डॉक्टरों का अकाल, मरीज बेहाल

इनसेट जिम्मेदार के बोल यह बात सही है कि शुक्रवार को काफी परेशानी हुई। कुछ चिकित्सक बिना बताए अनुपस्थित हैं तो कुछ अवकाश पर। ऐसे में मात्र एक ही स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. एस कुमार ही थी। अन्य चिकित्सकों को बुलाकर ओपीडी व अन्य व्यवस्थाएं संचालित कराई गई हैं। बाल रोग विभाग व अल्ट्रासाउंड के बारे में जानकारी की जा रही है। अधिकारियों को स्थिति से अवगत कराया गया है। - डॉ. एपी मिश्र सीएमएस महिला अस्पताल

By JagranEdited By: Publish:Fri, 17 Jan 2020 11:06 PM (IST) Updated:Sat, 18 Jan 2020 06:07 AM (IST)
डॉक्टरों का अकाल, मरीज बेहाल
डॉक्टरों का अकाल, मरीज बेहाल

गोंडा: महिला अस्पताल में मरीजों को कोई परेशानी न हो, त्वरित इलाज की सुविधा के लिए तमाम दावों के बाद भी सुविधाएं पटरी से उतर गई है। यहां पर कहने को तो छह डॉक्टर तैनात हैं लेकिन, इन दिनों सिर्फ एक ही डॉक्टर के कंधों पर अस्पताल की जिम्मेदारी है। ओपीडी में सिर्फ एक ही चिकित्सक के होने के कारण मरीजों को हो परेशानी हुई। अल्ट्रासाउंड भी दोपहर एक बजे ही बंद हो गया। बाल रोग की ओपीडी भी बंद रही। पेश है नंदलाल तिवारी की रिपोर्ट- अब जिला अस्पताल जाइत हय

- दोपहर 12 बजकर 23 मिनट। बाल रोग विभाग की ओपीडी बंद है। इस कारण शिशु को डॉक्टर दिखाने ले आईं सुषमा जब इंतजार करते-करते थक गईं तो पति प्रतीक से कह उठीं कि चलिए अब जिला अस्पताल दिखाते हैं। राजकुमारी पौत्र को दिखाने के लिए डॉक्टर का इंतजार कर रही थीं। एक बजे ही अल्ट्रासाउंड कक्ष का ताला बंद होने से पूनम व शशिकला को कर्मियों ने सोमवार को आने की सलाह दी।

समस्या बढ़ी तब चेते अफसर

- ओपीडी में जब मरीजों की भीड़ बढ़ी, मात्र एक ओपीडी में डॉ. माधुरी ही मरीजों को देख रही थीं। डॉ. एस कुमार इमरजेंसी ड्यूटी पर थीं। ऐसे में मरीजों का दबाव बढ़ने के बाद सीएमओ को पूरे प्रकरण से अवगत कराया गया। इसके बाद सीएमओ ने वजीरगंज सीएचसी की चिकित्साधिकारी डॉ. पूजा को महिला अस्पताल की ओपीडी संभालने के लिए भेजा, इसके बाद स्थिति पटरी पर आ सकी।

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