एक पीपा पुल चालू नहीं, दूसरा अधूरा

जिले का बच्छलपुर-रामपुर पीपा पुल अभी तक चालू नहीं हो पाया है।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 19 Jan 2022 07:01 PM (IST) Updated:Wed, 19 Jan 2022 07:01 PM (IST)
एक पीपा पुल चालू नहीं, दूसरा अधूरा
एक पीपा पुल चालू नहीं, दूसरा अधूरा

जागरण संवाददाता, गाजीपुर : जिले का बच्छलपुर-रामपुर पीपा पुल अभी तक चालू नहीं हो पाया है, वहीं बारा गंगा घाट पर बना पीपा पुल अब भी अधूरा है। इस पर केवल दो पहिया वाहनों का ही आवागमन हो रहा है। ऐसे में लोगों को नाव से आना-जाना पड़ रहा है, जो खतरे से खाली नहीं है।

मुहम्मदाबाद : बच्छलपुर-रामपुर पीपा पुल को चालू कराने को लेकर मंगलवार को बलिया के नौरंगा घाट से सात पीपा मंगाए गए। पीपा को पांच नावों से खींचकर लाया गया। इसे लगाने में मजदूर जुटे रहे। अब स्लीपर कम पड़ने की संभावना जताई जा रही है। स्लीकर कम नहीं हुआ तो इस सप्ताह पुल से आवागमन बहाल हो जाएगा। 20 दिन पूर्व पीपे कम होने से पुल निर्माण का कार्य ठप हो गया था। इस कारण गंगा पार दियारा में खेती करने वाले किसानों के अलावा रामपुर, रेवतीपुर सहित जमानियां, सेवराई तहसील के गांवों व निकटवर्ती बिहार तक आवागमन के लिए लोगों को नाव का सहारा लेना पड़ रहा है। करीब 30 से 40 किलोमीटर की अतिरिक्त दूरी तय करनी पड़ रही है। डीएम मंगला प्रसाद सिंह ने 10 दिनों के अंदर पुल को चालू कराने का आदेश पीडब्ल्यूडी को दिया था। अवर अभियंता महेंद्र प्रसाद मौर्य ने बताया कि स्लीपर की भी व्यवस्था की जा रही है।

अब तक नहीं बना एप्रोच मार्ग

भदौरा : क्षेत्र के बारा गंगा घाट पर बने पीपा पुल पर दो पहिया वाहनों का ही आवागमन हो रहा है। अब तक एप्रोच मार्ग नहीं बना है। पुल की लकड़ियां जर्जर हो गई हैं। पीपे के अभाव में गंगा में बालू भरकर बोरियां डाली गई हैं। संसाधनों की कमी व आधा- अधूरा पीपा पुल पर परिचालन प्रारंभ होने से लोग जान हथेली पर रखकर आवागमन करने को विवश हैं। लकड़ी के बल्लियों को एक- एक फीट की दूरी पर लगाया गया है। बिछाई गई लोहे की प्लेटें भी अव्यवस्थित हैं। पीडब्ल्यूडी के जेई शाहनवाज अहमद ने बताया कि पीपा पुल को पैदल व दो पहिया वाहनों के लिए शुरू किया गया है। अभी लकड़ी की कमी है। 1200 लकड़ियों की मांग की गई है। गंगा में पानी बढ़ने के कारण बोरियां डाली गई हैं।

200 से अधिक गांव के लोग हो रहे प्रभावित

गाजीपुर: बलिया जनपद के भरौली पक्का पुल के बाद हमीद सेतु है। इसके बीच की दूरी करीब 50 किमी है। इसके बीच मुहम्मदाबाद के बच्छलपुर-रामपुर और भांवरकोल के फिरोजपुर-बारा दो पीपा पुल हैं। बच्छलपुर-रामपुर अभी शुरू नहीं हो सका है, वहीं फिरोजपुर-रामपुर पीपा पुल अभी अधूरा है। ऐसे में मुहम्मदाबाद के साथ ही सेवराई और जमानियां तहसील के करीब दो सौ से अधिक गांव के लोग इससे प्रभावित हो रहे हैं और काफी कठिनाई हो रही है। इससे लाखों की आबादी जुड़ी है।

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