बंदियों की संख्या से कराह रही जेल

गोंडा : जिला कारागार में 508 बंदियों के रखने की क्षमता है, लेकिन वर्तमान में 948 बंदी कैद हैं। प्रधा

By JagranEdited By: Publish:Tue, 18 Sep 2018 10:55 PM (IST) Updated:Tue, 18 Sep 2018 10:55 PM (IST)
बंदियों की संख्या से कराह रही जेल
बंदियों की संख्या से कराह रही जेल

गोंडा : जिला कारागार में 508 बंदियों के रखने की क्षमता है, लेकिन वर्तमान में 948 बंदी कैद हैं। प्रधानमंत्री की घोषणा के बाद जिला कारागार में निरुद्ध केवल एक ही बंदी दो अक्टूबर को रिहा हो सकेगा। इससे कारागार में बंदियों की संख्या पर कोई विशेष असर नहीं पड़ेगा। अन्य सेंट्रल जेलों में बंदियों की रिहाई के बाद यहां से सजा काट रहे बंदियों को भेजने की कवायद हो सकती है। इससे जेल की व्यवस्था में सकारात्मक बदलाव की आस जगी है।18वीं सदी में बने गोंडा कारागार में 508 बंदियों को एक साथ रखने की क्षमता है। लेकिन मौजूदा समय इस कारागार में 948 बंदी कैद हैं। इनमें 47 महिला बंदी भी शामिल हैं। वैसे तो इस कारागार में मौजूदा समय 302 ऐसे कैदी हैं जिन्हें विभिन्न मामलों में सजा मिल चुकी है और वह अपनी सजा की अवधि पूरी कर रहे हैं। इन सजायाफ्ता कैदियों में 283 पुरुष व 19 महिलाएं शामिल हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मामूली व छोटे अपराधों में सजा काट रहे बंदियों को दो अक्टूबर को रिहा करने की घोषणा की है। शर्त ये है कि ऐसे कैदी अपनी सजा की अवधि का 66 प्रतिशत समय जेल में व्यतीत कर चुके हों। प्रधानमंत्री की इस घोषणा से यहां केवल एक ही बंदी को लाभ मिलेगा। एक बंदी के रिहा होने से जेल में कैदियों की संख्या में कोई खास कमी नहीं होगी। यदि जेल अधिकारियों की मानें तो सेंट्रल जेलों समेत दूसरी जेलों से दो अक्टूबर को अधिक बंदियों की रिहाई हो सकती है। ऐसे में यहां सजायाफ्ता 302 बंदियों में से यदि दूसरी जेलों में शिफ्ट करने की कार्रवाई हुई तो यहां बंदियों की संख्या कम हो सकती है और बंदियों से कराह रही जेल को राहत मिलेगी।

होती है परेशानी

-जेल अधीक्षक शशिकांत ¨सह ने बताया कि क्षमता से अधिक कारागार में बंदियों के कैद होने से जेल प्रशासन को विभिन्न समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। यदि दो अक्टूबर के बाद सेंट्रल जेल समेत अन्य जेलों में यहां से सजायाफ्ता कैदियों को भेजा गया तो बंदियों की कमी होने से राहत मिल सकती है।

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