सहयोगी मार्गदर्शन करें न कि पारंपरिक

गोंडा: माताओं व परिवार वालों को घर पर देखभाल संबंधी आदतों के बारे में जानकारी देने एवं सलाह देने में

By Edited By: Publish:Mon, 07 Dec 2015 11:53 PM (IST) Updated:Mon, 07 Dec 2015 11:53 PM (IST)
सहयोगी मार्गदर्शन करें न कि पारंपरिक

गोंडा: माताओं व परिवार वालों को घर पर देखभाल संबंधी आदतों के बारे में जानकारी देने एवं सलाह देने में आशा की क्षमता को बढ़ाने में आशा संगिनी की महत्वपूर्ण भूमिका होती है।

सोमवार को जिला अस्पताल के एएनएम ट्रे¨नग सेंटर में आयोजित कार्यशाला को संबोधित करते हुए जिला कम्युनिटी प्रोसेस प्रबंधक डॉ. आरपी ¨सह ने कहा कि आशा संगिनी वह व्यक्ति है, जो जमीनी स्तर पर काम करने वाले कार्यकर्ताओं के सीधे संपर्क में होता है। आशा संगिनी का मुख्य कार्य सहयोगी मागर्दर्शन प्रदान करना है। प्रभावी सहयोगी मार्गदर्शन से स्वास्थ्य कर्मियों की कार्यक्षमता में सुधार होता है। उससे सेवाओं की गुणवत्ता बढ़ती है। आशा संगिनी को सहभागी तरीके से सहयोगी मार्गदर्शन करना चाहिए न कि पारंपरिक मार्गदर्शन। संगिनी को न केवल तकनीकी क्षेत्रों, कार्य की जिम्मेदारियों और आशा द्वारा हासिल किए गए परिणामों में कुशल होना चाहिए।

प्रशिक्षण में प्रशिक्षक दिलीप शुक्ला, शादाब फात्मा व कसीम सिद्दीकी ने कहा कि आशा संगिनी आशा को इच्छित परिणाम हासिल करने में सक्षम बनाता है। क्षमता और कार्य निष्पादन में सुधर करने के लिए मार्गदर्शन का काम करता है। साथ में काम करते हुए सिखाता है। प्रशिक्षण में बभनजोत, पड़रीकृपाल, परसपुर क्षेत्र की आशा संगिनी को प्रशिक्षण प्रदान किया गया।

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