बजट में जनपद को कुछ न मिलने से जनता निराश

दपुर (गाजीपुर) प्रदेश के वित्त मंत्री द्वारा प्रस्तुत चौथे पूर्ण बजट में जनपद को निराशा हाथ लगी है। जिले को इस बजट में कुछ खास नहीं मिला है। सरकार ने हर योजनाओं व हर क्षेत्र में कुछ न कुछ किया है लेकिन गाजीपुर को एक बार फिर निराशा हाथ लगी है।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 18 Feb 2020 06:28 PM (IST) Updated:Tue, 18 Feb 2020 06:28 PM (IST)
बजट में जनपद को कुछ न मिलने से जनता निराश
बजट में जनपद को कुछ न मिलने से जनता निराश

जागरण संवाददाता, सैदपुर (गाजीपुर) : प्रदेश के वित्त मंत्री द्वारा प्रस्तुत चौथे पूर्ण बजट में जनपद को निराशा हाथ लगी है। जिले को इस बजट में कुछ खास नहीं मिला है। सरकार ने हर योजनाओं व हर क्षेत्र में कुछ न कुछ किया है लेकिन गाजीपुर को एक बार फिर निराशा हाथ लगी है।

आमजन को उम्मीद थी कि इस बार गाजीपुर को कुछ न कुछ खास मिलेगा। कल कारखानों के अलावा खिलाड़ियों के लिए अतिरिक्त बड़े स्टेडियम की उम्मीद थी। चूंकि गाजीपुर में वालीबाल, हाकी, कुश्ती के खिलाड़ियों की अधिकता है। इन क्षेत्रों में जनपद के खिलाड़ियों ने राज्य ही नहीं राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उपलब्धि हासिल की है लेकिन इस बजट में उनके लिए कुछ नहीं है। रोजगार के लिए जनपद के युवाओं का पलायन तेजी से महानगरों की तरफ जारी है। आमजन में उम्मीद थी कि इस बजट में कोई बड़ कल-कारखाना जनपद में स्थापित होगा लेकिन कुछ नहीं मिला। किसान बीमा दुर्घटना योजना, आवास, पेंशन समेत अन्य योजनाओं में सरकार की पहल की लोग सराहना तो कर रहे हैं लेकिन जनपद को कुछ खास न मिलने का दर्द उन्हें आज भी सता रहा है। जनपदवासियों को कहना है कि जिले में भाजपा के तीन विधायक हैं। चुनाव के समय भाजपा से गठबंधित दल भासपा के भी दो विधायक हैं। हालांकि अब गठबंधन टूट चुका है। भाजपा से सदर विधायक संगीता बलवंत, मुहम्मदाबाद की विधायक अलका राय व जमानियां विधायक सुनीता सिंह हैं। तीनों विधायक रहने के बावजूद बजट में जनपद के लिए कुछ न मिलने से लोग निराश हैं। साथ ही विधायकों को कोष भी रहे हैं। ------------- लोग बोले .. फोटो- 41सी - किसानों की सबसे बड़ी समस्या को नदरअंदाज किया गया है। उम्मीद थी कि घुमंतू गोवंश पर कुछ सार्थक बजट और योजना आएगी, पर निराशा हाथ लगी है।- रामनगीना सिंह, गौरहट,।  फोटो- 42

- बजट में यूपी सरकार ने केंद्र के साथ तालमेल बनाने का सार्थक प्रयास किया है। ग्रामीण युवाओं को जिम के साथ प्रशिक्षण की व्यवस्था की जाती तो बेहतर होता। सुनील यादव, बिहारीगंज। फोटो- 43सी

-महिला स्वास्थ्य और प्रसूति व्यवस्था सुचारू करने की योजना नदारद है। सभी जच्चा-बच्चा केंद्रों के सुधार और तकनीकी विस्तार की योजनाओं का इस बजट में आभाव दिख रहा है। संध्या सिंह, सिधौना। फोटो- 44सी

-गंगा गोमती के मछुआरों के लिए ठोस योजना का आभाव है। मत्स्य पालन पर जोर है पर मछुआरों की अनदेखी की गयी है। नौकायन और मछली पकड़ने के लिए सुविधा दी जानी चाहिए। अरविद मांझी, सिधौना। फोटो- 45सी

-प्राचीन सांस्कृतिक धरोहरों और प्राकृतिक संपदा को सहेजने का प्रयास सराहनीय है। धार्मिक और पौराणिक स्थलों को पूर्ण जागृत करने के लिए बजट का प्रावधान अच्छा है। बालकृष्ण पाठक, फरीदहा। फोटो- 46सी -तालाबों के उद्धारिकरण अच्छा प्रयास है पर अधिकांश गांवों में तालाबों और जलाशयों के अवैध कब्जे को मुक्त कराने के साथ कुओं के साफ सफाई की योजनाएं भी होनी चाहिए।- जयप्रकाश मिश्रा, अधिवक्ता, सिधौना। फोटो- 47सी -निजी विद्यालयों और निजी चिकित्सालयों पर नियंत्रण का कोई ठोस उपाय नही दिखाई पड़ा जिससें अधिकांश लोग प्रभावित होते हैं।- तूफानी बिद, खानपुर। फोटो- 48सी -इस बजट में कन्याओं और बालिकाओं पर विशेष ध्यान दिया गया है। बेटी पढ़ाओ और बेटी बचाओ योजनाओं के साथ बालिका और कन्या भ्रूण हत्या पर प्रभावी रोकथाम लगेगी।- रिकी सिंह, ग्रामप्रधान, खानपुर। फोटो- 49सी

ग्रामीण स्तर पर खेलकूद को बढ़ावा देने के लिए बजट में प्रावधान किया जाना अच्छा प्रयास है। खिलाड़ियों को प्रशिक्षण की योजनाओं को मूर्तरूप देना युवा पीढ़ी के बेहतर भविष्य का परिचायक है।- जितेंद्र सिंह, बिझवल, खानपुर। फोटो- 50सी

- प्रदेश सरकार की ओर से पेश बजट का कोई मतलब नहीं दिख रहा है। इसमें व्यापारियों या आम लोगों के लिए किसी तरह की राहत की बात नहीं दिख रही है।- अनिल कुमार पांडेय, मुहम्मदाबाद।

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- पराली की प्रबंधन परियोजना के लिए सरकार की ओर से धनराशि जारी की गई है, यह स्वागत योग्य हैं लेकिन इतने बड़े प्रदेश इतनी कम रकम का कोई मतलब नहीं है।- हरिनारायण यादव, डोमनपुरा।

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- पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे को बलिया तक बढ़ाए जाने के लिए बजट में धनराशि की व्यवस्था कर दिए जाने से अब निश्चित हो गया कि अब परियोजना पूरी तरह से मूर्त रूप धारण करेगी।- लड्डू तिवारी, तिवारीपुर।

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- सरकार ने बजट में परिवहन व पर्यटन के विकास के लिए काफी व्यवस्था की है। इसका लाभ आने वाले समय में सबको मिलेगा। आशुतोष राय, मुहम्मदाबाद ।

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-किसानों की सबसे बड़ी समस्या पराली का निस्तारण करना है। इसके लिए सरकार ने बजट में व्यवस्था कर सराहनीय कार्य किया है। सुभाष राय, जोगा मुसाहिब। फोटो-55सी

- बजट में शिक्षा के विकास के लिए कोई खासा महत्व नहीं दिख रहा है। सरकार को ग्रामीण इलाकों में कालेज आदि खुलवाने के लिए बजट में व्यवस्था करना चाहिए था। राकेश राय, मुहम्मदाबाद ।

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