जिले के 155 वनवासी परिवारों को मिली छत

जासं, गाजीपुर : आजादी के सात दशक बाद भी बदतर जीवन जी रहे वनवासी परिवारों के दिन अब बहुर

By JagranEdited By: Publish:Sun, 23 Sep 2018 09:25 PM (IST) Updated:Sun, 23 Sep 2018 09:25 PM (IST)
जिले के 155 वनवासी परिवारों को मिली छत
जिले के 155 वनवासी परिवारों को मिली छत

जासं, गाजीपुर : आजादी के सात दशक बाद भी बदतर जीवन जी रहे वनवासी परिवारों के दिन अब बहुरने वाले हैं। प्रदेश सरकार द्वारा संचालित 'मुख्यमंत्री आवास योजना-ग्रामीण' के तहत जिले के 155 वनवासी परिवारों को छत मुहैया करायी जा रही है। चयन के बाद लाभार्थी परिवारों के बैंक खाते में पहली किस्त भेज भी दी गई है। कई जगह निर्माण कार्य भी शुरू हो चुके हैं। इस योजना के तहत 155 वनवासी परिवारों के अलावा दैवीय आपदा से पीड़ित चार अन्य परिवारों का भी चयन इस योजना के लिए किया गया है। हालांकि इस योजना का लाभ 'मुख्यमंत्री समग्र ग्राम विकास' योजना के तहत चिह्नित गांव के लोगों को ही दिया जा रहा है।

प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में दैवीय आपदा एवं बेघर जीर्ण-शीर्ण आवास वाले और कच्चे घरों में रह रहे गरीब परिवारों को मुफ्त आवास उपलब्ध कराये जाने के उद्देश्य से 'मुख्यमंत्री आवास योजना-ग्रामीण' लागू की गयी है। इस योजना के तहत ग्रामीण क्षेत्रों में निवास करने वाले मुसहर जाति के अलावा प्राकृतिक आपदा के कारण बेघर हो जाने वाले ऐसे परिवार जो आवासीय सुविधा न होने के कारण छत विहीन एवं आश्रय विहीन, कालाजार से प्रभावित आवास विहीन या कच्चे, जर्जर आवासों में निवास कर रहे हैं का चयन किया जा रहा है। 'मुख्यमंत्री आवास योजना-ग्रामीण' के तहत जिले को 159 आवास बनाने का लक्ष्य मिला था। इसके सापेक्ष शत-प्रतिशत लाभार्थियों का चयन कर लिया गया है। इसमें से 155 वनवासी और चार दैवीय आपदा पीड़ित परिवार

शामिल हैं। प्रत्येक लाभार्थी को आवास बनाने के लिए तीन किस्तों में 1.20 लाख रुपये प्रदान किए जाएंगे। फिलहाल पहली किस्त अधिकांश के खाते में भेज भी दी गई है।

पात्र परिवारों का ही किया गया चयन

- 'मुख्यमंत्री आवास योजना-ग्रामीण' के तहत उन्हीं परिवारों को चयन किया गया है जो इसकी पात्रता की शर्तें पूरी करते हैं। चयनित 159 लाभार्थियों में से अधिकतर के खातों में पहली किस्त भेज दी गई है और जो बचे हीं उनको भी भेजी जा रही है। अभी कई बहुत से परिवार ऐसे हैं जिनको आवास की जरूरत है। अगली बार उनका भी चयन किया जाएगा।

- विजय प्रकाश वर्मा, परियोजना निदेशक।

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