सफाई की रेल में कर्मचारियों का टोटा

गोंडा: प्रधानमंत्री के सफाई अभियान की रेल गोंडा जंक्शन पर फेल हो रही है। कारण यहां पर सफाईकर्मियों क

By Edited By: Publish:Mon, 24 Nov 2014 09:36 PM (IST) Updated:Mon, 24 Nov 2014 09:36 PM (IST)
सफाई की रेल में कर्मचारियों का टोटा

गोंडा: प्रधानमंत्री के सफाई अभियान की रेल गोंडा जंक्शन पर फेल हो रही है। कारण यहां पर सफाईकर्मियों के आधे पद खाली चल रहे हैं। 108 की जगह सिर्फ 56 कर्मियों की तैनाती है, जिसमें से मात्र 41 कर्मी ही काम करने के लायक है। ऐसे में सफाई अभियान का मकसद बेमानी साबित होता जा रहा है।

भारत सरकार के संस्थानों में सफाई की रेल चली लेकिन रेल विभाग में सफाई कर्मियों की कमी एक बड़ी समस्या बन गई है। कारण एक दशक से इन पदों पर भर्ती नहीं हुई। केवल कर्मचारी सेवानिवृत होते गये। नतीजा गोंडा जंक्शन पर 41 कर्मचारी काम करने लायक बचे हैं, जिनके जिम्मे प्लेटफार्म एक , दो , तीन व चार है। इसके अलावा अधिकारियों के कमरे व यात्री प्रतीक्षालय, वीआइपी हाल शामिल हैं।

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क्या है हकीकत

गोंडा : प्रथम पाली में चालीस सफाई कर्मी लगाये जाते हैं जिससे प्लेटफार्म एक की सफाई हो जाती है। दो नंबर की सफाई हो जाती है लेकिन तीन व चार पर झाड़ू नहीं लग पाती है। दोपहर बाद दूसरी पाली में मुश्किल से कर्मियों की ड्यूटी लग पाती है और तीसरा पाली भगवान भरोसे रहता है। इससे प्लेटफार्म एक को छोड़कर सफाई कार्य प्रभावित रहता है।

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क्या है विकल्प

गोंडा : गोंडा जंक्शन को कम से कम 52 कर्मचारी सफाई कार्य के लिए मिले या संविदा पर एजेंसी इनकी व्यवस्था कराये। ऐसा न होने पर सफाई की रेल अटक जाएगी। इस समस्या का प्रस्ताव डीआरएम कार्यालय में भेजा गया लेकिन स्वास्थ्य विभाग पैरवी नहीं कर पाया।

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पांच किलोमीटर में फैला है स्टेशन व कालोनी

गोंडा : गोंडा जंक्शन का क्षेत्र पांच किलोमीटर में फैला हुआ है। यहां पर प्लेटफार्म के अलावा वरिष्ठ क्षेत्रीय प्रबंधक , सीसी, उपसेनानायक, आरक्षण केंद्र, जीआरपी व आरपीएफ, स्टेशन अधीक्षक कार्यालय व डीजल शेड कालोनी, सेमरा कालोनी, रेलवे अस्पताल, बड़गांव कालोनी, जीआरपी व आरपीएफ कालोनी, गोदाम कार्यालय शामिल हैं। इनकी सफाई का जिम्मा सफाई कर्मचारियों पर है। यहां पर कर्मचारियों की कमी से सफाई व्यवस्था नहीं हो पा रही है।

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क्या कहते हैं जिम्मेदार

गोंडा : वरिष्ठ क्षेत्रीय प्रबंधक नरेंद्र नाथ का कहना है कि सफाई कर्मियों की कमी की सूचना उच्चाधिकारियों को दी गई है। प्राइवेट एजेंसी की संभावना जताई जा रही है।

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