हाकिमों की नजरों के सामने यह हाल, कैसे सुधरें हाल

गोंडा: ²श्य एक - विकास भवन के सामने स्थित पार्क की स्थापना की गई थी। मकसद था कि यहां पर फूल पौ

By Edited By: Publish:Mon, 05 Oct 2015 12:07 AM (IST) Updated:Mon, 05 Oct 2015 12:07 AM (IST)
हाकिमों की नजरों के सामने यह हाल, कैसे सुधरें हाल

गोंडा:

²श्य एक

- विकास भवन के सामने स्थित पार्क की स्थापना की गई थी। मकसद था कि यहां पर फूल पौधे लगाए जायेंगे, जिसके माध्यम से स्वच्छता व पर्यावरण का संदेश गांवों तक पहुंचाया जायेगा। यह उद्देश्य अब फेल हो गया है। पार्क में झाड़ियों का अंबार है। पार्क की चहारदीवारी तक टूटी हुई है। यहां पर मवेशी दिन भर घूमते रहते हैं। यह हाल तब है जब विकास भवन में सीडीओ से लेकर करीब दो दर्जन से अधिक विभागों के अधिकारी बैठते हैं।

²श्य दो

- हाउ¨सग कालोनी में रहने वाले सरकारी अधिकारियों व कर्मचारियों के बच्चों के लिए कोई परेशानी न हो, इसके लिए यहां पर चिल्ड्रेन पार्क का निर्माण कराया गया। जिसमें झूला तक का प्रबंध था, आज यह पार्क अपनी बदहाली पर आंसू बहा रहा है। पार्क में लंबी लंबी घासें उगी हुई है। पार्क के पास रहने वाले कर्मियों का कहना है कि इसको लेकर कई बार अधिकारियों को बताया गया लेकिन कोई सुनने को तैयार नहीं है।

²श्य तीन

- सिविल लाइन पुलिस चौकी के बगल ही एडीएम व सीडीओ का आवास है। एडीएम नगर पालिका परिषद के प्रशासक है, जबकि सीडीओ विकास विभाग के मुखिया। बावजूद इनके आवास से होकर गुजरने वाली सड़क के दूसरी तरफ बड़ी- बड़ी घासें उगी हुई हैं। बगल में ही स्थित जिला उद्योग केंद्र का परिसर भी जंगली घासों से पटा पड़ा है।

²श्य चार

- सदर तहसील के ठीक पीछे अधिकारियों की कालोनी है। कालोनी में प्रवेश करते ही आगे कोने पर कूड़ा का ढेर मिला। थोड़ा सा आगे बढ़ने पर पता चलता है कि बीएसए व डीपीआरओ का आवास है। इन अफसरों के घरों के सामने वैसे तो नगर पालिका ने कूड़ा जमा करने के लिए कूड़ेदान का इंतजाम कर रखा है लेकिन कूड़ा बाहर ही फैला हुआ है। यहीं नहीं आवास के पास ही जंगली घासें उगी हुई है।

जी हां, यह तस्वीर स्वच्छता की स्थिति को उजागर कर रही है। स्वच्छ सुंदर परिवेश..सुनने में जितना अच्छा लग रहा है, हकीकत उतना ही बदहाल है। जब हम आप अपने घर को गंदा रखना नहीं पसंद करते हैं तो फिर अपने आसपास स्वच्छता का माहौल पैदा करने का प्रयास क्यूं नहीं करते। यह सवाल बड़ा दिलचस्प है। हर कोई एक दूसरे को नसीहत दे रहा है लेकिन सच्चाई यह है कि जिला मुख्यालय पर हाकिमों के घरों के सामने ही गंदगी का अंबार है। कहीं पर कूड़े का ढेर है तो कहीं पर झाड़ियां। विकास भवन हो या फिर अधिकारियों की कालोनी, हर ओर सफाई को लेकर बदहाल कहानी सामने आ रही है। ऐसे में सवाल यह उठता है कि जब हाकिमों की कालोनी का यह हाल है, तो स्वच्छता अभियान की कामयाबी का अंदाजा सहज ही लगाया जा सकता है। सीएमओ कार्यालय के पीछे भी गंदगी का अंबार है, बावजूद अफसरों को इसका ध्यान नहीं है। पंतनगर स्थित बीएसए कार्यालय के पीछे भी जंगली घासें उगी हुई है, जो कर्मियों के लिए परेशानी का सबब बनी हुई है। बिजली विभाग के मुख्य अभियंता के आवास के सामने भी गदंगी व जंगली घासें उगी हुई है। कई अन्य सरकारी अधिकारियों के आवास व कार्यालयों का भी यही हाल है।

बोले जिम्मेदार

चलाया जाए अभियान

- मुख्य विकास अधिकारी जयंत कुमार दीक्षित का कहना है कि संबंधित विभागों के अधिकारियों को निर्देश दिया जा रहा है कि पार्कों व कालोनियों की साफ सफाई को लेकर विशेष अभियान चलाया जाय। साथ ही लोगों के भीतर जागरूकता भी पैदा किया जाय।

chat bot
आपका साथी