अतिक्रमण की गिरफ्त में सरकारी तालाब

बारा (गाजीपुर) जलस्त्रोतों को अतिक्रमण से मुक्त कराने के सरकारी संकल्प को सेवराईं तहसील के कुतुबपुर गांव में कड़ी चुनौती मिल रही है। गांव के बीच स्थित सरकारी तालाब अतिक्रमण की गिरफ्त में है। अतिक्रमणकारियों ने गड़ही के आधे से अधिक हिस्से पर न सिर्फ अवैध कब्जा जमा रखा है बल्कि सरकारी जमीन पर अपना पक्का मकान बना लिया है।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 27 Aug 2019 05:04 PM (IST) Updated:Tue, 27 Aug 2019 05:04 PM (IST)
अतिक्रमण की गिरफ्त में सरकारी तालाब
अतिक्रमण की गिरफ्त में सरकारी तालाब

जासं, बारा (गाजीपुर) : जलस्त्रोतों को अतिक्रमण से मुक्त कराने के सरकारी संकल्प को सेवराईं तहसील के कुतुबपुर गांव में कड़ी चुनौती मिल रही है। गांव के बीच स्थित सरकारी तालाब अतिक्रमण की गिरफ्त में हैं। अतिक्रमणकारियों ने गड़ही के आधे से अधिक हिस्से पर न सिर्फ अवैध कब्जा जमा रखा है, बल्कि सरकारी जमीन पर अपना पक्का मकान बना लिया है।  तालाब का कुल रकबा दो बीघे से भी अधिक है और जल संरक्षण का महत्वपूर्ण केंद्र है। दुर्भाग्य यह है कि ग्रामीणों द्वारा तालाब के आधे से अधिक भू भाग को कब्जे में लेकर उस पर न सिर्फ झोपड़ीनुमा घर बना लिया गया है, बल्कि पशु मवेशियों को रखने का सुरक्षित स्थान कर लिया गया है। जमीन पर अतिक्रमण की ऐसी होड़ मची है कि चारों ओर से ग्रामीण कब्जा जमा कर पक्के मकानों का निर्माण करा रहे हैं। ऐसा भी नहीं है कि यह मामला प्रशासन के संज्ञान में नहीं है।

ग्रामीणों में आक्रोश

: सरकारी जमीन पर अवैध अतिक्रमण से गांव के लोगों में भी नाराजगी है। बताया जाता है कि कुछ लोगों द्वारा सरकारी तालाब पर अतिक्रमण किया गया है। आज सरकारी गड़ही पूरी तरह से कुछ लोगों के कब्जे में है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा सभी सरकारी जमीनों को अतिक्रमण मुक्त कराने के मजबूत दावे पर इस सरकारी गड़ही के भी अतिक्रमण मुक्त होने की संभावना बढ़ी थी। हालांकि, ग्रामीण इसे आसान नहीं मानते हैं।  ग्रामीणों का कहना है कि तालाब की जमीन पर कब्जे में भू माफिया भी शामिल हैं। ऐसे में प्रशासन को तालाब को अतिक्रमण मुक्त कराने में सख्ती बरतनी होगी।

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