जिस भाषा से महिलाओं को हो पीड़ा, वह निंदनीय : राम नाईक

राज्यपाल राम नाईक ने कहा कि ऐसे में किसी भी कारण से किसी भी वाणी से महिलाओं को पीड़ा हो जाए तो इसकी जितनी भी निंदा की जाए कम है।

By Nawal MishraEdited By: Publish:Sat, 17 Mar 2018 07:17 PM (IST) Updated:Sat, 17 Mar 2018 07:17 PM (IST)
जिस भाषा से महिलाओं को हो पीड़ा, वह निंदनीय : राम नाईक
जिस भाषा से महिलाओं को हो पीड़ा, वह निंदनीय : राम नाईक

गोंडा (जेएनएन)। राजनेताओं की भाषा में आ रही गिरावट व नरेश अग्रवाल के बयान पर शनिवार को प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक खुलकर बोले। कहा कि, भारत की जो संस्कृति है, वह सभी को गरिमा की दृष्टि से देखती है विशेषकर महिलाओं को। ऐसे में किसी भी कारण से किसी भी वाणी से महिलाओं को पीड़ा हो जाए तो इसकी जितनी भी निंदा की जाए कम है। 

शनिवार को जयप्रभाग्राम में आयोजित अखिल भारतीय लोक कला महोत्सव का समापन करने के बाद पत्रकारों से मुखातिब राज्यपाल ने प्रदेश की कानून व्यवस्था के सवाल पर कहा कि उनका साढ़े तीन साल का कार्यकाल हो चुका है। जब उन्होंने कार्यभार संभाला था, तब सूबे में अखिलेश यादव मुख्यमंत्री थे। अब एक साल से प्रदेश में योगी आदित्यनाथ की सरकार है। किसी के कार्य का मूल्यांकन करना जनता का काम होता है, आज की कानून व्यवस्था में सुधार हुआ है, जिससे प्रदेश को विकास में आगे ले जाया जा सकता है। इसका प्रमाण 21 व 22 फरवरी को इन्वेस्टर्स समिट में दिखा, जिसमें  4.28 लाख करोड़ के प्रस्ताव आए हैं।

राज्यपाल ने कहा कि अगर कोई निवेशक कहीं पर पूंजी लगाता है तो उसके सामने सुरक्षा व 24 घंटे बिजली प्रमुख बिंदु होता है। ऐसे में सरकार ने काम किया है।

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