टोटल चेंज चाहते हैं सीनियर सिटीजन

By Edited By: Publish:Thu, 24 Apr 2014 02:00 AM (IST) Updated:Thu, 24 Apr 2014 02:00 AM (IST)
टोटल चेंज चाहते हैं सीनियर सिटीजन

गोरखपुर : महानगर के सीनियर सिटीजन (वरिष्ठ नागरिक) टोटल चेंज (आमूलचूल परिवर्तन) चाहते हैं। वे कहते हैं कि समाज की समृद्धि व सुरक्षा में ही उनकी समृद्धि व सुरक्षा है। विश्वविद्यालय के पंत पार्क में शाम छह बजे टहलने के बाद आराम फरमा रहे वरिष्ठ नागरिकों से दैनिक जागरण ने नई सरकार से उनकी उम्मीदों के बारे में बातचीत की। प्रस्तुत हैं प्रमुख अंश।

वरिष्ठ नागरिक दो समूहों में बैठे गुफ्तगू कर रहे थे। एक समूह सरदार वल्लभ भाई पटेल की मूर्ति के नीचे तो दूसरा मूर्ति से दक्षिण तरफ खुले पार्क में गोलाकार बेंच पर। मूर्ति के नीचे नरेंद्र बहादुर सिंह, करतार सिंह, रेलवे के पूर्व जेई योगेंद्र श्रीवास्तव, कृषि विभाग के पूर्व एडीओ शिवाजी सिंह, इलाहाबाद बैंक के पूर्व कैशियर रामप्रसाद यादव बैठे थे। बेंच पर राजेश, सिंचाई विभाग के पूर्व एई आरएस पांडेय, सूत मिल बंगाल के पूर्व कारीगर राजेंद्र यादव, रेलवे के पूर्व जेई विजय प्रताप व सीताराम बैठे थे। दोनों समूहों से अलग-अलग बात की गई लेकिन सबकी सोच लगभग एक ही थी। वरिष्ठ नागरिकों में से कुछ लोगों ने कहा कि हम बीजेपी माइंडेड नहीं हैं लेकिन नरेंद्र मोदी से बहुत उम्मीदें हैं। पचास प्रतिशत भी भ्रष्टाचार व महंगाई खत्म हो गई तो देश का कल्याण हो जाएगा। छोटा हो या बड़ा सभी दलों ने केवल देश को लूटा है। महंगाई, भ्रष्टाचार, वंशवाद, जातिवाद में देश पिस रहा है। आमूलचूल बदलाव से ही स्थिति सुधर सकती हैं। बदलाव चाहिए, वह अच्छा हो या बुरा। उत्तर प्रदेश की हालत बिहार की पहले की हालत से बदतर हो चली है, न कोई सड़क रह गई और न ही कानून व्यवस्था। घर बैठे डिग्रियां मिल जा रहीं है जिनसे अयोग्यता को प्रश्रय मिल रहा है। कानून-व्यवस्था की स्थिति भी लचर है। 2004 के बाद सरकारी कर्मचारियों की पेंशन बंद कर दी गई। पेंशन ही वृद्धावस्था का आधार है, इसे शुरू कराने की जरूरत है। पीआरडी जवानों का वेतन 11 हजार करने की मांग साल भर से चल रही है, लेकिन सरकार सुन नहीं रही। पेंशन तो मिलती है लेकिन महंगाई इतनी ज्यादा बढ़ गई कि आम आदमी तबाह हो गया है। भ्रष्टाचार चरम पर है, छोटे-छोटे कामों के लिए घूस संस्कृति की तरह पनप गया है।

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