मैंने गांधी को देखा है...गोकशी बंद होगी, जातिवाद खत्म होगा और पाकिस्तान नहीं बनेगा

स्वतंत्रता संग्राम सेनानी रामअचल आचार्य महात्मा गांधी से विचार धारा से प्रभआवित होकर आजादी के आंदोलन में कूदे और आखरी दम तक संघर्ष करते रहे।

By Nawal MishraEdited By: Publish:Wed, 26 Sep 2018 06:24 PM (IST) Updated:Wed, 26 Sep 2018 11:50 PM (IST)
मैंने गांधी को देखा है...गोकशी बंद होगी, जातिवाद खत्म होगा और पाकिस्तान नहीं बनेगा
मैंने गांधी को देखा है...गोकशी बंद होगी, जातिवाद खत्म होगा और पाकिस्तान नहीं बनेगा

गोंडा (अजय सिंह)। स्वतंत्रता संग्राम सेनानी रामअचल आचार्य महात्मा गांधी से विचार धारा से प्रभआवित होकर आजादी के आंदोलन में कूदे और आखरी दम तक संघर्ष करते रहे। गोंडा के कर्नलगंज क्षेत्र के पतिसा गांव के रहने वाले रामअचल बताते हैं कि मेरे घर की आर्थिक स्थित सही नहीं थी। कक्षा दो तक शिक्षा ग्रहण की थी। इसके बाद अयोध्या से आचार्य हरिवंशमणि आए और हमें अपने साथ लेकर चले गए। वहीं हिंदू महासभा में शामिल हो गया। गोंडा व फैजाबाद के लोगों को गुजरात के अहमदाबाद में आहूत बैठक में बुलाया गया था।

गांधीजी को देखा पर बात नहीं हुई

1938 के आसपास बैठक में गांधीजी को पहली बार देखा, उनसे मुलाकात हुई, लेकिन बातचीत नहीं कर सका था। वह बैठक में कह रहे थे कि पाकिस्तान नहीं बनेगा। सभी एक साथ रहेंगे। गोकशी बंद की जाएगी, गांव के गरीब लोगों का कार्ड बनेगा। घर-घर चरखा से सूत काते जाएंगे, जिससे बेकारी दूर होगी। जातिवाद खत्म करके सबको एक किया जाएगा। इस विचार से बैठक में मौजूद सभी लोग सहमत थे।

प्रभावित होकर आजादी की लड़ाई में कूदा

गांधी जी की बैठक का असर मेरे भी मन मस्तिष्क पर पड़ा। मैं वहां से आने के बाद गांधीजी से मिले निर्देशों का पालन करने लगा। साथ ही देश की आजादी की लड़ाई में अपना योगदान दिया। इसके बाद बिहार के सीतामढ़ी व मुजफ्फरपुर के बीच में गांधी जी से मुलाकात हुई थी, लेकिन बहुत दूर से, वह सभा में भाषण दे रहे थे। गांधी जी को जब गोली मारे जाने की खबर मिली तो मूर्छा सी आ गयी थी। 

chat bot
आपका साथी