Gonda: बिजली कर्मियों की हड़ताल से 32 लाख लोग अंधेरे में रहने को मजबूर, 10 संविदा कर्मियों की सेवा समाप्त

बिजली कर्मचारियों की प्रदेश व्यापी हड़ताल के कारण गोंडा में लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। 32 लाख से अधिक लोग अंधेरे में रहने को मजबूर है। मुख्य अभियंता ने एक अधिशासी अभियंता व दो सहायक अभियंता को निलंबित करने की संस्तुति की है।

By Jagran NewsEdited By: Publish:Sun, 19 Mar 2023 01:31 PM (IST) Updated:Sun, 19 Mar 2023 01:31 PM (IST)
Gonda: बिजली कर्मियों की हड़ताल से 32 लाख लोग अंधेरे में रहने को मजबूर, 10 संविदा कर्मियों की सेवा समाप्त
बिजली कर्मियों की हड़ताल से 32 लाख लोग अंधेरे में रहने को मजबूर

संसू, गोंडा : विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति के प्रदेश व्यापी हड़ताल से जन जीवन अस्त व्यस्त हो गया। जिले भर में 32 लाख से अधिक लोग अंधेरे में रहने को विवश हैं। हालात ये हो गए हैं कि अधिकांश लोगों का मोबाइल फोन चार्ज न होने के कारण बंद हो गया है। लोगों को पेयजल संकट से भी दो-चार होना पड़ रहा है।

10 संविदा कर्मियों की सेवा समाप्त

लोग अपनों से संपर्क साधने के लिए किराए पर मोबाइल फोन जनरेटर से चार्ज करा रहे हैं। वहीं अंधेरा दूर करने के लिए मोमबत्ती व डीजल की खरीद भी बढ़ गई है। मुख्य अभियंता बिजली दीपक अग्रवाल ने बिजली आपूर्ति में असहयोग करने के मामले में एक अधिशासी अभियंता व दो सहायक अभियंता को निलंबित करने की संस्तुति की है। वहीं सेवा प्रदाता के माध्यम से तैनात 10 संविदा कर्मियों की सेवा समाप्त कर दी गई है।

जनरेटर संचालकों की बढ़ी डिमांड

बिजली कर्मियों की चल रही हड़ताल से जनरेटर संचालकों की मांग बढ़ गई है। जनरेटर संचालकों की दुकान पर ही मोबाइल फोन व आपात कालीन लाइट चार्ज कराने वालों की भीड़ एकत्र हो रही है। वहीं कई लोग तो अपने घर ही किराए पर जनरेटर संचालित करा रहे हैं। जिन दफ्तरों में जनरेटर की व्यवस्था नहीं है वहां अंधेरा होने से काम प्रभावित रहा। अधिकांश दफ्तरों के कंप्यूटर आफ रहे। लोग किराया देकर मोबाइल फोन चार्ज कराते दिखे। कुछ लोग तो रिश्तेदारों के यहां मोबाइल चार्ज करने के लिए बैठे रहे।

डीजल व मोमबत्ती का इंतजाम कर रहे लोग

मिट्टी तेल की आपूर्ति बंद होने के बाद अधिकांश घरों से लालटेन, लैंप व ढिबरी गायब हो गई थी। अब बिजली कर्मियों की हड़ताल से जब घरों में अंधेरा हो गया तो पहले मोमबत्ती की तलाश हुई। इसके बाद डीजल से लैंप व ढिबरी जलाकर प्रकाश करने का सिलसिला शुरू हुआ।

जनरेटर से कराई जा रही पेयजल की व्यवस्था

गनीमत यह है कि गत दो दिनों में बदली होने के कारण गर्मी का असर कम है। नहीं तो लोग पंखा (बेना) की तलाश भी शुरू कर देते। अधिकांश लोग बिजली कर्मियों को कोसते नजर आए, तो कुछ आंदोलन के तरीके पर सवाल खड़ा करते रहे। नगर के कांशीराम कालोनी व इमामबाड़ा में बिजली न होने से पंप संचालन बाधित है। जनरेटर लगवाकर पेयजल व्यवस्था सही कराने का दावा किया जा रहा है।

कई बिजली उपकेंद्रों पर बाहरी ने संभाली व्यवस्था

बिजली आपूर्ति बहाल करने के लिए प्रशासन हर संभव प्रयास करता रहा। धानेपुर में एक पुलिस कर्मी ने बिजली उपकेंद्र की आपूर्ति बहाल की। इसी तरह नगर के आवास विकास, बड़गांव, अंबेडकर चौराह उपकेंद्र की आपूर्ति भी बहाल की गई। इस दौरान नगर मजिस्ट्रेट व पुलिस कर्मी मौजूद रहे। इसी तरह कई अन्य उपकेंद्रों से भी बिजली आपूर्ति बहाल करने का प्रयास प्रशासन ने किया। सुरक्षा को लेकर सभी बिजली उपकेंद्रों पर पुलिस कर्मियों की तैनाती रही।

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