दीयों की रौशनी से जगमगाई अमावस की रात

गोंडा: स्थान-शिशु संरक्षण गृह, समय करीब दो बजे। यहां पर रह रहीं नौ वर्षीय खुशबू, आठ साल के शमीम, राम

By Edited By: Publish:Thu, 23 Oct 2014 09:32 PM (IST) Updated:Thu, 23 Oct 2014 09:32 PM (IST)
दीयों की रौशनी से जगमगाई अमावस की रात

गोंडा: स्थान-शिशु संरक्षण गृह, समय करीब दो बजे। यहां पर रह रहीं नौ वर्षीय खुशबू, आठ साल के शमीम, राम बाबू, चार साल की पल्लवी टीवी पर दीपावली मनाये जाने का समाचार देखने के बाद एक दूसरे को निहार रहीं थीं। इसी बीच पल्लवी के मुंह से निकल पड़ा कि हमारे साथ कौन दीपावली मनायेगा। घर पर होते तो मम्मी पापा, भइया होता.। उसकी यह बात सुनकर वहां पर मौजूद अधीक्षिका सपना श्रीवास्तव व अन्य कर्मियों ने न उसे दिलासा दी, बल्कि उसे मिठाई भी खिलाई। इन्हीं दौरान साहित्यकार डॉ. उमा सिंह, भरत भूषण द्विवेदी, बृजेश श्रीवास्तव, अर्श पांडेय व शालिनी श्रीवास्तव मिठाई, खिलौना व पटाखे लेकर पहुंचें तो इन मासूमों के चेहरे खिल गए। इन सबके बीच गुरुवार को आओ मिलकर एक अंजुमन संजोएं.. के सपने के साथ प्रगति के नये आयाम को तय करने का हर किसी ने संकल्प लिया। प्रकाश पर्व पर हर ओर दीप जलाकर मां लक्ष्मी व गणेश की आराधना की गयी। हर घर को सजाया संवारा गया। कहीं पर दीपों की रोशनी के साथ ही झालरें जगमगा रही हैं तो कहीं पर आसमान में पटाखे फूट रहे हैं। इन सबके साथ ही जिला विज्ञान क्लब व नेचर क्लब फाउंडेशन के पदाधिकारियों ने कई स्थानों पर एकत्र होकर पटाखे न फोड़ने की अपील की। यानी दीपों की रौशनी से अमावस की काली रात भी जगमगा उठी।

माना जाता है कि चौदह वर्ष के वनवास के दौरान लंका में रावण का वध करने के बाद राम दीपावली के दिन वापस अयोध्या लौटे थे। जिस पर पूरे अवध को दीपों से सजाया गया था। दरअसल गोंडा जिला अवध का पड़ोसी जिला है, यहीं पर राम चरित मानस के रचयिता गोस्वामी तुलसीदास भी पैदा हुए थे जिसके कारण यहां पर दीपावली पर्व का महत्व और बढ़ जाता है। प्रकाश पर्व पर शहर हो या देहात, मोहल्ले हो या कस्बे, हर ओर सिर्फ प्रकाश की धूम है। घरों को झालरों से सजाया गया है। इसके अलावा शाम को पूजन के साथ ही हर घर दीपों की रोशनी से गुलजार हो उठा। लोगों ने मां लक्ष्मी व गणेश का पूजन करके प्रगति के नये आयाम तय करने का संकल्प लिया। यहीं नहीं दीपपर्व पर जिले भर में करीब तीन करोड़ रुपये से अधिक के पटाखे फोड़े गये। किसी ने फुलझड़ी छोड़ी तो किसी ने अनार जलाया। किसी ने राकेट छोड़े तो किसी ने गोले दागे। इन सबके बीच जिला विज्ञान क्लब व नेचर क्लब फाउंडेशन के पदाधिकारियों ने शहर के कई मोहल्लों में जाकर लोगों को आतिशबाजी न करने के लिए प्रेरित किया। हिंदू युवा वाहिनी की बैठक जिलाध्यक्ष शारदाकांत पांडेय के आवास पर हुई। जिसमें दीपावली के पावन पर्व एवं दीप उत्सव पर पदाधिकारियों ने एक दूसरे को मिठाई खिलाकर खुशियां मनाई। इस अवसर पर महामंत्री शिव शंकर पांडेय, कोषाध्यक्ष रमेश गुप्ता, संगठन मंत्री बब्बू दूबे, मीडिया प्रभारी सुनील दूबे, बब्बू शुक्ला, प्रकाश आर्या, संदीप तिवारी, पवन शुक्ला, प्रदीप मिश्रा, शिव कुमार मिश्र, सौरभ सिंह, अमन पाडेय, वीर सिंह सहित अन्य मौजूद थे। मसकनवां संवादसूत्र के अनुसार स्वामी नारायण छपिया मंदिर के साथ ही पूरे क्षेत्र में प्रकाश पर्व मनाया गया।

मां लक्ष्मी का पूजन

- शहर के इमिलिया गुरुदयाल में स्थानीय लोगों ने मिलकर मां लक्ष्मी की प्रतिमा स्थापित की। यहां पर दिन भर मां लक्ष्मी के पूजन अर्चन का दौर जलता रहा। कार्यक्रम में संजय पांडेय, सुभाष चंद्र श्रीवास्तव, हरि किशोर, अनुज सिंहा, भोला कश्यप, आलोक, रवि, संदीप, प्रमोद नंदन, आभा सक्सेना, सौरभ, क्षितिज, सुनील, श्यामू, सूरज, कंचन, सुनयना, सतीश, विनोद मिश्र सहित अन्य मौजूद थे। इसके साथ ही शहर में कई अन्य स्थानों पर मां लक्ष्मी की प्रतिमा स्थापित की गई है। मसकनवां में भी करीब एक दर्जन स्थानों पर मां लक्ष्मी का पूजन किया गया।

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