चौपायों के दंत प्रहार पर तुरंत इलाज जरूरी

जागरण संवाददाता खानपुर (गाजीपुर) क्षेत्र के अनौनी स्वास्थ्य केंद्र में विश्व रैबीज दिवस पर लोगों

By JagranEdited By: Publish:Tue, 28 Sep 2021 09:11 PM (IST) Updated:Tue, 28 Sep 2021 09:11 PM (IST)
चौपायों के दंत प्रहार पर तुरंत इलाज जरूरी
चौपायों के दंत प्रहार पर तुरंत इलाज जरूरी

जागरण संवाददाता, खानपुर (गाजीपुर) : क्षेत्र के अनौनी स्वास्थ्य केंद्र में विश्व रैबीज दिवस पर लोगों को कुत्तों के काटने पर तुरंत इलाज कराने के लिए प्रेरित किया गया। डॉ प्रकाश पांडेय ने कहा कि स्तनधारी जंतुओं के काटने पर सतर्क रहें। कुत्ते, बंदर, सियार, बिल्ली जैसे जानवरों के काटने पर तुरंत चिकित्सक से संपर्क कर इलाज शुरू कराएं। रेबीज का वायरस सीधे दिमाग पर हमला करता है। बीमारी गंभीर होने पर मरीज की जान बचाना भी मुश्किल हो जाता है। रेबीज संक्रमित जानवर के काटने से यह खतरनाक वायरस पेरीब्रल नर्व के माध्यम से व्यक्ति के तंत्रिकातंत्र (सीएनएस) पर हमला करते हुए दिमाग तक पहुंच बना लेता है। इससे पीड़ित व्यक्ति के मस्तिष्क की मांसपेशियों में सूजन आने के साथ स्पाइनल कार्ड भी प्रभावित हो जाती है। व्यक्ति में इंसेफ्लाइटिस जैसी स्थिति हो जाती है और वह कोमा में जाने से मौत हो जाती है। व्यक्ति में रेबीज का संक्रमण फैलने पर वह फोटोफोबिया, थरमोफोबिया, हाइड्रोफोबिया व एयरोफोबिया से ग्रसित हो जाता है। जिससे व्यक्ति चमक यानी रोशनी से भागता है, अधिक गर्मी होने पर भी खुद में असहज महसूस करता है, पानी से दूर भागता है, तेज हवा भी बर्दाश्त नहीं कर पाता और संक्रमण से व्यक्ति जानवर की भांति ही हिसात्मक व आक्रामक हो जाता है। थोड़ी सी सावधानी बरतने और प्राथमिक उपचार करने पर 80 फीसद संक्रमण का खतरा टल जाता है। जानवरों के काटने से पीड़ित व्यक्ति को डिटरजेंट साबुन के पानी से घाव को 15 मिनट तक धुलना चाहिए। घाव धोने के बाद एंटीसेप्टिक क्रीम, लोशन, डेटाल, स्प्रिट, बीटाडीन आदि लगाया जा सकता है।

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