बारिश से सब्जी के किसानों की बढ़ी मुश्किलें

जागरण संवाददाता गाजीपुर जिले में दो दिनों से झमाझम बारिश से मौसम सुहाना हो गया है तो वहीं सब्जी के किसानों को नुकसान का डर सता रहा है।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 20 May 2021 08:32 PM (IST) Updated:Thu, 20 May 2021 08:32 PM (IST)
बारिश से सब्जी के किसानों की बढ़ी मुश्किलें
बारिश से सब्जी के किसानों की बढ़ी मुश्किलें

जागरण संवाददाता, गाजीपुर : जिले में दो दिनों से झमाझम बारिश से मौसम सुहाना हो गया है तो वहीं जगह-जगह जलजमाव और कीचड़ से लोगों को दिक्कत भी हो रही है। उधर बारिश से किसानों की जहां प्याज की खोदाई का काम ठप हो गया तो वहीं दूसरी ओर किसान धान की नर्सरी के लिए अपने खेतों को तैयार करने में जुट गए। कई जगह बिजली आपूर्ति बाधित हुई। नगर की कई सड़कें जलमग्न हो गईं। लंका-स्टेशन तिराहा, लंका-कचहरी तिराहा, सकलेनाबाद, मिश्र बाजार लालदरवाजा आदि मोहल्ले में जलजमाव हो गया।

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प्याज की खोदाई ठप, संड़ने की आशंका

मुहम्मदाबाद : बरसात के कारण नाशपाती व तरबूज की खेती में लगे किसानों को काफी नुकसान उठाना पड़ा। प्याज की खोदाई पूरी तरह से ठप हो गई। खेत में पानी लगने से प्याज के सड़ने का खतरा उत्पन्न हो गया है। हालांकि बारिश होने से धान की नर्सरी की तैयारी में लगे किसान खुश नजर आ रहे हैं। उनका मानना है कि इस बारिश से उन्हें खेतों में कम पानी चलाना होगा।

सैदपुर: नगर के नारमल स्कूल, पकड़ी के पेड़ के पास, यूबीआइ शाखा के सामने, सब्जी मंडी आदि जगहों पर जलजमाव से फिसलन हो गई जिससे कई लोग गिरकर जख्मी हो गए। वहीं बारिश होते ही किसान खेतीबारी में जुट गए हैं। -------- दूसरे दिन भी नहीं हो सकी आपूर्ति

मुहम्मदाबाद : क्षेत्र के कुंडेसर स्थित 132 केवीए उपकेंद्र से नगर स्थित नए विद्युत उपकेंद्र पर आने वाली 33 हजार केवीए की लाइन में खराबी आने से बुधवार की रात करीब 9:30 बजे से आपूर्ति पूरी तरह ठप हो गई। गुरुवार की देर शाम तक आपूर्ति बहाल नहीं हो सकी थी। सुबह विद्युत कर्मी जब खराबी ढूंढने निकले तो पता चला कि भागड़ किनारे 33 हजार तार पर बबूल के पेड़ की टहनियां गिर गईं थीं। वहीं कहीं कहीं बांस की टहनी भी टकरा रही थी जिसे काटकर हटाया गया। 33 हजार की खराबी को दुरुस्त करने के बाद नगर में हुए फाल्ट को ढूंढने में लाइनमैन लगे रहे।

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दिलदारनगर : बारिश से कीचड़ के कारण पैदल चलने वालों को सड़कों पर चलना दूभर हो गया है। बरसात के कारण कच्चे घरों में रह रहे लोगों को मकान गिरने का भय सता रहा था तो उमस भरी गर्मी से लोगों को बड़ी राहत मिली है। सब्जी की खेती करने वाले किसानों को नुकसान हुआ।

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