कामयाबी का परचम फहरा रहा वुडबॉल खिलाड़ी

मांगी आर्थिक मदद - अंतर्राष्ट्रीय वुडबॉल चैंपियनशिप इंडिया-2020 का आयोजन महाराष्ट्र के पुणे में प्रस्तावित है। उत्पल ने प्रतियोगिता में आने-जाने व रहने के साथ ही खेल सामग्री क्रय करने में करीब 40 हजार रुपये का खर्च आएगा। पारिवारिक स्थिति ठीक न होने के कारण ये खर्च उठाना मेरे परिवार के वश में नहीं है। उत्पल ने बताया कि भारतीय कुश्ती संघ के अध्यक्ष/सांसद बृजभूषण शरण सिंह से मिलकर मदद की मांग की है।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 14 Mar 2020 09:35 PM (IST) Updated:Sat, 14 Mar 2020 09:35 PM (IST)
कामयाबी का परचम फहरा रहा वुडबॉल खिलाड़ी
कामयाबी का परचम फहरा रहा वुडबॉल खिलाड़ी

गोंडा : पिता पेशे से वकील और मां गृहणी। छपिया के नरायनपुर गांव में जन्मे उत्पल शुक्ल ने गांव ही नहीं बल्कि, जिले का नाम राष्ट्रीय स्तर पर रोशन किया है। 23 वर्षीय उत्पल उत्तराखंड के पतंजलि विश्वविद्यालय हरिद्वार में योग विषय से परास्नातक की पढ़ाई कर रहे हैं। पढ़ाई के साथ ही खेल में भी अपनी प्रतिभा दिखाई है। गत तीन वर्ष में वह वुडबॉल प्रतियोगिता में दो स्वर्ण व दो कांस्य पदक जीत चुके हैं। मिनी गोल्फ में भी रजत पदक जीत चुके हैं। हाल ही में उत्पल का चयन पुणे में होने वाली अंतरराष्ट्रीय वुडबॉल प्रतियोगिता के लिए हुआ है। उनके पास प्रतियोगिता में शामिल होने के लिए आने वाला खर्च उठाने के लिए पैसे नहीं हैं। इनसेट

स्कूल में मिली प्रेरणा, बन गए स्टॉर

- नरायनपुर निवासी देवनरायन शुक्ल के बड़े बेटे उत्पल शुक्ल घर से पढ़ाई के लिए देहरादून गए थे। उन्होंने बताया कि पहले खेलने में कोई रुचि नहीं थी। दाखिले के बाद क्लास व रूम पर पढ़ाई पर ही ध्यान लगा रहता था। वर्ष 2018 में पढ़ाई के दौरान एक दिन कॉलेज के स्पो‌र्ट्स डायरेक्टर कपिल शास्त्री से मुलाकात हुई। उन्होंने वुडबॉल व मिनी गोल्फ के बारे में जानकारी दी और खेलने के लिए प्रेरित किया। धीरे-धीरे अभ्यास के बाद खेलने में मन लगने लगा। गुरु रूप के में डायरेक्टर ने अपनी भूमिका बाखूबी निभाई। पहली बार वुडबॉल चैंपियनशिप में प्रतिभाग किया और गोल्ड मेडल जीतने में कामयाबी मिली। इस उपलब्धि ने मेरे अरमानों को पंख लगा दिए। इसके बाद पदक जीतने का सिलसिला लगातार जारी रहा। मांगी आर्थिक मदद

- अंतर्राष्ट्रीय वुडबॉल चैंपियनशिप इंडिया-2020 का आयोजन महाराष्ट्र के पुणे में प्रस्तावित है। उत्पल ने प्रतियोगिता में आने-जाने व रहने के साथ ही खेल सामग्री क्रय करने में करीब 40 हजार रुपये का खर्च आएगा। पारिवारिक स्थिति ठीक न होने के कारण ये खर्च उठाना मेरे परिवार के वश में नहीं है। उत्पल ने बताया कि भारतीय कुश्ती संघ के अध्यक्ष/सांसद बृजभूषण शरण सिंह से मिलकर मदद की मांग की है।

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