सतत विकास को केंद्र में रखकर करें काम

गाजीपुर पीजी कालेज के टेरी स्थित सभागार में शनिवार को स्नातकोत्तर महाविद्यालय एवं नेशनल इंस्टीच्यूट आफ टेक्नोलाजी पटना के संयुक्त तत्वाधान में फैकेल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम की औपचारिक शुरुआत हुई। 21 अक्टूबर तक चलने वाले इस कार्यक्रम की शुरुआत महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ के कुलपति प्रोफेसर पीएन सिंह के दीप प्रज्ज्वलन से हुई। इस मौके पर वक्ताओं ने सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी की उपयोगिता पर प्रकाश डाला गया।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 12 Oct 2019 04:35 PM (IST) Updated:Sat, 12 Oct 2019 04:35 PM (IST)
सतत विकास को केंद्र में रखकर करें काम
सतत विकास को केंद्र में रखकर करें काम

जासं, गाजीपुर : पीजी कालेज के टेरी स्थित सभागार में शनिवार को स्नातकोत्तर महाविद्यालय एवं नेशनल इंस्टीट्यूट आफ टेक्नोलाजी पटना के संयुक्त तत्वावधान में फैकेल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम की औपचारिक शुरुआत हुई। 21 अक्टूबर तक चलने वाले इस कार्यक्रम की शुरुआत महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ के कुलपति प्रोफेसर टीएन सिंह के दीप प्रज्ज्वलन से हुई। इस मौके पर वक्ताओं ने सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी की उपयोगिता पर प्रकाश डाला।

मुख्य अतिथि प्रो. सिंह ने बताया कि युवाओं को कार्बन एमीशन पर ध्यान देते हुए अपनी जीवन शैली की रचना करनी चाहिए। जीवन में सतत विकास को केंद्र में रख कर काम करना चाहिए। डा. दिनेश सिंह ने कहा की भारत की समृद्ध परंपरा ऋषि मुनियों से शुरू हुई है और विज्ञान आज अपने आधुनिक रूप में हमारे सामने है। कालेज के सचिव अजित सिंह ने कहा कि प्रौद्योगिकी के प्रयोग से शिक्षण को प्रभावशाली बनाया जा सकता है। डा. आइसक ने कहा कि विश्वास है कि इसमें शामिल होने वाले लोग अपने-अपने विषय को बेहतर तरीके से समझ पाएंगे। इस अवसर पर पूर्व आइएएस संजीव सिंह, प्राचार्य डा. समर बहादुर सिंह, डा. अशोक सिंह, डा. बालेश्वर सिंह, डा. हेमंत सिंह, डा. जेके राव, अमितेश सिंह, प्रदीप, डा. राहुल आदि थे। संचालन डा. संजय चतुर्वेदी ने किया ।

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सूचना प्रौद्योगिकी जीवन में सकारात्मक उन्नति का बने आधार

महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ के कुलपति ने सामुदायिक रेडियो परिसर का निरीक्षण कर एक कार्यक्रम भी रिकार्ड किया। सामुदायिक रेडियो के अमितेश सिंह से टॉक शो के दौरान बताया कि हर भेजे गए मैसेज से कार्बन उत्सर्जन होता है जो कि पर्यावरण के लिए ठीक नहीं है। सूचना प्रौद्योगिकी के इस्तेमाल में इस बात का ध्यान देना चाहिए कि तकनीकी हमारे जीवन में सकारात्मक उन्नति का आधार बने ना कि हमारे जीवन में समस्या पैदा कर दे।

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