पति-पत्नी के हत्यारे पिता-पुत्र सहित चार को आजीवन कारावास

अपर सत्र न्यायाधीश/एफटीसी द्वितीय दुर्गेश की अदालत ने गुरुवार को पति-पत्नी के निर्मम हत्या के बहुचर्चित मामले में पिता-पुत्र सहित चार लोगों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 20 Jan 2022 10:23 PM (IST) Updated:Thu, 20 Jan 2022 10:23 PM (IST)
पति-पत्नी के हत्यारे पिता-पुत्र सहित चार को आजीवन कारावास
पति-पत्नी के हत्यारे पिता-पुत्र सहित चार को आजीवन कारावास

जागरण संवाददाता, गाजीपुर : अपर सत्र न्यायाधीश/एफटीसी द्वितीय दुर्गेश की अदालत ने गुरुवार को पति-पत्नी के निर्मम हत्या के बहुचर्चित मामले में पिता-पुत्र सहित चार लोगों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई। आरोपित दुर्गा चौबे व उनके पुत्र बिट्टू चौबे 400500-400500 एवं दिलीप चौबे, राकेश चौबे पर 430500-430500 रुपये के अर्थदंड से दंडित किया है। अर्थदंड की धनराशि से 70 फीसद मृतक के उत्तराधिकारी को देने का आदेश दिया है।

अभियोजन के अनुसार सुहवल थाना क्षेत्र के तिरलोकपुर निवासी रामविलास सिंह ने 19 दिसंबर 2009 को इस आशय की तहरीर दी कि बीती रात उसका इकलौता पुत्र कमलेश सिंह अपनी पत्नी सरोज सिंह के साथ सामने के कमरे में सोया हुआ था। इसी दौरान आधी रात को आरोपित दुर्गा चौबे उनका लड़का दिलीप चौबे, राकेश चौबे, बिट्टू चौबे तथा नंदू यादव उर्फ नंदजी यादव एकराय होकर मेरे लड़के के कमरे के तरफ गए। आपस में कहने लगे कि यह घूम-घूम कर बिहार जा कर मुकदमें की पैरवी कर रहा है, इसे जान से मार दिया जाए। आवाज सुनकर कमलेश जग गया। तभी उसके ऊपर उपरोक्त लोगों ने गोली मार दी। जिससे वह गिर गया, आवाज पर उसकी पत्नी सरोज बाहर की तरफ भागी तो उसके ऊपर भी फायर झोंक दिया और दोनों की मौत हो गई। सुहवल थाने में आरोपितों के विरुद्ध मुकदमा दर्ज हुआ। पुलिस ने विवेचना उपरांत आरोपितों के विरुद्ध न्यायालय में आरोप पत्र प्रस्तुत किया। दौरान विचारण अभियोजन की तरफ से सहायक शासकिय अधिवक्ता अखिलेश सिंह ने कुल 10 गवाहों को पेश किया। सभी ने अपना-अपना बयान न्यायालय में दर्ज कराया। दोनों तरफ की बहस सुनने के बाद न्यायालय पिता व पुत्रों को दोषी पाते हुए उपरोक्त सजा से दंडित किया। वहीं संदेह का लाभ देते हुए नंदू यादव उर्फ नंदजी यादव को दोषमुक्त कर दिया।

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