जमानियां ब्लॉक प्रमुख के खिलाफ फिर अविश्वास प्रस्ताव

जमानियां ब्लाक प्रमुख सीमा यादव की मुश्किल एक बार फिर बढ़ गई। उनपर भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए 91 सदस्यों ने हस्ताक्षरयुक्त शपथ पत्र डीएम के बालाजी को सोमवार को सौंपा। अविश्वास प्रस्ताव आने के बाद डीएम ने पूरे मामले की जांच कर कार्रवाई का निर्देश डीपीआरओ लालजी दुबे के दिया। एक बार फिर बीडीसी सदस्यों के लामबंद होने से जमानियां क्षेत्र की राजनीति गरमा गई है। बीडीसी सदस्यों का आरोप है कि सीमा यादव जब से ब्लाक प्रमुख बनी हैं, तब से ब्लाक में भ्रष्टाचार का बोलबाला हो गया है। सदस्यों को बिना सूचना दिए ही कार्य करा दिया जा रहा है। सदस्य अगर कोई बात रखते हैं तो उसकी सुनवाई नहीं होती। इससे तंग आकर 91 सदस्य अविश्वास प्रस्ताव लाने के लिए डीएम से गुहार लगाई।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 03 Dec 2018 10:03 PM (IST) Updated:Mon, 03 Dec 2018 11:40 PM (IST)
जमानियां ब्लॉक प्रमुख के खिलाफ फिर अविश्वास प्रस्ताव
जमानियां ब्लॉक प्रमुख के खिलाफ फिर अविश्वास प्रस्ताव

जागरण संवाददाता, गाजीपुर : जमानियां ब्लाक प्रमुख सीमा यादव की मुश्किलें एक बार फिर बढ़ गईं। उनपर भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए 91 क्षेत्र पंचायत सदस्यों ने हस्ताक्षरयुक्त शपथ-पत्र डीएम के. बालाजी को सोमवार को सौंपा। अविश्वास प्रस्ताव आने के बाद डीएम ने पूरे मामले की जांच कर कार्रवाई का निर्देश डीपीआरओ लालजी दुबे को दिया। एक बार फिर बीडीसी के लामबंद होने से जमानियां क्षेत्र की राजनीति गरमा गई है।

सदस्यों का आरोप है कि सीमा यादव जब से ब्लाक प्रमुख बनीं हैं तब से ब्लाक में भ्रष्टाचार का बोलबाला हो गया है। सदस्यों को बिना सूचना दिए ही कार्य करा दिया जा रहा है। सदस्य अगर कोई बात रखते हैं तो उसकी सुनवाई नहीं होती। इससे तंग आकर 91 सदस्यों ने अविश्वास प्रस्ताव का निर्णय लिया। विदित हो कि पिछले वर्ष भी नवंबर माह में 75 क्षेत्र पंचायत सदस्यों ने हरवंश यादव के नेतृत्व में यह आरोप लगाते हुए अविश्वास प्रस्ताव सौंपा था कि ब्लाक प्रमुख ने पूर्व प्रमुख, एमएलसी व अन्य मदों से कराए गए कार्य को अपना दिखाते हुए भुगतान करा लिया है। तब यह भी आरोप लगाया गया था कि क्षेत्र पंचायत की बैठक की समय से सूचना नहीं दी जाती। साथ ही प्रमुख ने अपने पति व पुत्र के ईंट भठ्ठों के बने फर्मों को ही अधिकतर कार्यों का भुगतान किया गया है। खड़ंजों में द्वितीय व तृतीय श्रेणी की ईंट का प्रयोग किया गया है। अविश्वास प्रस्ताव आने के बाद डीएम ने इस पर चर्चा के लिए तारीख मुकर्रर कर दी थी। हालांकि बाद में कोरम के अभाव में अविश्वास प्रस्ताव गिर गया और सीमा यादव अपनी कुर्सी बचाने में कामयाब रहीं। एक बार फिर अविश्वास प्रस्ताव आने से मामला गरमा गया है। ---

ठीक नहीं है इनकी मंशा

-क्षेत्र में हुए विकास कार्यों पर कोई अंगुली नहीं उठा सकता। रही बात फिर अविश्वास प्रस्ताव लाने की तो यह साजिश के तहत किया गया है। वे लाख चाह लें लेकिन उनके मंसूबे सफल नहीं होंगे। हम लोगों को सदस्यों और जिला प्रशासन पर पूरा भरोसा है। इस बार भी आरोप लगाने वालों की ही हार होगी।

-दिनेश यादव, ब्लाक प्रमुख प्रतिनिधि जमानियां ब्लाक।

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