'आरबीएसके' का बढ़ा दायरा, अब टीबी-कुष्ठ की भी जांच

रक क्षय रोग की समाप्ति को लेकर शुरू की गई पहल के बाद अब स्वास्थ्य विभाग इसको लेकर गंभीर हो गया है। बीमारी को जड़ से समाप्त करने के लिए सघन मरीज खोज अभियान के साथ ही अब राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत स्वास्थ्य विभाग की टीमें स्कूलों व आंगनबाड़ी केंद्रों पर अन्य बीमारियों के साथ ही टीबी के मरीज भी खोजेंगी। अगर कोई बच्चा बीमारी से ग्रसित मिलता है तो उसका इलाज कराया जाएगा। इलाज की सारी सुविधा निश्शुल्क होगी। कुष्ठ रोग को भी इसमें शामिल किया गया है। अब बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम में 3

By JagranEdited By: Publish:Mon, 23 Sep 2019 10:32 PM (IST) Updated:Mon, 23 Sep 2019 10:32 PM (IST)
'आरबीएसके' का बढ़ा दायरा, अब टीबी-कुष्ठ की भी जांच
'आरबीएसके' का बढ़ा दायरा, अब टीबी-कुष्ठ की भी जांच

गोंडा : प्रदेश को टीबी मुक्त करने की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल की प्रेरणा के बाद एक और पहल शुरू हुई है। क्षय रोगियों को गोद लेने के साथ ही अब बच्चों को इस बीमारी से बचाने की योजना तैयार की गई है। इसके तहत टीबी के साथ कुष्ठ रोग को राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम में शामिल किया गया है। अब स्कूलों व आंगनबाड़ी केंद्रों पर अब अन्य बीमारियों के साथ ही टीबी व कुष्ठ रोग की भी जांच करेंगी। अगर किसी बच्चे में इस बीमारी के लक्षण मिलते हैं तो उसका इलाज प्राथमिकता पर कराया जाएगा। साथ ही मोबाइल एप 'आरबीएसके' से इसकी निगरानी भी की जाएगी।

स्वास्थ्य विभाग की ओर से हाल ही में किए गए सर्वे में 18 वर्ष से कम आयु के 500 टीबी मरीज सामने आए थे। इसके मद्देनजर क्षय रोग विभाग ने अब सघन मरीज खोज अभियान चलाने का फैसला किया है। 10 अक्टूबर से यह अभियान शुरू होगा। इसके तहत टीमें घर-घर जाकर मरीजों का पता लगाएंगी। साथ ही बीमारी के लक्षण व कारण के बारे में जानकारी देंगी। कार्यक्रम समन्वयक विवेक सरन ने बताया कि आशा कार्यकर्ता व अन्य कर्मियों इसकी जिम्मेदारी सौंपी जा रही है।

32 टीमें गठित, अब कुष्ठ-टीबी की भी जांच :

राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत कुल 32 टीमें गठित है। यह टीमें स्कूलों व आंगनबाड़ी केंद्रों पर पहुंचकर इलाज करती हैं। पहले यह टीमें एनीमिया, विटामिन ए व डी, हृदय रोग, दांत संबंधी दिक्कत, आंख, कान, नाक समेत 38 बीमारियों का परीक्षण करती थीं।

----

-2731 स्कूलों में अब तक 98 हजार बच्चों की स्क्रीनिग की गई है। इनमें 5227 बच्चे विभिन्न रोगों से ग्रस्त मिले। सभी का इलाज कराया गया है।

-उमाशंकर, जिला समन्वयक, बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम

chat bot
आपका साथी