छायावाद युग के सर्वश्रेष्ठ कवि थे निराला

गाजीपुर : पंडित रामचरित उपाध्याय स्मृति संस्थान की ओर से वाणी प्रतिष्ठान रवींद्रपुरी में निराला जयंत

By Edited By: Publish:Sun, 25 Jan 2015 07:20 PM (IST) Updated:Sun, 25 Jan 2015 07:20 PM (IST)
छायावाद युग के सर्वश्रेष्ठ कवि थे निराला

गाजीपुर : पंडित रामचरित उपाध्याय स्मृति संस्थान की ओर से वाणी प्रतिष्ठान रवींद्रपुरी में निराला जयंती पर शनिवार को काव्य गोष्ठी हुई। इस दौरान साहित्यकार डा. जितेंद्र नाथ पाठक ने कहा कि निराला छायावाद युग के सर्वश्रेष्ठ कवि थे। उनकी कविता सिद्धि की ही नहीं संभावना की भी कविता है।

उन्होंने कहा कि समकालीन कविता निराला के पदचिह्नों पर चल रही है। निराला के काव्य शीर्ष का निर्माण उनकी तीन कविताएं करती हैं। खंड काव्य तुलसीदास, राम की शक्ति पूजा और शोक कविता सरोज स्मृति। कहा कि निराला हिंदी में प्रगतिवाद के प्रथम कवि हैं। 1936 में प्रगतिवादी आंदोलन के शुरू होने के पहले ही निराला 'वह तोड़ती पत्थर', 'भिक्षुक', 'विधवा' जैसी कविताएं लिख चुके थे। उनकी 'कुकुरमुत्ता' कविता तो स्पष्टत: मा‌र्क्सवादी एवं क्रांतिवादी है। अध्यक्ष प्रो.रामवृक्ष पांडेय ने निराला के प्रकृति चित्रण को केंद्र में रखकर जूही की कली के ऐतिहासिक महत्व की चर्चा की। कहा कि कली का खिलना भी एक संघर्ष की परिणति है। डा. गौरीशंकर राय ने निराला को महाप्राण कवि बताया। इस दौरान अनंतदेव पांडेय, गौरीशंकर राय व हंटर गाजीपुरी ने अपने गीत और मुक्तक सुनाए। अंबिका प्रसाद पांडेय ने आभार जताया।

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