमीन की जरूरत पड़ती है तो उसे खाली कराने में ही पसीने छूट जाते हैं। पिछले साल ही धर्मशाला और कुसम्ही बाजार स्थित जमीनों को खाली कराने में पूर्वोत्तर रेलवे को कोर्ट और पुलिस बल का सहयोग लेना पड़ा था। रेलवे स्टेशन के सामने आज भी रेलवे की जमीनों पर अवैध कब्जा है। देवरिया रेलवे स्टेशन पर पांचवी लाइन बिछाने में दिक्कत आ रही है। स्थिति यह है कि लाइन से सटकर लोगों ने अवैध निर्माण करा लिया है। मुंबई में मेट्रो रेलवे का समय से विकास इसलिए नहीं हो पा रहा है कि लाइनों के किनारे लोगों ने झुग्गी बना ली है। अब झुग्गियों को हटाने में रेलवे को मशक्कत करनी पड़ रही है। आज स्थिति यह है कि भारतीय रेलवे की 940 हेक्टेयर भूमि पर अवैध कब्जा है।

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